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ऋषिकेश: सालों से कॉलेज में चल रही शिक्षकों की कमी, बच्चों को सता रहा भविष्य का डर - education system in Uttarakhand

श्यामपुर गढ़ी मैचक स्थित राजकीय रीता इंटर कॉलेज के जहां पर एक या दो नहीं बल्कि चार शिक्षकों की कमी है. ये कमी भी ऐसे वैसे विषयों के शिक्षकों नहीं बल्कि सबसे महत्त्वपूर्ण विषय जैसे भौतिक विज्ञान, रासायनिक विज्ञान, राजनीतिक विज्ञान और जीव विज्ञान के शिक्षकों की है. इस इंटर कॉलेज में में शिक्षकों की कमी की ये स्थिति 2017 से बनी हुई है.

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सालों से राजकीय रीता इंटर कॉलेज में चल रही शिक्षकों की कमी
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Published : Dec 13, 2019, 7:46 PM IST

ऋषिकेश: श्यामपुर गढ़ी मौचक के राजकीय रीता इंटर कॉलेज में 2017 से शिक्षकों की कमी चल रही है. कई साल बीत जाने के बाद भी आज तक यहां के लिए शिक्षकों की व्यवस्था नहीं हो पाई है. जिसके कारण स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है. ऋषिकेश जैसे तराई क्षेत्र में शिक्षा का यह स्तर देखकर पहाड़ों में शिक्षा व्यवस्था का भी साफ तौर से अंदाजा लगाया जा सकता है. वहीं, आने वाले कुछ दिनों में बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं जिसके कारण छात्रों के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं.

सालों से राजकीय रीता इंटर कॉलेज में चल रही शिक्षकों की कमी

तीर्थनगरी में शिक्षा व्यवस्था बदहाल होती जा रही है ताजा मामला श्यामपुर गढ़ी मैचक स्थित राजकीय रीता इंटर कॉलेज के जहां पर एक या दो नहीं बल्कि चार शिक्षकों की कमी है. ये कमी भी ऐसे वैसे विषयों के शिक्षकों नहीं बल्कि सबसे महत्त्वपूर्ण विषय जैसे भौतिक विज्ञान, रासायनिक विज्ञान, राजनीतिक विज्ञान और जीव विज्ञान के शिक्षकों की है. इस इंटर कॉलेज में में शिक्षकों की कमी 2017 से बनी हुई है.

पढ़ें-कार से भिड़ंत होते ही कई फीट हवा में उछले बाइक सवार, देखें रोंगटे खड़े करने वाला VIDEO

शिक्षकों की कमी पर छात्रों का कहना है कि महत्त्वपूर्ण विषयों के शिक्षक न होने के कारण उनकी पढ़ाई का काफी नुकसान हो रहा है. छात्रों का कहना है कि कुछ ही महीने बाद बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं, शिक्षकों की कमी के कारण उनका कोर्स पूरा नहीं हो पाया है. छात्रों ने बताया कि पढ़ाई की भरपाई करने के लिए ट्यूशन का सहारा लेना पड़ता है. जिसके लिए उन्हें अतिरिक्त समय निकालना पड़ता है.

पढ़ें-पिथौरागढ़ में नई जेल बनाने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी, पर्वतीय शैली में होगी तैयार

वहीं, शिक्षकों की कमी के कारण अब परिजनों को भी अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी है.अभिभावक संघ के अध्यक्ष मनोज कालूड़ा ने कहा कि शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई लगातार बाधित हो रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार को यहां पर शिक्षकों की तैनाती करनी चाहिये. रीता इंटर कॉलेज के प्रधानचार्य वीरेंद्र सिंह ने बताया कि यहां 12 वीं कक्षा में चार शिक्षकों की कमी है. हालांकि, इस मामले में उन्होंने शासन को पत्र लिख दिया है जिसकी अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हो पाई हैं.

ऋषिकेश: श्यामपुर गढ़ी मौचक के राजकीय रीता इंटर कॉलेज में 2017 से शिक्षकों की कमी चल रही है. कई साल बीत जाने के बाद भी आज तक यहां के लिए शिक्षकों की व्यवस्था नहीं हो पाई है. जिसके कारण स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है. ऋषिकेश जैसे तराई क्षेत्र में शिक्षा का यह स्तर देखकर पहाड़ों में शिक्षा व्यवस्था का भी साफ तौर से अंदाजा लगाया जा सकता है. वहीं, आने वाले कुछ दिनों में बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं जिसके कारण छात्रों के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं.

सालों से राजकीय रीता इंटर कॉलेज में चल रही शिक्षकों की कमी

तीर्थनगरी में शिक्षा व्यवस्था बदहाल होती जा रही है ताजा मामला श्यामपुर गढ़ी मैचक स्थित राजकीय रीता इंटर कॉलेज के जहां पर एक या दो नहीं बल्कि चार शिक्षकों की कमी है. ये कमी भी ऐसे वैसे विषयों के शिक्षकों नहीं बल्कि सबसे महत्त्वपूर्ण विषय जैसे भौतिक विज्ञान, रासायनिक विज्ञान, राजनीतिक विज्ञान और जीव विज्ञान के शिक्षकों की है. इस इंटर कॉलेज में में शिक्षकों की कमी 2017 से बनी हुई है.

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शिक्षकों की कमी पर छात्रों का कहना है कि महत्त्वपूर्ण विषयों के शिक्षक न होने के कारण उनकी पढ़ाई का काफी नुकसान हो रहा है. छात्रों का कहना है कि कुछ ही महीने बाद बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं, शिक्षकों की कमी के कारण उनका कोर्स पूरा नहीं हो पाया है. छात्रों ने बताया कि पढ़ाई की भरपाई करने के लिए ट्यूशन का सहारा लेना पड़ता है. जिसके लिए उन्हें अतिरिक्त समय निकालना पड़ता है.

पढ़ें-पिथौरागढ़ में नई जेल बनाने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी, पर्वतीय शैली में होगी तैयार

वहीं, शिक्षकों की कमी के कारण अब परिजनों को भी अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी है.अभिभावक संघ के अध्यक्ष मनोज कालूड़ा ने कहा कि शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई लगातार बाधित हो रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार को यहां पर शिक्षकों की तैनाती करनी चाहिये. रीता इंटर कॉलेज के प्रधानचार्य वीरेंद्र सिंह ने बताया कि यहां 12 वीं कक्षा में चार शिक्षकों की कमी है. हालांकि, इस मामले में उन्होंने शासन को पत्र लिख दिया है जिसकी अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हो पाई हैं.

Intro:ऋषिकेश--ऋषिकेश के श्यामपुर गढ़ी मैचक के राजकीय रीता इंटर कालेज में 2017 से शिक्षकों की कमी है,लेकिन अभी तक शिक्षकों की व्यवस्था नही की गई,ऋषिकेश जैसे तराई क्षेत्र में शिक्षा का यह स्तर देखकर पहाड़ों में शिक्षा व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है,वहीं शिक्षकों की कमी के कारण अब छात्र छात्राओं में डर बना हुआ क्योंकि कुछ ही महीने बाद बोर्ड की परीक्षा होनी है।


Body:वी/ओ--पहाड़ों में शिक्षा व्यवस्था बदहाल तो थी ही वहीं अब उत्तराखण्ड के ऋषिकेश जैसे स्थानों पर भी शिक्षा व्यवस्था बदहाल होती जा रही है,ताजा मामला श्यामपुर गढ़ी मैचक स्थित राजकीय रीता इंटर कालेज के जहां पर 1 या 2 नही बल्कि 4 शिक्षकों की कमी है और कमी भी ऐसे वैसे विषय के शिक्षक नहीं बल्कि सबसे महत्त्वपूर्ण विषयों में शामिल,भौतिक विज्ञान, रासायनिक विज्ञान, राजनीतिक विज्ञान और जीव विज्ञान के शिक्षक शामिल है गौरतलब है कि शिक्षकों की कमी 1 या 2 माह से नहीं है शिक्षकों की कमी 2017 से चली आरही है,12वीं कक्षा में विज्ञान की पढ़ाई कर रहे छात्र छात्राओं को अब भविष्य की चिंता सताने लगी है छात्रों का कहना था कि यहां महत्त्वपूर्ण विषयों के शिक्षक न होने के कारण उनकी पढ़ाई का काफी नुकसान हो रहा है,उनका कहना था कि कुछ महीने बाद ही बोर्ड की परीक्षा शुरू हो जाएगी ऐसे में अब परीक्षा की तैयारी भी हो पा रही,छात्रों ने बताया कि पढ़ाई की भरपाई करने के लिए ट्यूशन का सहारा लेना पड़ता है लेकिन परिवार की स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि लगातार ट्यूशन लगवाकर पढ़ाई कर सकें।

बाईट--छात्र
बाईट--छात्रा


Conclusion:वी/ओ--वहीं शिक्षकों की कमी के कारण अब परिजनों को भी अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी है,अभिभावक संघ के अध्यक्ष मनोज कालूड़ा ने बताया कि शिक्षकों कमी के कारण उनके बच्चों की पढ़ाई बेहतर ढंग से नहीं हो पा रही है,उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार को यहां पर शिक्षकों की तैनाती करनी चाहिये,वहीं रीता इंटर कालेज के प्रधानचार्य वीरेंद्र सिंह ने बताया कि यहां 12 वीं कक्षा में चार शिक्षकों की कमी चली आरही है,हालांकि उनके द्वारा शाषन को शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए पत्र लिखा गया है लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नही हो पाई है,उन्होंने कहा कि उनके द्वारा प्रत्येक 3 माह में शाशन को इस बाबत पत्र लिखा जाता है।

बाईट--मनोज कालूड़ा(अभिभावक संघ,अध्यक्ष)
बाईट--विरेन्द्र सिंह(प्रधानाचार्य)
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