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अल्मोड़ा में आवारा कुत्तों और बंदरों का आतंक, 137 दिन में 1087 लोग हुए शिकार - अल्मोड़ा समाचार

बीते दिनों अल्मोड़ा क्षेत्र में एक आवारा कुत्ते ने एक बच्ची पर जानलेवा हमला कर दिया था. जिसमें वो घायल हो गई थी. इस घटना के बाद से स्थानीय लोगों में प्रशासन के खिलाफ काफी रोष है. लगातार बढ़ रहे आवारा जानवरों के आतंक से लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. इतना ही नहीं स्कूल जाते समय बच्चों पर बंदरों के झपटने का डर बना हुआ है.

अल्मोड़ा में आवारा कुत्ते और बंदरों का आतंक
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Published : Jun 9, 2019, 12:03 AM IST

Updated : Jun 9, 2019, 5:29 PM IST

अल्मोड़ाः जिले में आवारा जानवरों का आतंक बना हुआ है. यहां पर बंदर और आवारा कुत्ते राह चलते लोगों को काट रहे हैं. इतना ही नहीं बंदर घरों के अंदर ही लोगों पर झपट रहे हैं. कई बार बंदरों के हमले से लोगों के घायल होने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं. इस साल अभी तक जिले के तीन बड़े अस्पतालों में आवारा जानवरों के काटने के बाद 1087 लोग रेबीज के वैक्सीन लगवाने पहुंच चुके हैं. उधर, अस्पतालों में भी जानवरों के काटने से घायल मरीज लगातार पहुंच रहे हैं.

अल्मोड़ा में आवारा कुत्ते और बंदरों का आतंक.


आकंड़ों पर गौर करें तो साल के शुरुआत से अब तक 137 दिनों में 1087 लोग जानवरों के काटने पर रेबीज इंजेक्शन लगवा चुके हैं. जिला अस्पताल अल्मोड़ा में सबसे ज्यादा 715, बेस अस्पताल में 96 तो वहीं राजकीय अस्पताल रानीखेत में 276 मामले सामने आ चुके हैं. गर्मी का मौसम आते ही आवारा जानवर भी खूंखार हो रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः टिहरी झील में पर्यटक उठा रहे वाटर स्पोर्ट्स का आनंद, कपल बोट बनी आकर्षण का केंद्र

बीते दिनों एक आवारा कुत्ते ने बच्ची पर जानलेवा हमला कर दिया था. जिसमें वो घायल हो गई थी. इस घटना के बाद से स्थानीय लोगों में प्रशासन के खिलाफ काफी रोष है. लगातार बढ़ रहे आवारा जानवरों के आतंक से लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. इतना ही नहीं स्कूल जाते समय बच्चों पर बंदरों के झपटने का डर बना रहता है.

वहीं, अस्पतालों में रेबीज वैक्सीन भी काफी मुश्किल से मिल रहा है. सरकार आवारा जानवरों से निपटने और रेबीज वैक्सीन उपलब्ध कराने को लेकर कई दावे करती है, लेकिन पालिका और वन विभाग मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. हालांकि डीएम ने वन विभाग को आवश्यक उपकरण खरीदने को कहा है. साथ ही इस महीने के अंत में बंदरों और कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं.

अल्मोड़ाः जिले में आवारा जानवरों का आतंक बना हुआ है. यहां पर बंदर और आवारा कुत्ते राह चलते लोगों को काट रहे हैं. इतना ही नहीं बंदर घरों के अंदर ही लोगों पर झपट रहे हैं. कई बार बंदरों के हमले से लोगों के घायल होने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं. इस साल अभी तक जिले के तीन बड़े अस्पतालों में आवारा जानवरों के काटने के बाद 1087 लोग रेबीज के वैक्सीन लगवाने पहुंच चुके हैं. उधर, अस्पतालों में भी जानवरों के काटने से घायल मरीज लगातार पहुंच रहे हैं.

अल्मोड़ा में आवारा कुत्ते और बंदरों का आतंक.


