अल्मोड़ाः जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर चल रहे त्रिकोणीय मुकाबले में निर्दलीय प्रत्याशी के साथ यूकेडी ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानि पीडीएफ का गठन कर दिया है. जिसके बाद पीडीएफ ने दोनों राष्ट्रीय दलों की नींद उड़ा दी है. वहीं, पीडीएफ मोर्चा का कहना है कि बीजेपी-कांग्रेस के प्रलोभन के आगे निर्दलीय और यूकेडी के सदस्य झुकने वाले नहीं हैं.
यूकेडी के पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी ने प्रेस वार्ता कर कहा कि पंचायत चुनाव में आज कल खरीद-फरोख्त का माहौल बना हुआ है. इससे इतर उन्होंने यूकेडी के साथ निर्दलीय प्रत्याशी को मिलाकर पीडीएफ का गठन किया है. उनका मकसद है कि बाकी दल उनके प्रत्याशी को समर्थन दें. अभी तक वो अपने प्रत्याशी को जिताने की हरसंभव कोशिश में जुटे हैं. हालांकि, आगे क्या समीकरण बनते हैं, उसी के हिसाब से फैसला लिया जाएगा.
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वहीं, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा ने जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में जाने की अटकलों को भी सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि इन चुनावों में वह न तो कांग्रेस को समर्थन देंगे और न ही बीजेपी को. उन्होंने यूकेडी के साथ मिल कर संयुक्त प्रतिशील गठबंधन (पीडीएफ) के गठन की बात कही है और पूरी ताकत से चुनाव लड़ा जाएगा.
मेहरा ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में जिस प्रकार का माहौल बनाया गया, उसके बाद निर्णय लिया गया है कि नव गठित पीडीएफ के नीतियों के अनुसार चला जाएगा. उन्होंने अपने पक्ष में नौ सदस्यों के समर्थन की बात भी कही. साथ ही पीडीएफ को कांग्रेस और बीजेपी के तमाम नव निर्वाचित सदस्यों के समर्थन मिलने का दावा भी किया.
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बता दें कि, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा के बेटे सुरेंद्र मेहरा को कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने अध्यक्ष के लिए निर्दलीय ताल ठोका है. जिसके बाद उन्होंने उत्तराखंड क्रांति दल के समर्थित 4 जिला पंचायत सदस्यों के साथ गठबंधन कर पीडीएफ के गठन का ऐलान किया है.