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अतिवृष्टि से तबाह हुई सोमेश्वर घाटी का प्रशासन की टीम ने किया दौरा - उत्तराखंड न्यूज

कुमाऊं में मंगलवार को जिस तरह से बारिश हुई है उससे न सिर्फ वहां का जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, बल्कि किसानों की कमर ही टूट गई है. अतिवृष्टि से सोमेश्वर घाटी के कई गांव तबाह हो गए हैं.

सोमेश्वर
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Published : May 6, 2020, 3:34 PM IST

सोमेश्वर: अतिवृष्टि के कारण अल्मोड़ा की सोमेश्वर घाटी में हुई तबाही का जायजा लेने के लिए बुधवार को प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. प्रशासन की टीम ने अतिवृष्टि से तबाह हुए कई गांवों का दौरा किया. इस दौरान प्रशासन ने किसानों की फसलों को हुए नुकसान का आकलन भी किया है, ताकि पीड़ितों को समय से मुआवजा दिया जा सके,

मंगलवार शाम को सोमेश्वर घाटी में अतिवृष्टि के कारण कोसी नदी समेत अन्य नदी-नाले उफान पर आ गए थे. इस दौरान दो नेपाली मजदूर बह गए थे, जिसमें से एक को बचा लिया गया था, लेकिन एक मजदूर का पता नहीं चल पाया. जो मजदूर नाले में बह गया था उसका नाम बीरू बहादुर (35) है. उसकी तलाश की जा रही है. इस दौरान कई मवेशी में पानी में बह गए थे, जिनकी मौत हो गई.

इस आपदा में खेतों में तैयार खड़ी सारी फसल बर्बाद हो गई थी. बारिश के पानी के साथ भारी मात्रा में मलबा भी कई घरों में घुस गया, जिससे घर में रखा सारा सामान खराब हो गया था.

गुरुड़ा गांव की पुष्पा बोरा ने कहा कि उनकी रोजी-रोटी का माध्यम खेती है, जिसे कल की आपदा ने नेस्तनाबूद कर दिया है. उनके मवेशियों के लिए चारे का भी संकट खड़ा हो गया है. ग्रामीण लीला बोरा ने सरकार से फसलों का मुआवजा देने की गुहार लगाई है.

पढ़ें- मौसम भी दे रहा 'दगा', अतिवृष्टि से तबाह हुई सोमेश्वर घाटी

जीतब गांव के तोलागूंठ बस्ती के पूरन राम का बैल भी कोसी नदी में बह गया था. गुरुड़ा गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाले पैदल गार्डर पुल की सुरक्षा दीवार क्षतिग्रस्त होने से पुल को खतरा बना है और आवाजाही बाधित हो गई है.

लोद घाटी के झुपुलचौरा में बिजली की लाइन के ऊपर पेड़ गिरने से ग्रामीणों को खतरा बना हुआ है. चनौदा क्षेत्र में हाई वोल्टेज से दर्जनों ग्रामीणों के टीवी, एलईडी, इन्वर्टर सहित अन्य उपकरण फुंक गए. क्षेत्र के अनेक गांवों की विद्युत आपूर्ति बुधवार को भी ठप रही. इससे सरकारी और गैर सरकारी कार्य प्रभावित रहे.

तहसील प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार निशा रानी और राजस्व उप निरीक्षक आनन्द राम आर्य समेत अन्य अधिकारियों ने आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया.

प्रशासन ने बताया कि थानाध्यक्ष रमेश बोहरा के साथ पुलिस, एसडीआरएफ टीम और अन्य लोग बीरू बहादुर को खोज रहे हैं. एसओ बोहरा ने फोन पर बताया कि अभी तक गुम नेपाली नहीं मिला है. नदी का पानी साफ होने के बाद गोताखोरों की भी मदद ली जाएगी.

सोमेश्वर: अतिवृष्टि के कारण अल्मोड़ा की सोमेश्वर घाटी में हुई तबाही का जायजा लेने के लिए बुधवार को प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. प्रशासन की टीम ने अतिवृष्टि से तबाह हुए कई गांवों का दौरा किया. इस दौरान प्रशासन ने किसानों की फसलों को हुए नुकसान का आकलन भी किया है, ताकि पीड़ितों को समय से मुआवजा दिया जा सके,

मंगलवार शाम को सोमेश्वर घाटी में अतिवृष्टि के कारण कोसी नदी समेत अन्य नदी-नाले उफान पर आ गए थे. इस दौरान दो नेपाली मजदूर बह गए थे, जिसमें से एक को बचा लिया गया था, लेकिन एक मजदूर का पता नहीं चल पाया. जो मजदूर नाले में बह गया था उसका नाम बीरू बहादुर (35) है. उसकी तलाश की जा रही है. इस दौरान कई मवेशी में पानी में बह गए थे, जिनकी मौत हो गई.

इस आपदा में खेतों में तैयार खड़ी सारी फसल बर्बाद हो गई थी. बारिश के पानी के साथ भारी मात्रा में मलबा भी कई घरों में घुस गया, जिससे घर में रखा सारा सामान खराब हो गया था.

गुरुड़ा गांव की पुष्पा बोरा ने कहा कि उनकी रोजी-रोटी का माध्यम खेती है, जिसे कल की आपदा ने नेस्तनाबूद कर दिया है. उनके मवेशियों के लिए चारे का भी संकट खड़ा हो गया है. ग्रामीण लीला बोरा ने सरकार से फसलों का मुआवजा देने की गुहार लगाई है.

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जीतब गांव के तोलागूंठ बस्ती के पूरन राम का बैल भी कोसी नदी में बह गया था. गुरुड़ा गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाले पैदल गार्डर पुल की सुरक्षा दीवार क्षतिग्रस्त होने से पुल को खतरा बना है और आवाजाही बाधित हो गई है.

लोद घाटी के झुपुलचौरा में बिजली की लाइन के ऊपर पेड़ गिरने से ग्रामीणों को खतरा बना हुआ है. चनौदा क्षेत्र में हाई वोल्टेज से दर्जनों ग्रामीणों के टीवी, एलईडी, इन्वर्टर सहित अन्य उपकरण फुंक गए. क्षेत्र के अनेक गांवों की विद्युत आपूर्ति बुधवार को भी ठप रही. इससे सरकारी और गैर सरकारी कार्य प्रभावित रहे.

तहसील प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार निशा रानी और राजस्व उप निरीक्षक आनन्द राम आर्य समेत अन्य अधिकारियों ने आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया.

प्रशासन ने बताया कि थानाध्यक्ष रमेश बोहरा के साथ पुलिस, एसडीआरएफ टीम और अन्य लोग बीरू बहादुर को खोज रहे हैं. एसओ बोहरा ने फोन पर बताया कि अभी तक गुम नेपाली नहीं मिला है. नदी का पानी साफ होने के बाद गोताखोरों की भी मदद ली जाएगी.

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