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नगर निगम के अधिकारियों पर लगा मिलीभगत का आरोप, SDM ने दिए जांच के आदेश - Municipal Corporation officers under questions

दरअसल, ऋषिकेश हरिद्वार रोड स्थित एकांत कुटी का मामले में दो पक्षों का विवाद न्यायालय में विचाराधीन चल रहा है. जिसमें एक पक्ष का आरोप है कि नगर निगम ने दूसरे पक्ष को फायदा पहुंचाया है. एक पक्ष का कहना है कि मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद भी नगर निगम ने एकांत कुटी को दूसरे के नाम पर दर्ज कर दिया है.

नगर निगम के अधिकारियों पर लगा मिलीभगत का आरोप
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Published : Oct 11, 2019, 8:07 PM IST

ऋषिकेश: एक बार फिर से ऋषिकेश नगर निगम चर्चाओं में बना हुआ है. इस बार नगर निगम के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगा है. ताजा मामला एक संपत्ति से जुड़ा हुआ है जिसका मामला न्यायालय में लंबित चल रहा है. न्यायालय में लंबित होने के बावजूद नगर निगम के अधिकारियों ने मिलीभगत कर संपत्ति को किसी अन्य के नाम दर्ज कर दिया. जिसे लेकर एक पक्ष ने उप जिलाधिकारी से मामले की शिकायत की है.

नगर निगम के अधिकारियों पर लगा मिलीभगत का आरोप.

दरअसल, ऋषिकेश हरिद्वार रोड स्थित एकांत कुटी का मामले में दो पक्षों का विवाद न्यायालय में विचाराधीन चल रहा है. जिसमें एक पक्ष का आरोप है कि नगर निगम ने दूसरे पक्ष को फायदा पहुंचाया है. एक पक्ष का कहना है कि मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद भी नगर निगम ने एकांत कुटी को दूसरे के नाम पर दर्ज कर दिया है.

पढ़ें-कॉर्बेट का नैसर्गिक सौन्दर्य खींच लाया था PM और बेयर ग्रिल्स को यहां, इस बार ये होगा खास

शिकायतकर्ता धीरेंद्र पंत ने बताया कि हरिद्वार रोड स्थित एकांत कुटी संपति संख्या 361/1 जो राजरानी चावला के नाम पर दर्ज थी उसे नगर निगम ने आशा चावला के नाम पर दर्ज कर दिया है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम के अधिकारियों ने मिलीभगत कर संपति को आशा चावला के नाम दर्ज कर दिया है जो कि नियमों का उल्लंघन है.

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वहीं, शिकायकर्ता ने मामले की शिकायत उपजिलाधिकारी से की है. उप जिलाधिकारी प्रेमलाल ने बताया कि एक संपत्ति के नामांतरण का मामला उनके संज्ञान में आया है. उन्होंने कहा कि मामले की शिकायत के बाद जांच के लिए नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त को आदेशित कर दिया गया है.

ऋषिकेश: एक बार फिर से ऋषिकेश नगर निगम चर्चाओं में बना हुआ है. इस बार नगर निगम के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगा है. ताजा मामला एक संपत्ति से जुड़ा हुआ है जिसका मामला न्यायालय में लंबित चल रहा है. न्यायालय में लंबित होने के बावजूद नगर निगम के अधिकारियों ने मिलीभगत कर संपत्ति को किसी अन्य के नाम दर्ज कर दिया. जिसे लेकर एक पक्ष ने उप जिलाधिकारी से मामले की शिकायत की है.

नगर निगम के अधिकारियों पर लगा मिलीभगत का आरोप.

दरअसल, ऋषिकेश हरिद्वार रोड स्थित एकांत कुटी का मामले में दो पक्षों का विवाद न्यायालय में विचाराधीन चल रहा है. जिसमें एक पक्ष का आरोप है कि नगर निगम ने दूसरे पक्ष को फायदा पहुंचाया है. एक पक्ष का कहना है कि मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद भी नगर निगम ने एकांत कुटी को दूसरे के नाम पर दर्ज कर दिया है.

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शिकायतकर्ता धीरेंद्र पंत ने बताया कि हरिद्वार रोड स्थित एकांत कुटी संपति संख्या 361/1 जो राजरानी चावला के नाम पर दर्ज थी उसे नगर निगम ने आशा चावला के नाम पर दर्ज कर दिया है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम के अधिकारियों ने मिलीभगत कर संपति को आशा चावला के नाम दर्ज कर दिया है जो कि नियमों का उल्लंघन है.

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वहीं, शिकायकर्ता ने मामले की शिकायत उपजिलाधिकारी से की है. उप जिलाधिकारी प्रेमलाल ने बताया कि एक संपत्ति के नामांतरण का मामला उनके संज्ञान में आया है. उन्होंने कहा कि मामले की शिकायत के बाद जांच के लिए नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त को आदेशित कर दिया गया है.

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ऋषिकेश-- नगर निगम ऋषिकेश के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगा है इस बार यह मामला एक संपत्ति से जुड़ा हुआ है जिसका मामला न्यायालय में लंबित चल रहा है न्यायालय में लंबित होने के बावजूद भी नगर निगम के अधिकारियों ने मिलीभगत कर संपत्ति को किसी अन्य के नाम दर्ज कर दी है इसको लेकर एक पक्ष ने उप जिला अधिकारी से शिकायत की है।


Body:वी/ओ--ऋषिकेश हरिद्वार रोड स्थित एकांत कुटी का मामला दो पक्षों के विवाद को लेकर न्यायालय में विचाराधीन चल रहा है,जिसमें दो पक्षों में से एक पक्ष का आरोप है कि दूसरे पक्ष को निजी फायदा पहुंचाते हुए नगरनिगम ने न्यायालय में विवादित मामले के बावजूद भी सम्पति को किसी ओर के नाम कर नियमों का उलंघ्न किया है,शिकायत कर्ता धीरेंद्र पंत ने बताया कि हरिद्वार रोड स्थित एकांत कुटी सम्प्पति संख्या 361/1 जो राजरानी चावला के नाम पर दर्ज थी जो निगम में अब आशा चावला के नाम पर दर्ज कर दी गई है,शिकायतकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि संपत्ति को निगम बनने के बाद निगम के अधिकारियों ने मिलीभगत कर सम्प्पति को आशा चावला के नाम पर दर्ज की है,शिकायतकर्ता का कहना था कि इस संपत्ति का मामला न्यायालय में विचाराधीन है ऐसे में सम्पत्ति को किसी अन्य के नाम पर चढ़ाए जाना न्यायालय अवमानना भी है,आज इसी को लेकर उपजिलाधिकारी से शिकायत की है।


Conclusion:वी/ओ--इस बारे में उप जिलाधिकारी प्रेम लाल ने बताया कि एक संपत्ति नामांतरण का मामला उनके सामने आया था इस मामले की शिकायत के बाद उन्होंने मामले की जांच के लिए नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त को आदेशित कर दिया गया है।

बाईट--धीरेंद्र पंत(शिकायतकर्ता)
बाईट--प्रेमलाल(उपजिलाधिकारी,ऋषिकेश)
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