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स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने राज्य के अस्पतालों का किया औचक निरीक्षण, दिये ये निर्देश - स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा

आज स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट ने मसूरी जिला अस्पताल का निरीक्षण किया. वहीं, अपर स्वास्थ सचिव अरुणेन्द्र चौहान भी बागेश्वर जिला चिकित्सालय पहुंचे. जहां उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया. इस दौरान दोनों ही अधिकारियों ने अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने के निर्देश दिये.

Health department officials did surprise inspections of state hospitals
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने राज्य के अस्पतालों का किया औचक निरीक्षण
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Published : Aug 19, 2022, 5:53 PM IST

मसूरी: उत्तराखंड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट (Director General of Health Dr Shailja Bhatt) ने मसूरी उप जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान महानिदेशक ने अस्पताल में व्याप्त गंदगी को लेकर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने उप जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ यतेंद्र सिंह को अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के भी निर्देश दिए. वहीं, अपर सचिव स्वास्थ अरुणेन्द्र चौहान(Additional Health Secretary Arunendra Chauhan ) ने भी बागेश्वर जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया.

मसूरी उप जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य महानिदेशक: मसूरी उप जिला चिकित्सालय पहुंची उत्तराखंड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट ने अस्तताल से संबंधित जानकारियां ली. इस मौके पर डॉ प्रदीप राणा ने महानिदेशक को अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी को लेकर अवगत कराया. उन्होंने बताया चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ना होने के कारण अस्पताल में साफ सफाई के साथ अन्य कामों में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पैरामेडिकल स्टाफ न होने के कारण मरीजों को उचित इलाज मुहैया कराने में भी भारी परेशानी हो रही है.

उन्होंने बताया उप जिला चिकित्सालय मसूरी में पाचं बैड का हाइटेक आईसीयू वार्ड है, परंतु उसके लिये स्टाफ न होने के कारण वह बंद पड़ा हुआ है. अस्पताल में एएनएम ना होने के कारण जच्चा बच्चा का टीकाकरण भी नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा अस्पताल के द्वारा कई बार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को पत्र लिखकर मसूरी उप जिला चिकित्सालय में चतुर्थ श्रेणी और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति करने की मांग की गई है, जिस कार्रवाई ना होने के कारण अस्पताल संचालित करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट ने बताया उनके द्वारा देहरादून सीएमओ को मसूरी और आसपास के क्षेत्रों में अस्पतालों में स्टाफ की कमियों को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं.
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बागेश्वर जिला चिकित्सालय का निरीक्षण: वहीं, अपर सचिव स्वास्थ अरुणेन्द्र चौहान(Additional Health Secretary Arunendra Chauhan ) ने बागेश्वर जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने चिकित्सालय के विभिन्न वार्डो, ओटी, पंजीकरण कक्ष, आयुष्मान डैस्क, जन औषधि केंद्र, डायलिसिस सेंटर, ऑक्सीजन जैनरेशन प्लांट तथा शौचालयों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने शौचालयों की नियमित सफाई कराने के साथ ही चिकित्सालय में भी सफाई रखने के निर्देश दिये. उन्होंने जन औषधि केंद्र में पर्याप्त औषधि रखने को भी कहा, जिससे गरीब जनता को आसानी से सस्ती दवायें उपलब्ध हो सकें. साथ ही उन्होंने आयुष्मान कार्ड सेंटर को पंजीकरण कक्ष के नजदीक में स्थापित करने को कहा, ताकि मरीज व उनके परिजनों को आसानी से देख सकें.

पढे़ं- UKSSSC Paper Leak में धामपुर से जेई गिरफ्तार, STF ने यूपी के नकल माफिया पर डाला हाथ

इस दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सुनीता टम्टा ने चिकित्सा स्टाफ,वार्डबॉय व लैब तकनीशियन, ओटी स्टाफ एवं बैड की कमी बताते हुए चिकित्सालय में सीटी स्कैन स्थापित करने का अुनरोध किया. जिस पर अपर सचिव ने जनपद के चिकित्सालयोंं में नियमित स्वीकृति पदों के सापेक्ष स्टॉफ तैनात करने व 6 स्वीकृति लैब तकनीशियन के पदों में तैनाती करने के निर्देश दिये. मुख्य चिकित्साधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया चिकित्सालय सीएचसी था, जिसे जनपद बनने पर जिला चिकित्सालय में उच्चीकृत किया गया, इसलिए जगह की कमी है.

