चंपावत: टनकपुर रेलवे स्टेशन से पास आज एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. दिल्ली से टनकपुर आ रही पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस (05326) टनकपुर स्टेशन पर पहुंचने से पहले होम सिग्नल नंबर तीन के पास (मनिहारगोठ के समीप) उल्टी दौड़ पड़ी. इससे उसमें सवार यात्रियों में हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि ट्रेन टनकपुर से चकरपुर तक उल्टी दिशा में काफी तेजी से करीब 10 किलोमीटर तक भागी. स्थानीय लोगों के प्रयासों से उसे किसी तरह रोका जा सका, तब जाकर यात्रियों ने राहत की सांस ली. गनीमत रही कि यात्रियों व ट्रेन को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचा. वहीं, इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में नार्दन रेलवे ने लोकोपायलट और गार्ड को निलंबित कर दिया गया है.
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उत्तराखंड: खटीमा में रेल का इंजन सांड से टकरा गया जिससे ब्रेक पाइप और फिल पाइप टूटने से ट्रेन पटरी पर उल्टी दौड़ने लगी। लोको पायलट, गॉर्ड निलंबित हुए।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 17, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
रेल कर्मचारी विक्रम ने बताया, "ट्रेन को रोकने के लिए मैंने हैंड ब्रेक लगाया। पटरी पर पत्थर रखकर उसे रोका। कोई नुकसान नहीं हुआ।" pic.twitter.com/yFaX1vGsaa
">उत्तराखंड: खटीमा में रेल का इंजन सांड से टकरा गया जिससे ब्रेक पाइप और फिल पाइप टूटने से ट्रेन पटरी पर उल्टी दौड़ने लगी। लोको पायलट, गॉर्ड निलंबित हुए।
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रेल कर्मचारी विक्रम ने बताया, "ट्रेन को रोकने के लिए मैंने हैंड ब्रेक लगाया। पटरी पर पत्थर रखकर उसे रोका। कोई नुकसान नहीं हुआ।" pic.twitter.com/yFaX1vGsaaउत्तराखंड: खटीमा में रेल का इंजन सांड से टकरा गया जिससे ब्रेक पाइप और फिल पाइप टूटने से ट्रेन पटरी पर उल्टी दौड़ने लगी। लोको पायलट, गॉर्ड निलंबित हुए।
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रेल कर्मचारी विक्रम ने बताया, "ट्रेन को रोकने के लिए मैंने हैंड ब्रेक लगाया। पटरी पर पत्थर रखकर उसे रोका। कोई नुकसान नहीं हुआ।" pic.twitter.com/yFaX1vGsaa
टनकपुर से चकरपुर खटीमा की रेलवे ट्रैक ढलान की ओर है. इससे पहले भी एक बार इस ट्रैक पर ट्रेन बगैर इंजन के दौड़ी थी. बताया जा रहा है कि शाम करीब चार बजे होम सिग्नल (यानी मनिहारगोठ के पास) ट्रेन एक पशु से टकरा गई थी, उसके बाद ट्रेन के इंजन और ब्रेक ने काम करना बंद कर दिया और ट्रेन उल्टी दौड़ पड़ी.
आनन-फानन में बंद कराए गये गेट
सूचना पर आनन-फानन में क्रॉसिंग गेटों को बंद करने के आदेश दिए गये. बनबसा में पत्थर लगाकर ट्रेन रोकने की कोशिश की गई, लेकिन ट्रेन नहीं रुकी. खटीमा-चकरपुर के बीच गेट संख्या 35 के पास किसी तरह ट्रेन को रोकने में सफलता मिली. सही समय पर ट्रेन रुक गई वरना बड़ा हादसा हो सकता था.
ब्रेक ने काम करना कर दिया था बंद
बनबसा रेलवे स्टेशन अधीक्षक अमरेंद्र सिंह ने बताया कि इंजन के बैक होने की कंट्रोल रूम को सूचना मिलते ही बनबसा और फागपुर में रेलवे क्रॉसिंग गेट बंद करा दिए गए थे. गाड़ी के कोचों के बीच का प्रेशर पाइप लीक होने से गाड़ी के ब्रेक ने काम करना बंद कर दिया था, जिस वजह से गाड़ी खटीमा की तरफ ढलान होने के कारण वापस चलने लगी.
घटना के कारणों की जांच
इज्जतनगर मंडल के पीआरओ राजेंद्र सिंह ने बताया कि घटना की जांच के लिए तीन ए ग्रेड ऑफिसरों की टीम गठित की गई है. जांच में घटना के लिए दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
गौर हो कि उत्तराखंड में सीमांत के लोगों के लिए बीते महीने 26 फरवरी से पूर्णागिरि जन शताब्दी एक्सप्रेस शुरू हुई थी. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वर्चुअल माध्यम से टनकपुर स्टेशन से इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. एक्सप्रेस में टनकपुर से दिल्ली तक का सफर पौने दस घंटे का है. वहीं यात्रियों को चेयर में बैठे-बैठे सफर तय करना होता है. जन शताब्दी एक्सप्रेस में 12 चेयरकार कोच हैं. आठ चेयरकार कोचों के अलावा दो एसी (वातानुकूलित) चेयरकार कोच तो दो जनरेटर चेयरकार कोच हैं.