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नीति घाटी के बर्फानी बाबा टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा की शुरुआत - नीति घाटी के बाबा बर्फानी

अमरनाथ बाबा की तरह उत्तराखंड के चमोली में टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा शुरू हुई. तीर्थ यात्री व पर्यटकों को नीति घाटी में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए सड़क से डेढ़ किलोमीटर की चढ़ाई चढ़नी होगी.

timbarsain mahadev yatra
आज से शुरू हुई बर्फानी बाबा टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा
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Published : Apr 7, 2021, 4:00 AM IST

Updated : Apr 7, 2021, 2:07 PM IST

चमोलीः बाबा अमरनाथ यात्रा की तर्ज पर देश-दुनिया के तीर्थ यात्री अब उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली की नीति घाटी में स्थित टिम्मरसैंण महादेव की बुधवार से शुरू हो गई है. यात्रा शुरू होने से पहले चमोली जिला प्रशासन ने बीआरओ, आईटीबीपी एवं स्थानीय लोगों के साथ बैठक की. तीर्थ यात्री एवं पर्यटकों को नीति घाटी में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए सड़क से डेढ़ किलोमीटर की चढ़ाई चढ़नी होगी. इसके साथ ही तीर्थयात्री बाम्पा में पंचनाग देवता तथा गमशाली में हीरामणी माता मंदिर, पंचधारा आदि तीर्थ स्थलों के दर्शन के साथ ही नीति घाटी के नैसर्गिक सौन्दर्य का आनंद भी लेंगे.

बर्फानी बाबा टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा की शुरुआत.

बता दें कि टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर सोमवार को जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की अध्यक्षता में क्लेक्ट्रेट सभागार में अहम बैठक हुई थी. बैठक में 7 अप्रैल से टिम्मरसैंण की यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया गया. जिलाधिकारी ने यात्रा मार्ग पर चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ भोजन, पानी, शौचालय आदि जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश संबधित अधिकारियों को दिए हैं. सुरक्षा के लिहाज से टिम्मरसैंण जाने वाले यात्रियों को सुबह जाकर उसी दिन शाम तक वापस लौटना होगा. इसके लिए सुराईथोटा बैरियर से सुबह 11 बजे तक ही टिम्मरसैंण जाने की अनुमति दी जाएगी. ताकि सभी यात्री महादेव के दर्शन करने के बाद उसी दिन लौट सकें.

ये भी पढ़ेंः गंगोत्री धाम में बर्फबारी जारी, यमुनोत्री धाम में झमाझम बारिश

जिलाधिकारी ने यात्रियों की सुविधा के देखते हुए एसडीआरएफ की तैनाती करने तथा गमशाली में चिकित्सकों की तैनाती कर स्वास्थ्य केन्द्र संचालित करने के निर्देश दिए. ताकि यात्रियों को गमशाली में चिकित्सा सुविधा मिल सके. बीआरओ और आईटीबीपी को यात्रा मार्ग को सुचारू रखने को कहा गया. बैठक में डीएम ने क्षेत्र के ग्राम प्रधानों से भी सुझाव लिए. उन्होंने ग्राम प्रधानों को क्षेत्र में लोगों को होम स्टे संचालन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भी कहा. ताकि तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों को यहां रूकने की सुविधा मिले और क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ मिले.

क्या है टिम्मरसैंण यात्रा

सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ ब्लॉक की प्रसिद्व नीति घाटी के अंतिम गांव से एक किमी पहले टिम्मरसैंण में पहाड़ी पर स्थित गुफा के अंदर एक शिवलिंग विराजमान हैं. इस पर पहाड़ी से टपकने वाले जल से हमेशा अभिषेक होता रहता है. इसी शिवलिंग के पास बर्फ पिघलने के दौरान प्रतिवर्ष बर्फ शिवलिंग का आकार लेता है. स्थानीय लोग इसे बर्फानी बाबा या टिम्मरसैंण महादेव के नाम से जानते हैं. इसे छोटा अमरनाथ, उत्तराखंड की अमरनाथ गुफा और बर्फानी बाबा भी कहते है. जिस स्थान पर बर्फ का शिवलिंग दिखाई देता है, उसे स्थानीय लोग बबूक उडियार के नाम से जानते हैं. यहां पर दिसंबर से अप्रैल के बीच बर्फ के शिवलिंग के दर्शन होते हैं.

