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एक सप्ताह से पानी को तरस रहे लोग, नहीं हो रही सुनवाई - बागेश्वर हिंदी समाचार

बागेश्वर में स्थानीय लोग पिछले एक सप्ताह से पानी की किल्लत से जूझ रहें हैं. वहीं स्थानीय लोगों ने प्रशासन से कई बार इसकी गुहार लगाई लेकिन मामला सिफर रहा.

एक सप्ताह से पानी को तरसे लोग,
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Published : Oct 7, 2019, 10:40 PM IST

बागेश्वर: नगर में राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वेप और अमसरकोट पेयजल योजना को ध्वस्त हुए एक सप्ताह से ऊपर हो गया है. ऐसे में सीमांत क्षेत्र में पानी की किल्लत पिछले कई दिनों से हो रही है. इस दौरान लोगों ने प्रशासन से कई बार गुहार लगाई, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.

एक सप्ताह से पानी को तरसे लोग.

बता दें कि राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में चलाई जा रही स्वेप और अमसरकोट योजनाएं भू-स्खलन के चलते ध्वस्त हो गयी हैं, जिसके कारण पिछले कई दिनों से शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में पानी की समस्या बनी हुई है. वहीं स्थानीय लोग पानी की आपूर्ति के लिए देर रात तक जाग कर दूर दराज के हैण्डपम्पों से पानी लाने को मजबूर हैं. जिसको लेकर स्थानीय लोगों में खासा आक्रोश है.

पढ़ें: रुड़कीः बुखार पीड़ितों का हरदा ने जाना हाल, विधायक सरकार को जगाने के लिए करेंगी ये काम

वहीं पानी की किल्लत से जूझ रहे लोगों का कहना है कि, पिछले एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है, लेकिन पीने तक का पानी नहीं मिल पा रहा है. वहीं स्थानीय लोगों द्वारा जब विभाग पर दबाव बनाया गया, तब जलसंस्थान द्वारा एक टैंकर पानी भिजवाया गया. वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पानी की समस्या को जल्द दुरुस्त करा दिया जायेगा.

बागेश्वर: नगर में राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वेप और अमसरकोट पेयजल योजना को ध्वस्त हुए एक सप्ताह से ऊपर हो गया है. ऐसे में सीमांत क्षेत्र में पानी की किल्लत पिछले कई दिनों से हो रही है. इस दौरान लोगों ने प्रशासन से कई बार गुहार लगाई, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.

एक सप्ताह से पानी को तरसे लोग.

बता दें कि राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में चलाई जा रही स्वेप और अमसरकोट योजनाएं भू-स्खलन के चलते ध्वस्त हो गयी हैं, जिसके कारण पिछले कई दिनों से शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में पानी की समस्या बनी हुई है. वहीं स्थानीय लोग पानी की आपूर्ति के लिए देर रात तक जाग कर दूर दराज के हैण्डपम्पों से पानी लाने को मजबूर हैं. जिसको लेकर स्थानीय लोगों में खासा आक्रोश है.

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वहीं पानी की किल्लत से जूझ रहे लोगों का कहना है कि, पिछले एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है, लेकिन पीने तक का पानी नहीं मिल पा रहा है. वहीं स्थानीय लोगों द्वारा जब विभाग पर दबाव बनाया गया, तब जलसंस्थान द्वारा एक टैंकर पानी भिजवाया गया. वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पानी की समस्या को जल्द दुरुस्त करा दिया जायेगा.

Intro:बागेश्वर।

एंकर- बागेश्वर के नगरीय क्षेत्र से ले कर ग्रामीण क्षेत्र में एक सप्ताह से पानी की भारी किल्लत हो गयी है। स्वेप और अमसरकोट पेयजल योजना को ध्वस्त हुए 7 दिन से अधिक हो गए हैं। जिससे करीब ढाई हजार की आबादी पानी की किल्लत से जूझ रही है। पानी की समस्या के चलते अब लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है।

वीओ- बागेश्वर नगर क्षेत्र के नदीगांव, तहसील रोड, मजियाखेत समेत आधा दर्जन गांवों में स्वेप और अमसरकोट पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति होती है। लेकिन एक सप्ताह पूर्व ये दोनों ही पेयजल योजनाएं भूस्खलन के चलते ध्वस्त हो गयी। जिसके चलते उपभोगताओं को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। एक सप्ताह से अधिक समय से पानी नहीं आने के चलते लोगों का घरों की टंकियों में स्टोर किया हुआ पानी भी समाप्त हो गया है। लोग देर रात तक जाग कर नदी, हेण्डपम्प और धारे से पानी लाने को मजबूर हैं। लोगों का कहना है कि एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है लेकिन पीने तक के लिए पानी नहीं है। बच्चे हों चाहे सरकारी कर्मचारी सभी पानी नहीं आने से परेशान हैं। विभागीय अधिकारियों से पूछने पर वे हल्द्वानी से पाइप मंगवाए होने की बात कर रहे हैं। वहीं लोगों द्वारा जब विभाग पर दबाव बनाया गया तब जाकर जलसंस्थान ने सात दिन बाद एक टैंकर पानी भिजवाया है। जो कि इतनी बड़ी आबादी के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि नदी से पानी लाने को मजबूर हैं। वहीं गंदा पानी पीने से बहुत लोग बीमार हो गए हैं। पीने के पानी के लिए धारे पर लंबी लाइन लगानी पड़ रही है। ग्रामीणों ने जल्द से जल्द पाइप लाइन दुरुस्त करने की मांग की है।
बाईट 01- धीरज कुमार, स्थानीय।
बाईट 02-कमला देवी, स्थानीय महिला।Body:वीओ- बागेश्वर नगर क्षेत्र के नदीगांव, तहसील रोड, मजियाखेत समेत आधा दर्जन गांवों में स्वेप और अमसरकोट पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति होती है। लेकिन एक सप्ताह पूर्व ये दोनों ही पेयजल योजनाएं भूस्खलन के चलते ध्वस्त हो गयी। जिसके चलते उपभोगताओं को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। एक सप्ताह से अधिक समय से पानी नहीं आने के चलते लोगों का घरों की टंकियों में स्टोर किया हुआ पानी भी समाप्त हो गया है। लोग देर रात तक जाग कर नदी, हेण्डपम्प और धारे से पानी लाने को मजबूर हैं। लोगों का कहना है कि एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है लेकिन पीने तक के लिए पानी नहीं है। बच्चे हों चाहे सरकारी कर्मचारी सभी पानी नहीं आने से परेशान हैं। विभागीय अधिकारियों से पूछने पर वे हल्द्वानी से पाइप मंगवाए होने की बात कर रहे हैं। वहीं लोगों द्वारा जब विभाग पर दबाव बनाया गया तब जाकर जलसंस्थान ने सात दिन बाद एक टैंकर पानी भिजवाया है। जो कि इतनी बड़ी आबादी के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि नदी से पानी लाने को मजबूर हैं। वहीं गंदा पानी पीने से बहुत लोग बीमार हो गए हैं। पीने के पानी के लिए धारे पर लंबी लाइन लगानी पड़ रही है। ग्रामीणों ने जल्द से जल्द पाइप लाइन दुरुस्त करने की मांग की है।
बाईट 01- धीरज कुमार, स्थानीय।
बाईट 02-कमला देवी, स्थानीय महिला।Conclusion:
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