अल्मोड़ा/रानीखेत: सांस्कृतिक नगरी में कुमाऊं का ऐतिहासिक व धार्मिक नंदा देवी मेला शुरू हो गया. शुक्रवार को नंदा देवी मंदिर में मूर्ति निर्माण के लिए कदली वृक्ष लाए गए. जिनकी पूजा अर्चना के बाद मां नंदा सुनंदा की मूर्ति का निर्माण किया गया. मंदिर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है.
गुरुवार देर शाम मंदिर पुजारी एवं समिति के लोग ढोल नगाड़ों के साथ नगर के निकट स्थित फलसीमा गांव में कदली वृक्षों को आमंत्रण देने पहुंचे. शुक्रवार को आमंत्रित किए गए कदली वृक्षों को काट कर विधि विधान से शोभा यात्रा निकाली गई. शोभायात्रा फलसीम से शुरू हो एमटीडी, एलआरसाह रोड, मॉल रोड होते हुए थाना बाजार पहुंची. जहां से कदली वृक्षों को बाजार मार्ग होते हुए नंदा देवी मंदिर परिसर में लाया गया. मंदिर परिसर में कदली वृक्षों की पूजा अर्चना की गई. जिसके बाद अब इन कदली वृक्षों से स्थानीय कलाकार मां नंदा सुनंदा की मूर्ति का निर्माण करेंगे. मेला कमेटी के व्यवस्थापक अनूप साह ने बताया कदली वृक्षों को फलसीमा गांव से लाया गया है. अब विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद मां नंदा सुनंदा की मूर्ति का निर्माण होगा. देर रात्रि मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. शनिवार को नंदाष्टमी के अवसर पर भक्त मां नंदा सुनंदा के दर्शन कर पूजा अर्चना कर सकेंगे.
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सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन: नंदा देवी मंदिर परिसर एवम एडम्स इंटर कॉलेज के प्रांगण में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी शुरू हो गया है. मंदिर परिसर में विगत रात्रि भजन संध्या का आयोजन किया गया. जिसमें भजन गायक हेम पांडे, अनिल कुमार, संगीता जोशी, सुमन सनवाल, ललित प्रकाश, अशोक पांडे व राघव पंत ने भजनों की प्रस्तुति दी. इस दौरान कलाकारों ने अपनी आवाज का जादू बिखेर माहौल को भक्तिमय बना दिया. देर रात्रि तक चली भजन संध्या का आनंद लेने बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे.मेले में लगाए गए झूले बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैंं. बच्चें अपने अभिभावकों के साथ मेले में पहुंच रहे हैं. वे झूलों में बैठकर उसका आनंद ले रहे हैं.पढ़ें- नैनीताल मेंं मां नंदा सुनंदा महोत्सव की धूम, प्रतिमा के लिए लाया गया कदली वृक्ष
रानीखेत में होंगे रंगारंग कार्यक्रम: रानीखेत में भी नंदा देवी मंदिर परिसर में मूर्ति निर्माण किया जा रहा है. शनिवार सुबह मूर्तियों की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी. महोत्सव में इस बार 23 सितंबर से सांस्कृतिक कार्यक्रम और विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन का शुभारंभ होगा. शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की पहली बार होने जा रही झोड़ा चांचड़ी प्रतियोगिता मुख्य आकर्षण रहेगी. महोत्सव में होने जा रहे कार्यक्रम की जानकारी देते हुए सांस्कृतिक संयोजक विमल सती ने बताया 23 सितंबर पूर्वाह्न 11बजे से सब जूनियर, जूनियर व सीनियर वर्ग की अंतरविद्यालयी लोकनृत्य प्रतियोगिता आयोजित होगी. इसके बाद नवीं से बारहवीं कक्षा की छात्राओं की शकुनाखर एवं मांगल गीत तथा पति-पत्नी युगल लोकनृत्य प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी. प्रतियोगिता के बाद विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा. रात्रि 8 बजे से सांस्कृतिक मंच पर स्थानीय बच्चों व युवाओं के नृत्य गीत कार्यक्रम होंगे. 24सितंबर को प्रातः 11बजे से छात्राओं व महिलाओं की ऐपण व मेहंदी और दो बजे से कक्षा एक से आठ तक के बच्चों की फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता होगी. सांस्कृतिक संध्या में रात्रि आठ बजे से देवभूमि मां शारदे लोक कला समिति अल्मोड़ा की रंगारंग लोक प्रस्तुतियां रहेंगी.
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25 सितंबर सोमवार को प्रातः 12बजे से स्कूली बच्चों की सब जूनियर, जूनियर व सीनियर में चित्रकला प्रतियोगिता और अपराह्न तीन बजे से कुमाऊंनी व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा. सांस्कृतिक संध्या में रात्रि 8 बजे से विहान सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था अल्मोड़ा की लोक प्रस्तुतियां रहेंगी.27 सितंबर को मां नंदा-सुनंदा का डोला प्रातः दस बजे भव्य सांस्कृतिक शोभायात्रा के साथ निकलेगा. जिसमें स्थानीय स्कूली बच्चे पारम्परिक परिधान व लोक झांकियों के साथ शिरकत करेंगे.