अल्मोड़ाः जिले में आवारा जानवरों का आतंक बना हुआ है. यहां पर बंदर और आवारा कुत्ते राह चलते लोगों को काट रहे हैं. इतना ही नहीं बंदर घरों के अंदर ही लोगों पर झपट रहे हैं. कई बार बंदरों के हमले से लोगों के घायल होने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं. इस साल अभी तक जिले के तीन बड़े अस्पतालों में आवारा जानवरों के काटने के बाद 1087 लोग रेबीज के वैक्सीन लगवाने पहुंच चुके हैं. उधर, अस्पतालों में भी जानवरों के काटने से घायल मरीज लगातार पहुंच रहे हैं.
आकंड़ों पर गौर करें तो साल के शुरुआत से अब तक 137 दिनों में 1087 लोग जानवरों के काटने पर रेबीज इंजेक्शन लगवा चुके हैं. जिला अस्पताल अल्मोड़ा में सबसे ज्यादा 715, बेस अस्पताल में 96 तो वहीं राजकीय अस्पताल रानीखेत में 276 मामले सामने आ चुके हैं. गर्मी का मौसम आते ही आवारा जानवर भी खूंखार हो रहे हैं.
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बीते दिनों एक आवारा कुत्ते ने बच्ची पर जानलेवा हमला कर दिया था. जिसमें वो घायल हो गई थी. इस घटना के बाद से स्थानीय लोगों में प्रशासन के खिलाफ काफी रोष है. लगातार बढ़ रहे आवारा जानवरों के आतंक से लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. इतना ही नहीं स्कूल जाते समय बच्चों पर बंदरों के झपटने का डर बना रहता है.
वहीं, अस्पतालों में रेबीज वैक्सीन भी काफी मुश्किल से मिल रहा है. सरकार आवारा जानवरों से निपटने और रेबीज वैक्सीन उपलब्ध कराने को लेकर कई दावे करती है, लेकिन पालिका और वन विभाग मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. हालांकि डीएम ने वन विभाग को आवश्यक उपकरण खरीदने को कहा है. साथ ही इस महीने के अंत में बंदरों और कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं.