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सोमेश्वर: बदहाल मार्ग दे रहा हादसों को दावत, ग्रामीणों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

26 ग्राम पंचायतों व ब्लॉक कार्यालय को जोड़ने वाली ताकुला-गणानाथ-रनमन मार्ग की हालत जर्जर बनी हुई है. जिससे लोगों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है.

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Published : Jul 20, 2020, 12:44 PM IST

Updated : Aug 17, 2020, 1:29 PM IST

someshwar
मूलभूत सुविधाओं से लोग आज भी हैं महरूम

सोमेश्वर: अल्मोड़ा के सोमेश्वर के गणानाथ स्थित ब्लॉक कार्यालय के अंतर्गत करीब 89 ग्राम पंचायतें हैं. इन ग्राम पंचायतों तक पहुंचना वर्तमान में काफी चुनौती भरा है. क्योंकि 6 दशकों पुराना ताकुला ब्लॉक कार्यालय और सोमेश्वर की दो घाटियों के बीच स्थित गणानाथ घने जंगल से घिरा हुआ है. स्थानीय लोग प्रशासन से पक्की सड़क बनाने के लिए कई बार गुहार लगा चुके हैं. लेकिन कोई जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. हालांकि नेता, विधायक और प्रशानिक अधिकारी कई बार आश्वासन दे चुके हैं. लेकिन आश्वासन के बाद भी मार्ग न बनने से लोगों में खासा रोष है.

बदहाल मार्ग दे रहा हादसों को दावत.

सोमेश्वर घाटी के 63 और ताकुला घाटी के 26 ग्राम पंचायतों व ब्लॉक कार्यालय को जोड़ने वाली ताकुला-गणानाथ-रनमन सड़क लगभग 18 किमी है. ये सड़क वर्तमान में गड्ढों में तब्दील हो चुकी है. 8 दशक पूर्व वन विभाग की ओर से लीसे के ठुलान के लिए कच्ची सड़क बनाई गई थी, जिसकी हालत जर्जर है. सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हादसों को दावत दे रहे हैं. जिसकी वजह से वाहनों के संचालन में परेशानी आ रही है. ऐसे में लोग मीलों का सफर पैदल तय करने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें: श्रावन का तीसरा सोमवार : कोरोना पर भारी पड़ी शिव भक्तों आस्था

क्षेत्रवासियों का कहना है, कि अगर ब्लॉक कार्यालय तक जाना हो तो 3 हजार रुपए में टैक्सी बुक करनी पड़ती है. इसके अलावा विकास खंड कार्यालय में इंटरनेट की उचित सुविधा नहीं है. ऐसे में कोई भी ऑनलाइन कार्य नहीं हो पाते. पंचायत प्रतिनिधियों और सरकारी कर्मचारियों को अगर कोई ऑनलाइन काम करना हो, तो उन्हें जिला मुख्यालय तक की दौड़ लगानी पड़ती है. विकास खंड कार्यालय में 6 साल पहले इंटरनेट के लिए जो वी-सेट लगाया गया था, वर्तमान में वो मात्र एक शो पीस बनकर रह गया है.

ये भी पढ़ें: मार्गरेट अल्वा की पायलट को सलाह, 'स्टार' को धैर्यवान होना चाहिए

क्षेत्रीय विकास मंच ताकुला के कोषाध्यक्ष मनोज कुमार वर्मा का कहना है, मार्ग विकास खंड की बदहाली को बयां कर रही है. प्रशासन के समक्ष कई बार मामले को उठाया गया, कई बार ज्ञापन दिए गए और कई आंदोलन किए गए, लेकिन मामला हर बार सिफर ही रहा. स्थानीय लोग, पंचायत प्रतिनिधि और सरकारी कर्मचारियों को रोजाना जान जोखिम में डालकर इस मार्ग से आवाजाही करनी पड़ती है. वहीं, विकास मंच के अध्यक्ष नवल पंत और कोषाध्यक्ष मनोज कुमार वर्मा समेत स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है, कि मार्ग जल्द दुरुस्त नहीं किया गया तो वो उग्र आंदोलन को विवश होंगे.

सोमेश्वर: अल्मोड़ा के सोमेश्वर के गणानाथ स्थित ब्लॉक कार्यालय के अंतर्गत करीब 89 ग्राम पंचायतें हैं. इन ग्राम पंचायतों तक पहुंचना वर्तमान में काफी चुनौती भरा है. क्योंकि 6 दशकों पुराना ताकुला ब्लॉक कार्यालय और सोमेश्वर की दो घाटियों के बीच स्थित गणानाथ घने जंगल से घिरा हुआ है. स्थानीय लोग प्रशासन से पक्की सड़क बनाने के लिए कई बार गुहार लगा चुके हैं. लेकिन कोई जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. हालांकि नेता, विधायक और प्रशानिक अधिकारी कई बार आश्वासन दे चुके हैं. लेकिन आश्वासन के बाद भी मार्ग न बनने से लोगों में खासा रोष है.

बदहाल मार्ग दे रहा हादसों को दावत.

सोमेश्वर घाटी के 63 और ताकुला घाटी के 26 ग्राम पंचायतों व ब्लॉक कार्यालय को जोड़ने वाली ताकुला-गणानाथ-रनमन सड़क लगभग 18 किमी है. ये सड़क वर्तमान में गड्ढों में तब्दील हो चुकी है. 8 दशक पूर्व वन विभाग की ओर से लीसे के ठुलान के लिए कच्ची सड़क बनाई गई थी, जिसकी हालत जर्जर है. सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हादसों को दावत दे रहे हैं. जिसकी वजह से वाहनों के संचालन में परेशानी आ रही है. ऐसे में लोग मीलों का सफर पैदल तय करने को मजबूर हैं.

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क्षेत्रवासियों का कहना है, कि अगर ब्लॉक कार्यालय तक जाना हो तो 3 हजार रुपए में टैक्सी बुक करनी पड़ती है. इसके अलावा विकास खंड कार्यालय में इंटरनेट की उचित सुविधा नहीं है. ऐसे में कोई भी ऑनलाइन कार्य नहीं हो पाते. पंचायत प्रतिनिधियों और सरकारी कर्मचारियों को अगर कोई ऑनलाइन काम करना हो, तो उन्हें जिला मुख्यालय तक की दौड़ लगानी पड़ती है. विकास खंड कार्यालय में 6 साल पहले इंटरनेट के लिए जो वी-सेट लगाया गया था, वर्तमान में वो मात्र एक शो पीस बनकर रह गया है.

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क्षेत्रीय विकास मंच ताकुला के कोषाध्यक्ष मनोज कुमार वर्मा का कहना है, मार्ग विकास खंड की बदहाली को बयां कर रही है. प्रशासन के समक्ष कई बार मामले को उठाया गया, कई बार ज्ञापन दिए गए और कई आंदोलन किए गए, लेकिन मामला हर बार सिफर ही रहा. स्थानीय लोग, पंचायत प्रतिनिधि और सरकारी कर्मचारियों को रोजाना जान जोखिम में डालकर इस मार्ग से आवाजाही करनी पड़ती है. वहीं, विकास मंच के अध्यक्ष नवल पंत और कोषाध्यक्ष मनोज कुमार वर्मा समेत स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है, कि मार्ग जल्द दुरुस्त नहीं किया गया तो वो उग्र आंदोलन को विवश होंगे.

Last Updated : Aug 17, 2020, 1:29 PM IST
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