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भिकियासेन के 60 से अधिक गांव पानी को तरसे, चार दिनों से पेयजल आपूर्ति ठप - भिकियासैण रामगंगा नदी

भिकियासैण में रामगंगा नदी से तीन दशक पूर्व बनी भवानी देवी पंपिग पेयजल योजना जीर्ण हो चुकी है. चार स्टेजों की इस योजना से कढोली, धूरा, माझली, श्रीकोट, नाहोरी, कुनझीणा, बासोट, इनोली सहित 62 गावों के पांच हजार लोगों की प्यास बुझती है.

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Published : Oct 31, 2019, 3:27 PM IST

अल्मोड़ाः रामगंगा भौना देवी पंपिग पेयजल योजना लंबे समय से अंतिम सांसें गिन रही है. पानी लिफ्ट करने के लिए टयूबवैल में लगे चार मोटरों में से दो खराब चल रही हैं. वहीं दो अन्य मोटरों के भी फुक जाने से चार दिनों से 60 से अधिक गांवों में पेयजल आपूर्ति ठप हो गई है.

भिकियासैण में रामगंगा नदी से तीन दशक पूर्व बनी भवानी देवी पंपिग पेयजल योजना जीर्ण हो चुकी है. चार स्टेजों की इस योजना से कढोली, धूरा, माझली, श्रीकोट, नाहोरी, कुनझीणा, बासोट, इनोली सहित 62 गावों के पांच हजार लोगों की प्यास बुझती है, लेकिन योजना के पंप व पाइप लाइन के जीर्ण-शीर्ण होने के चलते ग्रामीणों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है.

रोस्टर के अनुसार भी कई गांवों में आपूर्ति पूरी भी नहीं हो पा रही है. यहां पानी लिफ्ट करने के लिये चार पंप मोटरें लगाई गईं, लेकिन इनकी स्थिति बहुत खराब हैं. चार में से दो ही मोटर काम कर रही हैं, लेकिन ये दो भी चार दिन पूर्व खराब हो गईं, जिससे 62 गांवों की पेयजल आपूर्ति ठप हो गई.

पेयजल आपूर्ति न होने से ग्रामीण कोसों दूर से पानी ढोने को मजबूर हैं. इधर अवर अभियंता गौरव पंत का कहना है एक पंप ठीक कराकर कुछ गांवों में पानी वितरित कर दिया गया है. साथ ही दो मोटरों को मरम्मत के लिए काशीपुर भेजा गया है.
यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड में इंसानों में है गुलदार का आतंक, जानिए क्या है कारण

पूर्व ग्राम प्रधान सैणसेरा सुरेंद्र सिंह ने लचर व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुये शीघ्र पुनर्गठन करने की मांग की है. उन्होंने कहा है प्रधान रहते हुये इस मामले को अनेक बार बीडीसी में उठाया, लेकिन हजारों की संख्या में लोगों को पेयजल आपूर्ति बहाल करने वाली योजना के जीर्ण-शीर्ण होने के चलते लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

अल्मोड़ाः रामगंगा भौना देवी पंपिग पेयजल योजना लंबे समय से अंतिम सांसें गिन रही है. पानी लिफ्ट करने के लिए टयूबवैल में लगे चार मोटरों में से दो खराब चल रही हैं. वहीं दो अन्य मोटरों के भी फुक जाने से चार दिनों से 60 से अधिक गांवों में पेयजल आपूर्ति ठप हो गई है.

भिकियासैण में रामगंगा नदी से तीन दशक पूर्व बनी भवानी देवी पंपिग पेयजल योजना जीर्ण हो चुकी है. चार स्टेजों की इस योजना से कढोली, धूरा, माझली, श्रीकोट, नाहोरी, कुनझीणा, बासोट, इनोली सहित 62 गावों के पांच हजार लोगों की प्यास बुझती है, लेकिन योजना के पंप व पाइप लाइन के जीर्ण-शीर्ण होने के चलते ग्रामीणों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है.

रोस्टर के अनुसार भी कई गांवों में आपूर्ति पूरी भी नहीं हो पा रही है. यहां पानी लिफ्ट करने के लिये चार पंप मोटरें लगाई गईं, लेकिन इनकी स्थिति बहुत खराब हैं. चार में से दो ही मोटर काम कर रही हैं, लेकिन ये दो भी चार दिन पूर्व खराब हो गईं, जिससे 62 गांवों की पेयजल आपूर्ति ठप हो गई.

