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टिहरी: अधर में लटका आईटीआई भवन का निर्माण कार्य

टिहरी के थौलधार विकासखंड मुख्यालय में आईटीआई के भवन का निर्माण कार्य पिछले तीन सालों से अधर में लटका हुआ है. धन की कमी के कारण इस भवन का निर्माण कार्य आज भी पूरा नहीं हो सका है.

अधर में लटका आईटीआई भवन का निर्माण कार्य.
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Published : Oct 23, 2019, 11:22 PM IST

टिहरी: थौलधार विकासखंड मुख्यालय में आईटीआई के भवन का निर्माण कार्य पिछले तीन सालों से रुका हुआ है. जबकि पांच साल पहले इस निर्माधीन भवन का 75 प्रतिशत काम पूरा हो गया था. वहीं, कुछ समय के लिए आईटीआई का संचालन विकासखंड थौलधार कार्यालय के एक कमरे में संचालित किया गया, फिर उसे भी बंद कर दिया गया.

अधर में लटका आईटीआई भवन का निर्माण कार्य.

जानकारी के मुताबिक थौलधार विकासखंड मुख्यालय में 11 साल पहले आईटीआई की स्वीकृति दी गई थी. जिसके तहत दो ट्रेडों का संचालन विकासखंड कार्यालय के दो कमरों में शुरू किया गया. कुछ समय बाद कण्डीसौड़ तहसील का गठन होने पर एक कमरा तहसील को दिया गया और आईटीआई एक कमरे में सिमट कर रह गई.

पढ़ें: उत्तराखंड की सड़कों से हटेंगे 10 साल पुराने कमर्शियल वाहन, 4 नवंबर को होगा फैसला

इसके बाद आईटीआई को लेकर छात्रों और स्थानीय लोगों की मांग पर तीन साल पहले करोड़ों रुपए की लागत से आईटीआई भवन का ढांचा खड़ा कर दिया गया. जिसका कार्य उत्तर प्रदेश निर्माण निगम द्वारा किया गया. उत्तरप्रदेश निर्माण निगम ने धन की कमी बताते हुए भवन को अधूरा छोड़ दिया. वहीं ढाई साल बीत जाने के बाद भी अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

टिहरी: थौलधार विकासखंड मुख्यालय में आईटीआई के भवन का निर्माण कार्य पिछले तीन सालों से रुका हुआ है. जबकि पांच साल पहले इस निर्माधीन भवन का 75 प्रतिशत काम पूरा हो गया था. वहीं, कुछ समय के लिए आईटीआई का संचालन विकासखंड थौलधार कार्यालय के एक कमरे में संचालित किया गया, फिर उसे भी बंद कर दिया गया.

अधर में लटका आईटीआई भवन का निर्माण कार्य.

जानकारी के मुताबिक थौलधार विकासखंड मुख्यालय में 11 साल पहले आईटीआई की स्वीकृति दी गई थी. जिसके तहत दो ट्रेडों का संचालन विकासखंड कार्यालय के दो कमरों में शुरू किया गया. कुछ समय बाद कण्डीसौड़ तहसील का गठन होने पर एक कमरा तहसील को दिया गया और आईटीआई एक कमरे में सिमट कर रह गई.

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इसके बाद आईटीआई को लेकर छात्रों और स्थानीय लोगों की मांग पर तीन साल पहले करोड़ों रुपए की लागत से आईटीआई भवन का ढांचा खड़ा कर दिया गया. जिसका कार्य उत्तर प्रदेश निर्माण निगम द्वारा किया गया. उत्तरप्रदेश निर्माण निगम ने धन की कमी बताते हुए भवन को अधूरा छोड़ दिया. वहीं ढाई साल बीत जाने के बाद भी अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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टिहरी--राष्ट्रीय स्तर ग्रामीण युवाओं को रोजगार देने का नारा खूब जोर-शोर से प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है। लेकिन सरकारी स्तर पर ही इस नारे को पलीता लगाने का काम किया जा रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण थौलधार विकासखंड मुख्यालय कण्डीसौड़ में आईटीआई के लिए पाँच वर्ष पूर्व से निर्माधीन भवन का 75% कार्य लगभग तीन वर्ष पूर्व पूर्ण हो गया था। लेकिन विगत तीन साल से अभी तक धन की कमी के कारण भवन निर्माण  रूका हुआ है। कुछ समय के लिए आईटीआई का संचालन विकास खंड  थौलधार कार्यालय के एक कमरे में संचालित कर  हवा देने की भी कोशिश की गई लेकिन धरातल पर दावे आखिर फुस्स ही साबित हुए।


Body:वी/ओ--बताते चले कि थौलधार विकासखंड मुख्यालय में 11 वर्ष पूर्व आईटीआई की स्वीकृति दी गई थी। जिसका संचालन विकास खंड कार्यालय के दो कमरों में प्रारंभ किया गया था। दो ट्रेडों के साथ संचालन प्रारंभ किया गया था। कुछ समय बाद कण्डीसौड़ तहसील का गठन होने पर एक कमरा तहसील को दे दिया गया और आईटीआई एक कमरे में सिमट कर रह गई।जिस कारण एक ट्रेड बन्द करना पड़ा। जिस कारण अब केवल डाटा एन्ट्री आपरेटर का एक ट्रेड ही संचालित हो रहा है। जनता की मांग पर तीन वर्ष पूर्व करोड़ो रुपए की लागत से आईटीआई भवन का ढांचा खड़ा कर दिया गया। जिस का कार्य उत्तर प्रदेश निर्माण निगम द्वारा किया गया।उत्तरप्रदेश निर्माण निगम के द्वारा धन की कमी बताते हुए भवन को अधूरा छोड़ दिया गया। किन्तु ढाई वर्ष बीत जाने पर भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। सरकारी स्तर पर आज भी वह फाइल धन की मांग को लेकर घूम रही है। स्किल डेवलपमेंट के नारे देने वाली सरकार द्वारा कोई अब तक कोई भी गंभीर प्रयास न करना यह दर्शाता है कि यह सब नारों तक सीमित है क्षेत्र के बढ़ते पलायन को रोकने के लिए आईटीआई में विभिन्न ट्रेड संचालित कर युवाओं को प्रशिक्षित करने की  लोग आस लगाए बैठे हैं।








Conclusion:वी/ओ-- सरकारी उदासीनता के कारण यह अभी तक संभव होता नहीं दिख रहा है।भवन निर्माण कार्य पूरा न होने के कारण अब अन्य ट्रेड भी संचालित नहीं हो पा रहे हैं। जिसके कारण विभाग के द्वारा यहां के अनुदेशक को फिलहाल देहरादून परीक्षा परिसर में बुलाया गया है  जिसके बाद वर्तमान में कोई भी ट्रेड संचालित नही हो पा रहा है। ट्रेड संचालित न होने के कारण  भवन को शीघ्र पूर्ण का पूर्ण करने को लेकर विभाग को पत्र भेजा गया है।

बाईट- राजपाल सिह गुसाईं, सामाजिक कार्यकर्ता
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