मसूरी: उत्तराखंड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट (Director General of Health Dr Shailja Bhatt) ने मसूरी उप जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान महानिदेशक ने अस्पताल में व्याप्त गंदगी को लेकर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने उप जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ यतेंद्र सिंह को अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के भी निर्देश दिए. वहीं, अपर सचिव स्वास्थ अरुणेन्द्र चौहान(Additional Health Secretary Arunendra Chauhan ) ने भी बागेश्वर जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया.

मसूरी उप जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य महानिदेशक: मसूरी उप जिला चिकित्सालय पहुंची उत्तराखंड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट ने अस्तताल से संबंधित जानकारियां ली. इस मौके पर डॉ प्रदीप राणा ने महानिदेशक को अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी को लेकर अवगत कराया. उन्होंने बताया चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ना होने के कारण अस्पताल में साफ सफाई के साथ अन्य कामों में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पैरामेडिकल स्टाफ न होने के कारण मरीजों को उचित इलाज मुहैया कराने में भी भारी परेशानी हो रही है.

उन्होंने बताया उप जिला चिकित्सालय मसूरी में पाचं बैड का हाइटेक आईसीयू वार्ड है, परंतु उसके लिये स्टाफ न होने के कारण वह बंद पड़ा हुआ है. अस्पताल में एएनएम ना होने के कारण जच्चा बच्चा का टीकाकरण भी नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा अस्पताल के द्वारा कई बार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को पत्र लिखकर मसूरी उप जिला चिकित्सालय में चतुर्थ श्रेणी और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति करने की मांग की गई है, जिस कार्रवाई ना होने के कारण अस्पताल संचालित करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट ने बताया उनके द्वारा देहरादून सीएमओ को मसूरी और आसपास के क्षेत्रों में अस्पतालों में स्टाफ की कमियों को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं.
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बागेश्वर जिला चिकित्सालय का निरीक्षण: वहीं, अपर सचिव स्वास्थ अरुणेन्द्र चौहान(Additional Health Secretary Arunendra Chauhan ) ने बागेश्वर जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने चिकित्सालय के विभिन्न वार्डो, ओटी, पंजीकरण कक्ष, आयुष्मान डैस्क, जन औषधि केंद्र, डायलिसिस सेंटर, ऑक्सीजन जैनरेशन प्लांट तथा शौचालयों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने शौचालयों की नियमित सफाई कराने के साथ ही चिकित्सालय में भी सफाई रखने के निर्देश दिये. उन्होंने जन औषधि केंद्र में पर्याप्त औषधि रखने को भी कहा, जिससे गरीब जनता को आसानी से सस्ती दवायें उपलब्ध हो सकें. साथ ही उन्होंने आयुष्मान कार्ड सेंटर को पंजीकरण कक्ष के नजदीक में स्थापित करने को कहा, ताकि मरीज व उनके परिजनों को आसानी से देख सकें.

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इस दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सुनीता टम्टा ने चिकित्सा स्टाफ,वार्डबॉय व लैब तकनीशियन, ओटी स्टाफ एवं बैड की कमी बताते हुए चिकित्सालय में सीटी स्कैन स्थापित करने का अुनरोध किया. जिस पर अपर सचिव ने जनपद के चिकित्सालयोंं में नियमित स्वीकृति पदों के सापेक्ष स्टॉफ तैनात करने व 6 स्वीकृति लैब तकनीशियन के पदों में तैनाती करने के निर्देश दिये. मुख्य चिकित्साधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया चिकित्सालय सीएचसी था, जिसे जनपद बनने पर जिला चिकित्सालय में उच्चीकृत किया गया, इसलिए जगह की कमी है.

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