ऋषिकेश: एक बार फिर से ऋषिकेश नगर निगम चर्चाओं में बना हुआ है. इस बार नगर निगम के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगा है. ताजा मामला एक संपत्ति से जुड़ा हुआ है जिसका मामला न्यायालय में लंबित चल रहा है. न्यायालय में लंबित होने के बावजूद नगर निगम के अधिकारियों ने मिलीभगत कर संपत्ति को किसी अन्य के नाम दर्ज कर दिया. जिसे लेकर एक पक्ष ने उप जिलाधिकारी से मामले की शिकायत की है.
दरअसल, ऋषिकेश हरिद्वार रोड स्थित एकांत कुटी का मामले में दो पक्षों का विवाद न्यायालय में विचाराधीन चल रहा है. जिसमें एक पक्ष का आरोप है कि नगर निगम ने दूसरे पक्ष को फायदा पहुंचाया है. एक पक्ष का कहना है कि मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद भी नगर निगम ने एकांत कुटी को दूसरे के नाम पर दर्ज कर दिया है.
पढ़ें-कॉर्बेट का नैसर्गिक सौन्दर्य खींच लाया था PM और बेयर ग्रिल्स को यहां, इस बार ये होगा खास
शिकायतकर्ता धीरेंद्र पंत ने बताया कि हरिद्वार रोड स्थित एकांत कुटी संपति संख्या 361/1 जो राजरानी चावला के नाम पर दर्ज थी उसे नगर निगम ने आशा चावला के नाम पर दर्ज कर दिया है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम के अधिकारियों ने मिलीभगत कर संपति को आशा चावला के नाम दर्ज कर दिया है जो कि नियमों का उल्लंघन है.
पढ़ें-तीर्थनगरी में एक बार फिर दिखी गजराज की धमक, एम्स गेट पर दिखा विशालकाय हाथी
वहीं, शिकायकर्ता ने मामले की शिकायत उपजिलाधिकारी से की है. उप जिलाधिकारी प्रेमलाल ने बताया कि एक संपत्ति के नामांतरण का मामला उनके संज्ञान में आया है. उन्होंने कहा कि मामले की शिकायत के बाद जांच के लिए नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त को आदेशित कर दिया गया है.