आकंड़ों पर गौर करें तो साल के शुरुआत से अब तक 137 दिनों में 1087 लोग जानवरों के काटने पर रेबीज इंजेक्शन लगवा चुके हैं. जिला अस्पताल अल्मोड़ा में सबसे ज्यादा 715, बेस अस्पताल में 96 तो वहीं राजकीय अस्पताल रानीखेत में 276 मामले सामने आ चुके हैं. गर्मी का मौसम आते ही आवारा जानवर भी खूंखार हो रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः टिहरी झील में पर्यटक उठा रहे वाटर स्पोर्ट्स का आनंद, कपल बोट बनी आकर्षण का केंद्र

बीते दिनों एक आवारा कुत्ते ने बच्ची पर जानलेवा हमला कर दिया था. जिसमें वो घायल हो गई थी. इस घटना के बाद से स्थानीय लोगों में प्रशासन के खिलाफ काफी रोष है. लगातार बढ़ रहे आवारा जानवरों के आतंक से लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. इतना ही नहीं स्कूल जाते समय बच्चों पर बंदरों के झपटने का डर बना रहता है.

वहीं, अस्पतालों में रेबीज वैक्सीन भी काफी मुश्किल से मिल रहा है. सरकार आवारा जानवरों से निपटने और रेबीज वैक्सीन उपलब्ध कराने को लेकर कई दावे करती है, लेकिन पालिका और वन विभाग मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. हालांकि डीएम ने वन विभाग को आवश्यक उपकरण खरीदने को कहा है. साथ ही इस महीने के अंत में बंदरों और कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं.

Intro:अल्मोड़ा जिले में आवारा जानवरो का आतंक से लोग खासा परेशान हैं। एक तरफ जहाँ बंदरो का आतंक शहर से लेकर गांव तक बना है वही आवारा कुत्तों ने आतंक फैला रखा है। नगर में बंदर और आवारा कुत्ते राह चलते लोगों को काट रहे है। कटखने बंदर घरो के अंदर ही लोगो पर झपट रहे हैं। कई बार बंदरो के हमले से लोगो के घायल होने की घटनाएं भी सामने आ चुकी है। इस वर्ष अब तक जिले के तीन बड़े अस्पतालों में आवारा जानवरो के काटने के बाद 1087 लोग रैबीज वैक्सीन लगाने पहुच चुके हैं। अस्पतालों में लागतार जानवरो के काटने के केस बढ़ रहे हैं।


Body:इस वर्ष अब तक 137 दिनों में 1087 लोग जानवरो के काटने पर रैबीज इंजेक्सन लगवा चुके हैं।जिला अस्पताल अल्मोड़ा में सबसे अधिक 715 , बेस अस्पताल में 96 तो वही राजकीय अस्पताल रानीखेत में 276 लोग रैबीज वैक्सीन लगाने को अब तक पहुच चुके हैं। गर्मी शुरू होने के बाद आवारा जानवर भी खूंखार हो रहे हैं। लगातार बढ़ रहे आवारा जानवरो के हमले से घायल लोग उपचार को अस्पताल पहुच रहे हैं। रानीखेत में कुत्तों का आतंक फैला है। पिछले दिनों एक आवारा कुत्ते के एक बच्ची पर जानलेवा हमला करने के बाद वहा के लोगो मे प्रशासन के प्रति रोष व्याप्त है।
लगातार बढ़ रहे आवारा जानवरो के आतंक से लोगो का घरो से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।आलम यह है कि स्कूल जाते छोटे छोटे बच्चों पर बंदर कब झपट जाय कहा नही जा सकता।
वही अस्पतालों में रैबीज वैक्सीन उपलब्ध कराने में भी दिक्कत हो रही है। सरकार द्वारा लाखों रुपये जानवरो के काटने पर रैबीज वैक्सीन लगाने में खर्च करने पढ़ रहे हैं लेकिन पालिका व वन विभाग की ओर से बंदरो के इस आतंक से निपटने की कोई कोशिश सामने नही दिख रही है।हालांकि डीएम की ओर से वन विभाग को आवश्यक उपकरण खरीदने को और इस माह के अंत से बंदरो व कुत्तो को पकड़ने का अभियान शुरू करने का निर्देश दिया है।

बाइट 1 तारा चंद्र जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता
बाइट 2 विनोद, स्थानीय
बाइट 3 आर सी पंत, वरिष्ठ चिकित्सक जिला अस्पताल अल्मोड़ा



Conclusion:
Last Updated : Jun 9, 2019, 5:29 PM IST
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