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एम्स के निष्कासित कर्मचारियों ने अपनाया आंदोलन का नया तरीका, लोगों के पास जाकर मांग रहे भीख - एम्स से निकाले गए कर्मचारी

पिछले 23 दिनों से आंदोलन कर रहे एम्स से निकाले गए कर्मचारी अब लोगों से भीख मांगकर सहयोग करने की अपील कर रहे है. एम्स से निष्कासित कर्मचारियों का कहना है कि उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

एम्स के निष्कासित कर्मचारियों ने अपनाया आंदोलन का नया तरीका.
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Published : Mar 18, 2019, 9:40 PM IST

ऋषिकेश: पिछले 23 दिनों से आंदोलन कर रहे एम्स से निकाले गए कर्मचारी अब लोगों से भीख मांगकर सहयोग करने की अपील कर रहे है. एम्स से निष्कासित कर्मचारियों का कहना है कि उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. जिसके चलते अब वे लोगों से सहयोग करने की अपील कर रहे हैं. वहीं निकाले गए कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें एम्स में दोबारा नौकरी पर रखा जाए.

एम्स के निष्कासित कर्मचारियों ने अपनाया आंदोलन का नया तरीका.

बता दें कि ऋषिकेश एम्स से 100 से अधिक आउटसोर्सिंग के जरिये नौकरी कर रहे लोगों को बिना नोटिस दिए ही निष्कासित कर दिया गया था. जिसके बाद निकाले गए एम्स कर्मचारी अपनी नौकरी की बहाली को लेकर पिछले 23 दिनों से आंदोलनरत हैं. लेकिन एम्स प्रशासन का कोई अधिकारी उनसे मिलने नहीं पंहुचा. जिसके चलते निष्कासित कर्मचारियों ने आंदोलन का नया तरीका अपनाया है.

पढ़ें:कैंसर से मनोहर पर्रिकर की मौत के बाद बाबा रामदेव की अपील

वहीं, एम्स से निष्कासित कर्मचारी कंचन का कहना है कि बिना किसी नोटिस के ऑन ड्यूटी सभी कर्मचारियों को निकाल दिया गया. जिससे सभी कर्मचारियों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. निष्कासित कर्मचारी दीपक रयाल ने कहा कि सभी कर्मचारी पिछले 23 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन न तो एम्स प्रशासन और न ही सरकार उनकी बात सुनने को तैयार है. जिसके चलते अब वे भीख मांगने को मजबूर हैं. साथ ही उन्होंने सभी कर्मचारियों की नौकरी को दोबारा बहाल करने की मांग की.

ऋषिकेश: पिछले 23 दिनों से आंदोलन कर रहे एम्स से निकाले गए कर्मचारी अब लोगों से भीख मांगकर सहयोग करने की अपील कर रहे है. एम्स से निष्कासित कर्मचारियों का कहना है कि उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. जिसके चलते अब वे लोगों से सहयोग करने की अपील कर रहे हैं. वहीं निकाले गए कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें एम्स में दोबारा नौकरी पर रखा जाए.

एम्स के निष्कासित कर्मचारियों ने अपनाया आंदोलन का नया तरीका.

बता दें कि ऋषिकेश एम्स से 100 से अधिक आउटसोर्सिंग के जरिये नौकरी कर रहे लोगों को बिना नोटिस दिए ही निष्कासित कर दिया गया था. जिसके बाद निकाले गए एम्स कर्मचारी अपनी नौकरी की बहाली को लेकर पिछले 23 दिनों से आंदोलनरत हैं. लेकिन एम्स प्रशासन का कोई अधिकारी उनसे मिलने नहीं पंहुचा. जिसके चलते निष्कासित कर्मचारियों ने आंदोलन का नया तरीका अपनाया है.

पढ़ें:कैंसर से मनोहर पर्रिकर की मौत के बाद बाबा रामदेव की अपील

वहीं, एम्स से निष्कासित कर्मचारी कंचन का कहना है कि बिना किसी नोटिस के ऑन ड्यूटी सभी कर्मचारियों को निकाल दिया गया. जिससे सभी कर्मचारियों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. निष्कासित कर्मचारी दीपक रयाल ने कहा कि सभी कर्मचारी पिछले 23 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन न तो एम्स प्रशासन और न ही सरकार उनकी बात सुनने को तैयार है. जिसके चलते अब वे भीख मांगने को मजबूर हैं. साथ ही उन्होंने सभी कर्मचारियों की नौकरी को दोबारा बहाल करने की मांग की.

Intro:ऋषिकेश--पिछले 23 दोनों से आंदोलन कर रहे एम्स से निकाले गए कर्मचारियों की जब नही सुनी गई तो सभी कर्मचारी आज बाजारों में दुकानों पर जा जाकर लोगों से भीख मांगकर सहयोग की अपील कर रहे हैं,उनकी मांग है कि एक बार फिर से उन्हें एम्स में नौकरी दी जाए।


Body:वी/ओ--एम्स ऋषिकेश से पिछले दिनों 100 से अधिक आउटसोर्सिंग के जरिये नौकरी कर रहे लोगों को बिना नोटिस दिए ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था,अब निकाले गए एम्स कर्मचारी अपनी नौकरी की बहाली को लेकर पिछले 23 दिनों से आंदोलनरत है,लेकिन 23 दिन बीत जाने के बावजूद भी न तो एम्स के कोई नुमाइंदा और न ही कोई जिम्मेदार अधिकारी उनसे मिलने के लिए पंहुचा है यही कारण है कि आन निष्कासित कर्मचारियों ने आंदोलन का नया तरीका अपनाते हुए बाजारों में जा जाकर लोगों भीख माग सहयोग की अपील कर रहे हैं।

बाईट--कंचन(निष्काषित कर्मचारी)
बाईट--दीपक रयाल(निष्कासित कर्मचारी)


Conclusion:वी/ओ--अब एम्स से निकाले गए कर्मचारियों का यह नायाब तरह का आंदोलन क्या असर डालता है यह देखने वाली बात होगी,"भैंस के आगे बीन बजाओ भैंस खड़ी पगुराय"यह कहावत एम्स के अधिकारियों पर सही बैठती है।
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