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विवेकानंद कृषि संस्थान की नई तकनीक, 'हैंडवॉश सिस्टम' से कोरोना को मात - 'हैंडवॉश सिस्टम' से कोरोना को मात

कोराना वायरस के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने हैंडवॉश सिस्टम बनाया है.

hand wash system for coronavirus
'हैंडवॉश सिस्टम' से कोरोना को मात
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Published : Apr 17, 2020, 6:16 PM IST

Updated : Apr 17, 2020, 7:26 PM IST

अल्मोड़ा: कोराना वायरस के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने हैंडवॉश सिस्टम बनाया है. इस सिस्टम को चलाने के लिए हाथ की जगह पैर का इस्तेमाल किया जाता है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए यह तकनीक प्रभावी तरीके से काम कर सकता है. विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने 4 यूनिट जिला प्रशासन को सौंपा.

कैसे करता है काम

इस हैंडवॉश सिस्टम में लिक्विड सोप और पानी के लिए दो अलग-अलग पैडल लगे हुए हैं. सोप और पानी को निकालने के लिए हाइड्रोलिक पैडल दिए गए हैं. हाथ धोने के समय पानी की धारा को नियंत्रित करने के लिए स्टॉपर भी लगाए गए हैं. 500 लीटर क्षमता तक की पानी की टंकी इस सिस्टम में लगाई गई है. जिससे लगभग 2 हजार लोग अपने हाथों को सेनेटाइज कर सकते हैं. इस हैंडवॉश सिस्टम का वजन करीब 20 किलो है.

'हैंडवॉश सिस्टम' से कोरोना को मात

ये भी पढ़ें: कोरोना: सीएम और शिक्षा मंत्री ने सोशल मीडिया एकाउंट पर बदली प्रोफाइल फोटो, मुंह ढंकने के लिये किया प्रेरित

जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के मुताबिक इस हैंडवॉश सिस्टम कोरोना वायरस के चेन ऑफ ट्रांसमिशन को तोड़ने में कारगार साबित हो सकता है. इस मशीन का उपयोग समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों पर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए बनाया गया हैंडवॉश सिस्टम कारगार साबित हो सकता है. ऐसे में इस सिस्टम की दो-दो यूनिट स्वच्छता कार्यक्रम के तहत नगरपालिका अल्मोड़ा एवं सरकारी अस्पताल को दिया गया है. ताकि कोविड-19 के जोखिम को भी कम किया जा सके.

अल्मोड़ा: कोराना वायरस के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने हैंडवॉश सिस्टम बनाया है. इस सिस्टम को चलाने के लिए हाथ की जगह पैर का इस्तेमाल किया जाता है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए यह तकनीक प्रभावी तरीके से काम कर सकता है. विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने 4 यूनिट जिला प्रशासन को सौंपा.

कैसे करता है काम

इस हैंडवॉश सिस्टम में लिक्विड सोप और पानी के लिए दो अलग-अलग पैडल लगे हुए हैं. सोप और पानी को निकालने के लिए हाइड्रोलिक पैडल दिए गए हैं. हाथ धोने के समय पानी की धारा को नियंत्रित करने के लिए स्टॉपर भी लगाए गए हैं. 500 लीटर क्षमता तक की पानी की टंकी इस सिस्टम में लगाई गई है. जिससे लगभग 2 हजार लोग अपने हाथों को सेनेटाइज कर सकते हैं. इस हैंडवॉश सिस्टम का वजन करीब 20 किलो है.

'हैंडवॉश सिस्टम' से कोरोना को मात

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जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के मुताबिक इस हैंडवॉश सिस्टम कोरोना वायरस के चेन ऑफ ट्रांसमिशन को तोड़ने में कारगार साबित हो सकता है. इस मशीन का उपयोग समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों पर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए बनाया गया हैंडवॉश सिस्टम कारगार साबित हो सकता है. ऐसे में इस सिस्टम की दो-दो यूनिट स्वच्छता कार्यक्रम के तहत नगरपालिका अल्मोड़ा एवं सरकारी अस्पताल को दिया गया है. ताकि कोविड-19 के जोखिम को भी कम किया जा सके.

Last Updated : Apr 17, 2020, 7:26 PM IST
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