ETV Bharat / state

प्रदेश के सभी थाने होंगे साइबर एक्सपर्ट से लैस, चुनिंदा पुलिसकर्मियों को दिया जाएगा विशेष प्रशिक्षण

प्रदेश के सभी थानों में तैनात मुकदमा दर्ज करने वाले महिला व पुरुष मुंशी को साइबर प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिसके बाद वह साइबर क्राइम से आने वाली शिकायतों को थाने में दर्ज कर उस पर प्रभावी कानूनी कार्रवाई कर सकेंगे.

साइबर क्राइम
author img

By

Published : May 18, 2019, 4:36 AM IST

देहरादूनः प्रदेश भर के सभी थानों में तैनात मुकदमा दर्ज करने वाले एक मुख्य आरक्षी व दो महिला व पुरुष आरक्षक को साइबर प्रशिक्षण दिया जाएगा. सभी थानों के कुल 378 पुलिसकर्मियों को अलग-अलग चरणों में साइबर अपराध से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. देहरादून के सहसधारा संचार केंद्र में 50-50 कर्मियों को साइबर प्रशिक्षण दिया जाएगा.

साइबर क्राइम पर नकेल कसने पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

20 मई से शुरू होने वाले इस प्रशिक्षण में साइबर क्राइम की तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ इसमें अब तक दर्ज हुए अपराधों के आधार पर हाईटेक अपराधियों द्वारा प्रयोग की जाने वाली तकनीकी ज्ञान के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा. साइबर क्राइम को हैंडल करने से लेकर उस पर होने वाली कानूनी कार्रवाई के लिए आरक्षी पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा.

साइबर क्राइम अपराध प्रशिक्षण के तहत पुलिसकर्मियों को सोशल मीडिया आईटी एक्ट के दुरुपयोग को लेकर दर्ज होने वाले मामलों की जांच किस तरह से की जाती है और साइबर अपराधों की विवेचना के दौरान किन जरूरी साक्षी सबूतों को जुटाया जाता है इसकी विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी.

वहीं प्रदेश भर के सभी थानों को मिनी साइबर थाना बनाने की दिशा में जानकारी देते हुए उत्तराखंड में अपराध व कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि आज साइबर क्राइम तेजी से उभरता हुआ ऐसा अपराध है जिससे निजात पाना एक बड़ी चुनौती है.

यह भी पढ़ेंः ऋषिकेश में पार्किंग शुल्क मामले में पालिका अध्यक्ष और मेयर आमने-सामने, दिया खुला चैलेंज

ऐसे में साइबर क्राइम से पीड़ित लोग थानों में जाते हैं जहां अभी तक उनकी शिकायतों को दर्ज न करते हुए साइबर पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर किया जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. प्रदेश के सभी थानों में तैनात मुकदमा दर्ज करने वाले महिला व पुरुष मुंशी को साइबर प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिसके बाद वह साइबर क्राइम से आने वाली शिकायतों को थाने में दर्ज कर उस पर प्रभावी कानूनी कार्रवाई कर सकेंगे.


डीजी अशोक कुमार ने बताया कि साइबर क्राइम में होने वाले बड़े अपराधों को संबंधित थाना अपने यहां ट्रांसफर कर साइबर पुलिस स्टेशनों में भेजा जाएगा जहां से उन घटनाओं की जांच पड़ताल कर पीड़ितों को राहत देते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी

देहरादूनः प्रदेश भर के सभी थानों में तैनात मुकदमा दर्ज करने वाले एक मुख्य आरक्षी व दो महिला व पुरुष आरक्षक को साइबर प्रशिक्षण दिया जाएगा. सभी थानों के कुल 378 पुलिसकर्मियों को अलग-अलग चरणों में साइबर अपराध से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. देहरादून के सहसधारा संचार केंद्र में 50-50 कर्मियों को साइबर प्रशिक्षण दिया जाएगा.

साइबर क्राइम पर नकेल कसने पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

20 मई से शुरू होने वाले इस प्रशिक्षण में साइबर क्राइम की तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ इसमें अब तक दर्ज हुए अपराधों के आधार पर हाईटेक अपराधियों द्वारा प्रयोग की जाने वाली तकनीकी ज्ञान के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा. साइबर क्राइम को हैंडल करने से लेकर उस पर होने वाली कानूनी कार्रवाई के लिए आरक्षी पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा.

साइबर क्राइम अपराध प्रशिक्षण के तहत पुलिसकर्मियों को सोशल मीडिया आईटी एक्ट के दुरुपयोग को लेकर दर्ज होने वाले मामलों की जांच किस तरह से की जाती है और साइबर अपराधों की विवेचना के दौरान किन जरूरी साक्षी सबूतों को जुटाया जाता है इसकी विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी.

वहीं प्रदेश भर के सभी थानों को मिनी साइबर थाना बनाने की दिशा में जानकारी देते हुए उत्तराखंड में अपराध व कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि आज साइबर क्राइम तेजी से उभरता हुआ ऐसा अपराध है जिससे निजात पाना एक बड़ी चुनौती है.