पेयजल आपूर्ति न होने से ग्रामीण कोसों दूर से पानी ढोने को मजबूर हैं. इधर अवर अभियंता गौरव पंत का कहना है एक पंप ठीक कराकर कुछ गांवों में पानी वितरित कर दिया गया है. साथ ही दो मोटरों को मरम्मत के लिए काशीपुर भेजा गया है.
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पूर्व ग्राम प्रधान सैणसेरा सुरेंद्र सिंह ने लचर व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुये शीघ्र पुनर्गठन करने की मांग की है. उन्होंने कहा है प्रधान रहते हुये इस मामले को अनेक बार बीडीसी में उठाया, लेकिन हजारों की संख्या में लोगों को पेयजल आपूर्ति बहाल करने वाली योजना के जीर्ण-शीर्ण होने के चलते लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Intro:
चार दिनों से 60 अधिक गांवों की पेयजल आपूर्ति ठप

रामगंगा भौना देवी पंपिग पेयजल योजना लंबे समय से अंतिम सासें गिन रही है। पानी लिफ्ट करने के लिए टयूबवैल में लगे चार मोटरों में से दो खराब चल रही हैं। वही दो अन्य मोटरों के भी फूक जाने के चलते चार दिनों से 60 से अधिक गांवों में पेयजल आपूर्ति ठप हो गई है।

भिकियासैण में रामगंगा नदी से तीन दशक पूर्व बनी भवानी देवी पंपिग पेयजल योजना जीर्ण हो चुकी है। चार स्टेजों की इस योजना से कढोली, धूरा, माझली, श्रीकोट, नाहोरी, कुनझीणा, बासोट, इनोली सहित 62 गावों के पांच हजार लोगों की प्यास बुझती है। लेकिन योजना के पंप व पाइप लाइन के जीर्ण क्षीण होने के चलते ग्रामीणों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। रोस्टर के अनुसार भी कई गांवों में आपूर्ति पूरी भी नहीं हो पा रही है। यहां पानी लिफ्ट करने के लिये चार पंप मोटरें लगाई गई। लेकिन इनकी स्थिति बहुत खराब है चार में से दो ही मोटर काम कर रहे है। लेकिन ये दो भी चार दिन पूर्व खराब हो गई। जिससे 62 गांवों की पेयजल आपूर्ति ठप हो गई। पेयजल आपूर्ति नही होने से ग्रामीण कोसों दूर से पानी ढोने को मजबूर हैं। इधर अवर अभियंता गौरव पंत का कहना है एक पंप ठीक करा कर बुधवार को कुछ गावों में पानी वितरित कर दिया गया है। साथ ही दो मोटरों को मरम्मत के लिए काशीपुर भेजा गया है। पूर्व ग्राम प्रधान सैणसेरा सुरेंद्र सिंह ने लचर व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुये शीघ्र पुनर्गठन करने की मांग की है। उन्होंने कहा है प्रधान रहते हुये इस मामले को अनेकों बार बीडीसी में उठाया। लेकिन हजारों की संख्या में लोगो को पेयजल आपूर्ति बहाल करने वाली योजना के जीर्ण शीर्ण होने के चलते लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।Body:
चार दिनों से 60 अधिक गांवों की पेयजल आपूर्ति ठप

रामगंगा भौना देवी पंपिग पेयजल योजना लंबे समय से अंतिम सासें गिन रही है। पानी लिफ्ट करने के लिए टयूबवैल में लगे चार मोटरों में से दो खराब चल रही हैं। वही दो अन्य मोटरों के भी फूक जाने के चलते चार दिनों से 60 से अधिक गांवों में पेयजल आपूर्ति ठप हो गई है।

