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जल संकट दूर करने में जुटा जीबी पंत संस्थान, 12 हिमालयी राज्यों को जल संकट से मिलेगी राहत

अल्मोड़ा स्थित जीबी पंत हिमालयी पर्यावरण एवं विकास संस्थान जल के संवर्धन व संरक्षण की योजना पर कार्य कर रहा है. जिसके तहत 12 हिमालयी राज्यों में संस्थान वाटर सेंचुरी बनाने के साथ ही सूख चुके जल स्रोतों को रिचार्ज करने के कार्य में जुटा हुआ है.

जल संकट दूर करने में जुटा जीबी पंत संस्थान
जल संकट दूर करने में जुटा जीबी पंत संस्थान
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Published : Mar 4, 2021, 3:53 PM IST

अल्मोड़ा: देशभर में बढ़ते जल संकट की समस्या को देखते हुए अल्मोड़ा स्थित जीबी पंत हिमालयी पर्यावरण एवं विकास संस्थान जल के संवर्धन व संरक्षण की योजना पर कार्य कर रहा है. जिसके तहत 12 हिमालयी राज्यों में संस्थान वाटर सेंचुरी बनाने के साथ ही सूख चुके जल स्रोतों को रिचार्ज करने के काम में जुटा हुआ है.

जीबी पंत संस्थान के अंतर्गत राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन के तहत वैज्ञानिक 12 हिमालयी राज्यों (जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल) में इस प्रोजेक्ट के तहत कार्य कर रहे हैं, जिसमें खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में वाटर सेंचुरी बनाने के साथ ही प्राकृतिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित और वर्षा जल का संरक्षण भी किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने की पहली वर्षगांठ, CM ने दी बधाई

जीबी पंत हिमालयी पर्यावरण संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक किरीट कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन के तहत इंटीग्रेटेड वाटर मैनेजमेंट प्लान पर कार्य शुरू किया गया है. उन्होंने बताया कि इसके तहत पानी की समस्या को दूर करने के लिए 12 हिमालयी राज्यों में कार्य किया जा रहा है. जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में न केवल जल अभ्यारण बनाये जाएंगे, बल्कि सूख चुके जल स्रोतों को पुनर्जीवित, बारिश के पानी संरक्षण व वेस्ट वाटर को उपयोग में लाया जाएगा.

वरिष्ठ वैज्ञानिक किरीट कुमार का कहना है कि अगर राज्य सरकारें चाहे तो इस प्रोजेक्ट को जलजीवन मिशन के तहत जोड़ सकती है.

अल्मोड़ा: देशभर में बढ़ते जल संकट की समस्या को देखते हुए अल्मोड़ा स्थित जीबी पंत हिमालयी पर्यावरण एवं विकास संस्थान जल के संवर्धन व संरक्षण की योजना पर कार्य कर रहा है. जिसके तहत 12 हिमालयी राज्यों में संस्थान वाटर सेंचुरी बनाने के साथ ही सूख चुके जल स्रोतों को रिचार्ज करने के काम में जुटा हुआ है.

जीबी पंत संस्थान के अंतर्गत राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन के तहत वैज्ञानिक 12 हिमालयी राज्यों (जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल) में इस प्रोजेक्ट के तहत कार्य कर रहे हैं, जिसमें खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में वाटर सेंचुरी बनाने के साथ ही प्राकृतिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित और वर्षा जल का संरक्षण भी किया जाएगा.

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जीबी पंत हिमालयी पर्यावरण संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक किरीट कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन के तहत इंटीग्रेटेड वाटर मैनेजमेंट प्लान पर कार्य शुरू किया गया है. उन्होंने बताया कि इसके तहत पानी की समस्या को दूर करने के लिए 12 हिमालयी राज्यों में कार्य किया जा रहा है. जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में न केवल जल अभ्यारण बनाये जाएंगे, बल्कि सूख चुके जल स्रोतों को पुनर्जीवित, बारिश के पानी संरक्षण व वेस्ट वाटर को उपयोग में लाया जाएगा.

वरिष्ठ वैज्ञानिक किरीट कुमार का कहना है कि अगर राज्य सरकारें चाहे तो इस प्रोजेक्ट को जलजीवन मिशन के तहत जोड़ सकती है.

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