यह भी पढ़ेंः ऋषिकेश में पार्किंग शुल्क मामले में पालिका अध्यक्ष और मेयर आमने-सामने, दिया खुला चैलेंज

ऐसे में साइबर क्राइम से पीड़ित लोग थानों में जाते हैं जहां अभी तक उनकी शिकायतों को दर्ज न करते हुए साइबर पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर किया जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. प्रदेश के सभी थानों में तैनात मुकदमा दर्ज करने वाले महिला व पुरुष मुंशी को साइबर प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिसके बाद वह साइबर क्राइम से आने वाली शिकायतों को थाने में दर्ज कर उस पर प्रभावी कानूनी कार्रवाई कर सकेंगे.


डीजी अशोक कुमार ने बताया कि साइबर क्राइम में होने वाले बड़े अपराधों को संबंधित थाना अपने यहां ट्रांसफर कर साइबर पुलिस स्टेशनों में भेजा जाएगा जहां से उन घटनाओं की जांच पड़ताल कर पीड़ितों को राहत देते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी

Intro:देहरादून: आधुनिकता के दौर में साइबर अपराध आज तेजी से उभरता हुआ एक ऐसा अपराध बन चुका है जिससे पार पाना पुलिस के लिए दिनोंदिन एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। इंटरनेट ऑनलाइन क्षेत्र के दायरे में आने वाले सभी तरह के सुविधाओं में तेजी से साइबर अपराध देश में अपनी पांव पसारता जा रहा है। साइबर अपराध की लगातार बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में उत्तराखंड पुलिस विभाग राज्य के सभी थानों को मिनी साइबर थाना बनाने जा रहा है।
प्रदेशभर के सभी थानों में मुकदमा दर्ज करने वाले 378 मुंशियों को साइबर क्राइम से निपटने के लिए 20 मई 2019 से देहरादून के सहसधारा रोड स्थित पुलिस संचार केंद्र में पांच दिवसीय साइबर प्रशिक्षण दिया जाएगा।


Body:20 मई से 50 के ग्रुप में पुलिसकर्मी लेंगे देहरादून में साइबर प्रशिक्षण

प्रदेश भर के सभी थानों में तैनात मुकदमा दर्ज करने एक मुख्य आरक्षी व दो महिला व पुरुष आरक्षण को साइबर प्रशिक्षण दिया जाएगा। सभी थानों के कुल 378 पुलिसकर्मियों को अलग-अलग चरणों में साइबर अपराध से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। देहरादून के सहसधारा संचार केंद्र में पचास -पचास कर्मियों को साइबर प्रशिक्षण दिया जाएगा। 20 मई 2019 से ,शुरू होने वाले इस प्रशिक्षण में साइबर क्राइम की तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ इसमें अब तक दर्ज हुए अपराधों के आधार पर हाईटेक अपराधियों द्वारा प्रयोग में लाने जाने वाली तकनीक ज्ञान के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा । साइबर क्राइम को हैंडल करने से लेकर उस पर होने वाली कानूनी कार्रवाई के लिए आरक्षी पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

साइबर क्राइम अपराध प्रशिक्षण के तहत पुलिसकर्मियों को सोशल मीडिया आईटी एक्ट के दुरुपयोग को लेकर दर्ज होने वाले मामलों की जांच किस तरह से की जाती है और साइबर अपराधों की विवेचना के दौरान किन जरूरी साक्षी सबूतों को जुटाया जाता है इसकी विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।


Conclusion:अब हर थाने से मिलेगी साइबरक्राइम पर पीड़ितों को मदद:डीजी

वहीं प्रदेश भर के सभी थानों को मिनी साइबर थाना बनाने की दिशा में जानकारी देते हुए उत्तराखंड में अपराध व कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि आज साइबर क्राइम तेजी से उभरता हुआ ऐसा अपराध है जिस से निजात पाना एक बड़ी चुनौती है,ऐसे में साइबर क्राइम से पीड़ित लोग थानों में जाते हैं जहां अभी तक उनकी शिकायतों को दर्ज ना करते हुए साइबर पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर किया जाता है,लेकिन अब ऐसा नहीं होगा प्रदेश के सभी थानों में तैनात मुकदमा दर्ज करने वाले महिला व पुरुष मुंशी को साइबर प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसके बाद वह साइबर क्राइम से आने वाली शिकायतों को थाने में दर्ज कर उस पर प्रभावी कानूनी कार्रवाई कर सके।

साइबर क्राइम के बड़े अपराध थानों से साइबर स्टेशनों में कार्रवाई के लिए ट्रांसफर किया जाएगा:डीजी

डीजी अशोक कुमार ने बताया कि साइबर क्राइम में होने वाले बड़े अपराधों को संबंधित थाना अपने यहाँ ट्रांसफर कर साइबर पुलिस स्टेशनों में भेजा जाएगा जहां से उन घटनाओं पर साइबर स्टेशन जांच पड़ताल कर पीड़ितों को राहत देते हुए कानूनी कार्रवाई करेगा।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.