भिकियासैण में रामगंगा नदी से तीन दशक पूर्व बनी भौना देवी पंपिग पेयजल योजना जीर्ण हो चुकी है। चार स्टेजों की इस योजना से कढोली, धूरा, माझली, श्रीकोट, नाहोरी, कुनझीणा, बासोट, इनोली सहित 62 गावों के पांच हजार लोगों की प्यास बुझती है। लेकिन योजना के पंप व पाइप लाइन के जीर्ण क्षीण होने के चलते ग्रामीणों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। रोस्टर के अनुसार भी कई गांवों में आपूर्ति पूरी भी नहीं हो पा रही है। यहां पानी लिफ्ट करने के लिये चार पंप मोटरें लगाई गई। लेकिन इनकी स्थिति बहुत खराब है चार में से दो ही मोटर काम कर रहे है। लेकिन ये दो भी चार दिन पूर्व खराब हो गई। जिससे 62 गांवों की पेयजल आपूर्ति ठप हो गई। पेयजल आपूर्ति नही होने से ग्रामीण कोसों दूर से पानी ढोने को मजबूर हैं। इधर अवर अभियंता गौरव पंत का कहना है एक पंप ठीक करा कर बुधवार को कुछ गावों में पानी वितरित कर दिया गया है। साथ ही दो मोटरों को मरम्मत के लिए काशीपुर भेजा गया है। पूर्व ग्राम प्रधान सैणसेरा सुरेंद्र सिंह ने लचर व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुये शीघ्र पुनर्गठन करने की मांग की है। उन्होंने कहा है प्रधान रहते हुये इस मामले को अनेकों बार बीडीसी में उठाया। लेकिन हजारों की संख्या में लोगो को पेयजल आपूर्ति बहाल करने वाली योजना के जीर्ण शीर्ण होने के चलते लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


चालीस हजार से अधिक की आबादी प्रभावित

भिकियासैंण तहसील की दर्जनों गांवों को पेयजल मुहैया कराने वाली भावना देवी पेयजल पंपिंग योजना के ठप होने के कारण करीब चालीस हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि पिछले 5 दिनों से योजना से एक बूंद भी पानी नहीं टपका है। ग्रामीणों ने बताया कि ठंड के मौसम में लोगों को दूर-दराज से पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है। शिकायत के बावजूद विभाग पंपों को ठीक नहीं करा पा रहा है।Conclusion:
चार दिनों से 60 अधिक गांवों की पेयजल आपूर्ति ठप

रामगंगा भौना देवी पंपिग पेयजल योजना लंबे समय से अंतिम सासें गिन रही है। पानी लिफ्ट करने के लिए टयूबवैल में लगे चार मोटरों में से दो खराब चल रही हैं। वही दो अन्य मोटरों के भी फूक जाने के चलते चार दिनों से 60 से अधिक गांवों में पेयजल आपूर्ति ठप हो गई है।

भिकियासैण में रामगंगा नदी से तीन दशक पूर्व बनी भौना देवी पंपिग पेयजल योजना जीर्ण हो चुकी है। चार स्टेजों की इस योजना से कढोली, धूरा, माझली, श्रीकोट, नाहोरी, कुनझीणा, बासोट, इनोली सहित 62 गावों के पांच हजार लोगों की प्यास बुझती है। लेकिन योजना के पंप व पाइप लाइन के जीर्ण क्षीण होने के चलते ग्रामीणों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। रोस्टर के अनुसार भी कई गांवों में आपूर्ति पूरी भी नहीं हो पा रही है। यहां पानी लिफ्ट करने के लिये चार पंप मोटरें लगाई गई। लेकिन इनकी स्थिति बहुत खराब है चार में से दो ही मोटर काम कर रहे है। लेकिन ये दो भी चार दिन पूर्व खराब हो गई। जिससे 62 गांवों की पेयजल आपूर्ति ठप हो गई। पेयजल आपूर्ति नही होने से ग्रामीण कोसों दूर से पानी ढोने को मजबूर हैं। इधर अवर अभियंता गौरव पंत का कहना है एक पंप ठीक करा कर बुधवार को कुछ गावों में पानी वितरित कर दिया गया है। साथ ही दो मोटरों को मरम्मत के लिए काशीपुर भेजा गया है। पूर्व ग्राम प्रधान सैणसेरा सुरेंद्र सिंह ने लचर व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुये शीघ्र पुनर्गठन करने की मांग की है। उन्होंने कहा है प्रधान रहते हुये इस मामले को अनेकों बार बीडीसी में उठाया। लेकिन हजारों की संख्या में लोगो को पेयजल आपूर्ति बहाल करने वाली योजना के जीर्ण शीर्ण होने के चलते लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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