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मुख्य वन संरक्षक ने पिंडर घाटी में लिया वनाग्नि से नुकसान का जायजा - चमोली पिंडर घाटी

मुख्य वन संरक्षक रमेश चंद्र ने नारायणबगड़ में कहा कि वनों को बचाने के लिए वन विभाग और जनता का आपसी सामंजस्य बहुत जरूरी है.

Chamoli News
मुख्य वन संरक्षक ने पिंडर घाटी में लिया वनाग्नि से नुकसान का जायजा
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Published : Apr 10, 2021, 10:53 AM IST

चमोली: प्रदेश में जंगल आग से धधक रहे हैं, जिससे वन विभाग पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं जनपद दौरे पर आये मुख्य वन संरक्षक एनटीईपी एवं वन विभाग की ओर से जिला चमोली के नोडल अधिकारी बनाये गए रमेश चंद्र ने नारायणबगड़ पहुंचकर वनों में हुई आगजनी के नुकसान का जायजा लिया. साथ ही उन्होंने चमोली वन विभाग के अधिकारियों को आग बुझाने के लिए ग्रामीणों का अपेक्षित सहयोग लेने की भी बात कही.

मुख्य वन संरक्षक ने पिंडर घाटी में लिया वनाग्नि से नुकसान का जायजा
मुख्य वन संरक्षक रमेश चंद्र ने नारायणबगड़ विकासखंड के वन विश्राम गृह में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वनों को बचाने के लिए वन विभाग और जनता का आपसी सामंजस्य बहुत जरूरी है. इससे वनों में आग लगाने वाले अराजक तत्वों में कमी आ सकती है.उन्होंने आगे कहा कि जब लोग वनों को अपना समझेंगे तो वनों के संरक्षण में भी वृद्धि होगी. बताते चलें कि चमोली में भी ग्रामीण जंगलों की आग बुझाते समय बड़ी संख्या में झुलसे हैं.

पढ़ें-उत्तराखंड में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान पर मंडराया खतरा, दो दिन में खत्म होने वाली है डोज

वनाग्नि को बुझाने में घायल हुए लोगों को मुआवजे के सवाल पर मुख्य वन संरक्षक ने कहा कि जो व्यक्ति वनों की आग बुझाते समय अपनी जान खो देते हैं, उनके परिजनों को चार लाख तक का मुआवजा दिया जाने का प्रावधान है. वहीं आंशिक रूप से झुलस गए लोगों के लिए भी नियमानुसार उपचार के लिए सहयोग की व्यवस्था है. मुख्य वन संरक्षक रमेश चंद्र ने मौके पर ही वन क्षेत्राधिकारियों को निर्देश दिए कि फायर सीजन के प्रारंभ में ही ग्रामीणों, ग्राम प्रधानों, वन सरपंचों, समाजसेवी संस्थाओं और स्कूलों के छात्र छात्राओं से संवाद बनाकर वनाग्नि रोकने के लिए जनजागृति के अभियान चलाए जाए.

चमोली: प्रदेश में जंगल आग से धधक रहे हैं, जिससे वन विभाग पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं जनपद दौरे पर आये मुख्य वन संरक्षक एनटीईपी एवं वन विभाग की ओर से जिला चमोली के नोडल अधिकारी बनाये गए रमेश चंद्र ने नारायणबगड़ पहुंचकर वनों में हुई आगजनी के नुकसान का जायजा लिया. साथ ही उन्होंने चमोली वन विभाग के अधिकारियों को आग बुझाने के लिए ग्रामीणों का अपेक्षित सहयोग लेने की भी बात कही.

मुख्य वन संरक्षक ने पिंडर घाटी में लिया वनाग्नि से नुकसान का जायजा
मुख्य वन संरक्षक रमेश चंद्र ने नारायणबगड़ विकासखंड के वन विश्राम गृह में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वनों को बचाने के लिए वन विभाग और जनता का आपसी सामंजस्य बहुत जरूरी है. इससे वनों में आग लगाने वाले अराजक तत्वों में कमी आ सकती है.उन्होंने आगे कहा कि जब लोग वनों को अपना समझेंगे तो वनों के संरक्षण में भी वृद्धि होगी. बताते चलें कि चमोली में भी ग्रामीण जंगलों की आग बुझाते समय बड़ी संख्या में झुलसे हैं.

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वनाग्नि को बुझाने में घायल हुए लोगों को मुआवजे के सवाल पर मुख्य वन संरक्षक ने कहा कि जो व्यक्ति वनों की आग बुझाते समय अपनी जान खो देते हैं, उनके परिजनों को चार लाख तक का मुआवजा दिया जाने का प्रावधान है. वहीं आंशिक रूप से झुलस गए लोगों के लिए भी नियमानुसार उपचार के लिए सहयोग की व्यवस्था है. मुख्य वन संरक्षक रमेश चंद्र ने मौके पर ही वन क्षेत्राधिकारियों को निर्देश दिए कि फायर सीजन के प्रारंभ में ही ग्रामीणों, ग्राम प्रधानों, वन सरपंचों, समाजसेवी संस्थाओं और स्कूलों के छात्र छात्राओं से संवाद बनाकर वनाग्नि रोकने के लिए जनजागृति के अभियान चलाए जाए.

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