आईटीबीपी के हिमवीर भी यहां पर भोले के दर्शन करने के बाद ही आगे बढते हैं टिम्मरसैंण महादेव के प्रति लोगों की आस्था और प्राकृतिक सौन्दर्य के कारण यह क्षेत्र तीर्थाटन तथा ट्राइबल टूरिज्म के रूप में विकसित हो रहा है. सावन महीने में रोंग्पा घाटी में मौजूद टिम्मरसैंण महादेव के दर्शनों के लिए दूर-दूर से भक्त यहां पहुंचते हैं.

चमोलीः बाबा अमरनाथ यात्रा की तर्ज पर देश-दुनिया के तीर्थ यात्री अब उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली की नीति घाटी में स्थित टिम्मरसैंण महादेव की बुधवार से शुरू हो गई है. यात्रा शुरू होने से पहले चमोली जिला प्रशासन ने बीआरओ, आईटीबीपी एवं स्थानीय लोगों के साथ बैठक की. तीर्थ यात्री एवं पर्यटकों को नीति घाटी में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए सड़क से डेढ़ किलोमीटर की चढ़ाई चढ़नी होगी. इसके साथ ही तीर्थयात्री बाम्पा में पंचनाग देवता तथा गमशाली में हीरामणी माता मंदिर, पंचधारा आदि तीर्थ स्थलों के दर्शन के साथ ही नीति घाटी के नैसर्गिक सौन्दर्य का आनंद भी लेंगे.

बर्फानी बाबा टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा की शुरुआत.

बता दें कि टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर सोमवार को जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की अध्यक्षता में क्लेक्ट्रेट सभागार में अहम बैठक हुई थी. बैठक में 7 अप्रैल से टिम्मरसैंण की यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया गया. जिलाधिकारी ने यात्रा मार्ग पर चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ भोजन, पानी, शौचालय आदि जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश संबधित अधिकारियों को दिए हैं. सुरक्षा के लिहाज से टिम्मरसैंण जाने वाले यात्रियों को सुबह जाकर उसी दिन शाम तक वापस लौटना होगा. इसके लिए सुराईथोटा बैरियर से सुबह 11 बजे तक ही टिम्मरसैंण जाने की अनुमति दी जाएगी. ताकि सभी यात्री महादेव के दर्शन करने के बाद उसी दिन लौट सकें.

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जिलाधिकारी ने यात्रियों की सुविधा के देखते हुए एसडीआरएफ की तैनाती करने तथा गमशाली में चिकित्सकों की तैनाती कर स्वास्थ्य केन्द्र संचालित करने के निर्देश दिए. ताकि यात्रियों को गमशाली में चिकित्सा सुविधा मिल सके. बीआरओ और आईटीबीपी को यात्रा मार्ग को सुचारू रखने को कहा गया. बैठक में डीएम ने क्षेत्र के ग्राम प्रधानों से भी सुझाव लिए. उन्होंने ग्राम प्रधानों को क्षेत्र में लोगों को होम स्टे संचालन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भी कहा. ताकि तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों को यहां रूकने की सुविधा मिले और क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ मिले.

क्या है टिम्मरसैंण यात्रा

सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ ब्लॉक की प्रसिद्व नीति घाटी के अंतिम गांव से एक किमी पहले टिम्मरसैंण में पहाड़ी पर स्थित गुफा के अंदर एक शिवलिंग विराजमान हैं. इस पर पहाड़ी से टपकने वाले जल से हमेशा अभिषेक होता रहता है. इसी शिवलिंग के पास बर्फ पिघलने के दौरान प्रतिवर्ष बर्फ शिवलिंग का आकार लेता है. स्थानीय लोग इसे बर्फानी बाबा या टिम्मरसैंण महादेव के नाम से जानते हैं. इसे छोटा अमरनाथ, उत्तराखंड की अमरनाथ गुफा और बर्फानी बाबा भी कहते है. जिस स्थान पर बर्फ का शिवलिंग दिखाई देता है, उसे स्थानीय लोग बबूक उडियार के नाम से जानते हैं. यहां पर दिसंबर से अप्रैल के बीच बर्फ के शिवलिंग के दर्शन होते हैं.

आईटीबीपी के हिमवीर भी यहां पर भोले के दर्शन करने के बाद ही आगे बढते हैं टिम्मरसैंण महादेव के प्रति लोगों की आस्था और प्राकृतिक सौन्दर्य के कारण यह क्षेत्र तीर्थाटन तथा ट्राइबल टूरिज्म के रूप में विकसित हो रहा है. सावन महीने में रोंग्पा घाटी में मौजूद टिम्मरसैंण महादेव के दर्शनों के लिए दूर-दूर से भक्त यहां पहुंचते हैं.

Last Updated : Apr 7, 2021, 2:07 PM IST
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