देहरादून: मोदी सरकार ने अपनी पहली ही कैबिनेट में शहीदों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति में बढ़ोत्तरी का एलान किया है. जिसके बाद से ही सैनिक वर्ग में खुशी की लहर है. सैनिक बाहुल्य राज्य उत्तराखंड में सैनिक पृष्ठभूमि के लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है. उनका कहना है कि मोदी सरकार ने अपनी दूसरी पारी की शुरुआत में सैनिकों के हितों के काम से की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली कैबिनेट में ही अहम फैसला लिया. शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने राष्ट्रीय रक्षा कोष के तहत प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना के रूप में दी जाने वाली स्कॉलरशिप में वृद्धि की है. केंद्रीय कैबिनेट में हुए फैसले के अनुसार सैनिक परिवार के छात्रों की राशि 2000 से बढ़ाकर 2500 रुपये और छात्राओं की छात्रवृति 2250 से बढ़ाकर 3000 रुपये मासिक कर दी गई है. वहीं इस छात्रवृत्ति में अब उन पुलिसकर्मियों के बच्चों को भी शामिल किया गया है जो आंतकी और नक्सली हमले के दौरान शहीद हुए हो.
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सैनिक बाहुल्य राज्य उत्तराखंड में दूसरी इनिंग की मौदी कैबिनेट के पहले फैसले से खुशी की लहर है. पूर्व सैनिक और शहीद सैनिकों के परिजनों ने मोदी सरकार के इस फैसले का दिल से स्वागत किया है. देहरादून में मौजूद पूर्व सैनिक संगठन ने इस फैसले के लिए पीएम मोदी का आभार जताया है. पूर्व सैनिक संगठन के पदाधिकारी शमशेर सिंह बिष्ट ने कहा है कि मोदी सरकार ने पहले भी सैनिकों के हितों के लिए काम किया है. दूसरी बार पहली ही कैबिनेट में मोदी सरकार ने जो फैसला लिया है उससे सीमा पर खड़े जवान का सीना और चौड़ा हो गया है.
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वहीं पूर्व सैनिक आर डी शाही ने मोदी कैबिनेट में सेना के शहीदों के साथ-साथ पुलिस और अर्धसैनिक बलों के परिवार को भी छात्रवृत्ति के दायरे में लाने वाले इस फैसले को बड़ा फैसला बाताया है. पूर्व सैनिक सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछली सरकार में वन रैंक वन पेंशन जैसा एतिहासिक फैसला लिया था और अब दूसरी पारी में शहीदों के बच्चों की छात्रवृत्ति का ये फैसला दर्शाता है कि पीएम मोदी देश के सैनिकों के परिवारों के प्रति कितने गंभीर हैं.