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बागेश्वर में श्रद्धालुओं ने भगवान बागनाथ का सरयू-गोमती संगम के जल से किया जलाभिषेक

बैसाखी के पर्व पर सुप्रसिद्ध बागनाथ मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. दूर-दूर से पहुंचे श्रद्धालुओं ने भगवान बागनाथ की पारंपरिक रीति रीवाजों के साथ पूजा अर्चना की.

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Published : Apr 14, 2019, 6:15 PM IST

बागेश्वर में बैसाखी का पर्व.

बागेश्वर: बैसाखी के पर्व पर सुप्रसिद्ध बागनाथ मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. दूर-दूर से पहुंचे श्रद्धालुओं ने भगवान बागनाथ की पारंपरिक रीति रीवाजों के साथ पूजा अर्चना की. इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान बागनाथ का सरयू-गोमती संगम के जल से जलाभिषेक भी किया.

बागेश्वर में बैसाखी का पर्व.

बता दें कि विषुवत संक्रांति के दिन अदिष्ट निवारण के लिए स्नान और दान का विशेष महत्व है. जिसके चलते लोगों ने चांदी के बने पैर और अन्य दान सामग्री पुरोहितों को भेंट की. इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान बागनाथ से सुख और समृद्धि की कामना की.

पढ़ें: बैसाखी: श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी, घाटों पर उमड़ा भक्तों का सैलाब

श्रद्धालुओं ने बताया कि बैसाखी पर्व पर गंगा स्नान कर भगवान शिव का जलाभिषेक करने से सुख-शांति और रोगों से मुक्ति मिलती है. इस दिन कालभैरव मंदिर में खिचड़ी के दान का भी विशेष महत्व है. श्रद्धालुओं ने बताया कि बैसाखी जलाभिषेक और खिचड़ी दान करने की परंपरा सदियों पुरानी है. जोकि आज भी यहां की जनता द्वारा पूरी श्रद्धा के साथ किया जाता है.

बागेश्वर: बैसाखी के पर्व पर सुप्रसिद्ध बागनाथ मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. दूर-दूर से पहुंचे श्रद्धालुओं ने भगवान बागनाथ की पारंपरिक रीति रीवाजों के साथ पूजा अर्चना की. इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान बागनाथ का सरयू-गोमती संगम के जल से जलाभिषेक भी किया.

बागेश्वर में बैसाखी का पर्व.

बता दें कि विषुवत संक्रांति के दिन अदिष्ट निवारण के लिए स्नान और दान का विशेष महत्व है. जिसके चलते लोगों ने चांदी के बने पैर और अन्य दान सामग्री पुरोहितों को भेंट की. इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान बागनाथ से सुख और समृद्धि की कामना की.

पढ़ें: बैसाखी: श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी, घाटों पर उमड़ा भक्तों का सैलाब

श्रद्धालुओं ने बताया कि बैसाखी पर्व पर गंगा स्नान कर भगवान शिव का जलाभिषेक करने से सुख-शांति और रोगों से मुक्ति मिलती है. इस दिन कालभैरव मंदिर में खिचड़ी के दान का भी विशेष महत्व है. श्रद्धालुओं ने बताया कि बैसाखी जलाभिषेक और खिचड़ी दान करने की परंपरा सदियों पुरानी है. जोकि आज भी यहां की जनता द्वारा पूरी श्रद्धा के साथ किया जाता है.

नोट-  अभी मोजो नहीं ली है।

स्लग- पूरी श्रद्धा के साथ मनाया वैशाखी पर्व
रिपोर्ट- नीरज पाण्डेय, बागेश्वर
मो.- 9411776715
दिनांक-14.04.2019

एंकर- जिले में वैशाखी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। भगवान शिव के मंदिर बागनाथ में सुबह से भक्तों का तांता लगा रहा। पवित्र पर्व पर सरयू गोमती के संगम पर स्नान को भक्तो की भीड़ उमडी।

वीओ-1-  विषुवत संक्रांति के दिन अदिष्ट निवारण के लिए स्नान और दान का विशेष महत्व है। जिसके चलते लोगों ने चांदी के बने पैर और अन्य दान सामग्री पुरोहितों को भेंट की। भगवान बागनाथ से सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मांगा।

वीओ-2- श्रद्धालुओं के अनुसार वैशाखी पर्व पर महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग सरयू- गोमती के संगम पर पहुंच कर स्नान करते हैं। मान्यता है कि वैशाखी पर गंगा स्नान कर भगवान शिव का जलाभिषेक करने से सुख- शांति और रोगों से मुक्ति मिलती है। वहीं इस दिन कालभैरव मंदिर में खिचड़ी के दान का भी विशेष महत्व है।

एफवीओ- वैशाखी पर गंगा स्नान कर भगवान शिव का जलाभिषेक और कालभैरव मंदिर में खिचड़ी का दान करने की परंपरा शादियों पुरानी है, जिसका निर्वहन आज भी यहां की जनता द्वारा पूरी श्रद्धा के साथ किया जा  रहा है।

बाईट 1- पुष्पा थापा, श्रद्धालु।
बाईट 2- कैलाश चंद्र, पुजारी।

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