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बागेश्वर में खरेही पंपिंग योजना का ग्रामीणों ने किया विरोध, कही ये बात - 1979-80 में बिलौना सरयू नदी से पंपिंग योजना का निर्माण कराया गया

खरही पंपिंग योजना के पुनर्गठन को लेकर बिलौना में खेतों से बिछाई जा रही पाइप लाइन का विरोध तेज हो गया है. ग्रामीणों ने सर्वे बदलने की मांग की है.

बागेश्वर में खरेही पंपिंग योजना का ग्रामीणों ने किया विरोध
बागेश्वर में खरेही पंपिंग योजना का ग्रामीणों ने किया विरोध
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Published : Oct 11, 2021, 7:48 PM IST

बागेश्वर: खरही पंपिंग योजना के पुनर्गठन को लेकर बिलौना में खेतों से बिछाई जा रही पाइप लाइन का विरोध तेज हो गया है. लोगों ने पेयजल निगम पर बिना एनओसी खेतों में खुदाई करने का आरोप लगाया है और विभाग से सर्वे बदलने की मांग की. मामले को सुलझाने के लिए मौके पर गए ईई भी ग्रामीणों को समझाने में असफल रहें. ग्रामीणों ने कहा कि जबरन खेतों की खुदाई की गई तो उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

खरही पट्टी के लिए 1979-80 में बिलौना सरयू नदी से पंपिंग योजना का निर्माण कराया गया ‌‌था. ‌इस योजना का अब पुनर्गठन किया जा रहा है. जिसके तहत पेजयल निगम ने पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू किया. जिसके तहत पाइप खेतों से होकर गुजारे जा रहे हैं. जिसको लेकर लोग भड़क गए हैं.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में भी सख्त होगा धर्मांतरण कानून, जानकार बोले- धार्मिक असंतुलन रोकना जरूरी

लोगों का कहना है कि विभाग नाम जमीन की खुदाई कर रहा है. इसके लिए किसी भी खेत मालिक की अनुमति नहीं ली है. देर रात तक जेसीबी लगाकर विभाग खेतों को खोद रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि नाप जमीन पर पाइप लाइन डालने से खेत बर्बाद हो जाएंगे, जिसका असर फसल उत्पादन पर पड़ेगा. वहीं जमीन में मकान और अन्य निर्माण कार्य कराने में भी परेशानी होगी. ग्रामीण हरक सिंह कनवाल, मनोहर कनावल, सुंदर भंडारी, मोहन मेहता, जगदीश टाकुली सहित अन्य लोगों ने कहा कि विभाग उनकी नाम जमीन को बर्बाद करेगा तो उसे रोकने के लिए आंदोलन किया जाएगा.

इधर, जल निगम के अधिशासी अभियंता विपिन कुमार रवि ने बताया कि पाइप लाइन योजना के निर्माण के समय की सर्वे के अनुसार ही बिछाई जा रही है. जिस स्थान से पहले से पाइप-लाइन थी, उसी सर्वे पर नए पाइप ‌बिछाए जा रहे हैं. ग्रामीणों को पाइप लाइन से किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. ऐसे में अगर सर्वे बदली तो नुकसान उठाना पड़ेगा. फिलहाल अपने स्तर से ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है. अगर मामला नहीं सुलझा तो प्रशासन के संज्ञान में लाया जाएगा.

बागेश्वर: खरही पंपिंग योजना के पुनर्गठन को लेकर बिलौना में खेतों से बिछाई जा रही पाइप लाइन का विरोध तेज हो गया है. लोगों ने पेयजल निगम पर बिना एनओसी खेतों में खुदाई करने का आरोप लगाया है और विभाग से सर्वे बदलने की मांग की. मामले को सुलझाने के लिए मौके पर गए ईई भी ग्रामीणों को समझाने में असफल रहें. ग्रामीणों ने कहा कि जबरन खेतों की खुदाई की गई तो उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

खरही पट्टी के लिए 1979-80 में बिलौना सरयू नदी से पंपिंग योजना का निर्माण कराया गया ‌‌था. ‌इस योजना का अब पुनर्गठन किया जा रहा है. जिसके तहत पेजयल निगम ने पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू किया. जिसके तहत पाइप खेतों से होकर गुजारे जा रहे हैं. जिसको लेकर लोग भड़क गए हैं.

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लोगों का कहना है कि विभाग नाम जमीन की खुदाई कर रहा है. इसके लिए किसी भी खेत मालिक की अनुमति नहीं ली है. देर रात तक जेसीबी लगाकर विभाग खेतों को खोद रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि नाप जमीन पर पाइप लाइन डालने से खेत बर्बाद हो जाएंगे, जिसका असर फसल उत्पादन पर पड़ेगा. वहीं जमीन में मकान और अन्य निर्माण कार्य कराने में भी परेशानी होगी. ग्रामीण हरक सिंह कनवाल, मनोहर कनावल, सुंदर भंडारी, मोहन मेहता, जगदीश टाकुली सहित अन्य लोगों ने कहा कि विभाग उनकी नाम जमीन को बर्बाद करेगा तो उसे रोकने के लिए आंदोलन किया जाएगा.

इधर, जल निगम के अधिशासी अभियंता विपिन कुमार रवि ने बताया कि पाइप लाइन योजना के निर्माण के समय की सर्वे के अनुसार ही बिछाई जा रही है. जिस स्थान से पहले से पाइप-लाइन थी, उसी सर्वे पर नए पाइप ‌बिछाए जा रहे हैं. ग्रामीणों को पाइप लाइन से किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. ऐसे में अगर सर्वे बदली तो नुकसान उठाना पड़ेगा. फिलहाल अपने स्तर से ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है. अगर मामला नहीं सुलझा तो प्रशासन के संज्ञान में लाया जाएगा.

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