देहरादूनः प्रदेश भर के सभी थानों में तैनात मुकदमा दर्ज करने वाले एक मुख्य आरक्षी व दो महिला व पुरुष आरक्षक को साइबर प्रशिक्षण दिया जाएगा. सभी थानों के कुल 378 पुलिसकर्मियों को अलग-अलग चरणों में साइबर अपराध से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. देहरादून के सहसधारा संचार केंद्र में 50-50 कर्मियों को साइबर प्रशिक्षण दिया जाएगा.
20 मई से शुरू होने वाले इस प्रशिक्षण में साइबर क्राइम की तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ इसमें अब तक दर्ज हुए अपराधों के आधार पर हाईटेक अपराधियों द्वारा प्रयोग की जाने वाली तकनीकी ज्ञान के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा. साइबर क्राइम को हैंडल करने से लेकर उस पर होने वाली कानूनी कार्रवाई के लिए आरक्षी पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा.
साइबर क्राइम अपराध प्रशिक्षण के तहत पुलिसकर्मियों को सोशल मीडिया आईटी एक्ट के दुरुपयोग को लेकर दर्ज होने वाले मामलों की जांच किस तरह से की जाती है और साइबर अपराधों की विवेचना के दौरान किन जरूरी साक्षी सबूतों को जुटाया जाता है इसकी विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी.
वहीं प्रदेश भर के सभी थानों को मिनी साइबर थाना बनाने की दिशा में जानकारी देते हुए उत्तराखंड में अपराध व कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि आज साइबर क्राइम तेजी से उभरता हुआ ऐसा अपराध है जिससे निजात पाना एक बड़ी चुनौती है.
यह भी पढ़ेंः ऋषिकेश में पार्किंग शुल्क मामले में पालिका अध्यक्ष और मेयर आमने-सामने, दिया खुला चैलेंज
ऐसे में साइबर क्राइम से पीड़ित लोग थानों में जाते हैं जहां अभी तक उनकी शिकायतों को दर्ज न करते हुए साइबर पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर किया जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. प्रदेश के सभी थानों में तैनात मुकदमा दर्ज करने वाले महिला व पुरुष मुंशी को साइबर प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिसके बाद वह साइबर क्राइम से आने वाली शिकायतों को थाने में दर्ज कर उस पर प्रभावी कानूनी कार्रवाई कर सकेंगे.
डीजी अशोक कुमार ने बताया कि साइबर क्राइम में होने वाले बड़े अपराधों को संबंधित थाना अपने यहां ट्रांसफर कर साइबर पुलिस स्टेशनों में भेजा जाएगा जहां से उन घटनाओं की जांच पड़ताल कर पीड़ितों को राहत देते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी