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कॉर्बेट की ढेला नदी में कई दिन से पड़ा है हाथी के बच्चे का शव, पार्क प्रशासन बेखबर

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में पार्क प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां की ढेला नदी में हाथी के एक बच्चे का शव कई दिन से पड़ा है. कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने अभी तक शव को नहीं हटाया है. परेशान करने वाली बात ये है कि इस नदी के पानी को इसके नीचे की ओर रहने वाले गांवों के लोग पीते हैं.

dead body of an elephant baby
हाथी के बच्चे का शव मिला
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Published : Jan 11, 2022, 10:37 AM IST

रामनगर: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला रेंज के अंतर्गत ढेला नदी में एक हाथी के बच्चे का शव नदी में पड़ा हुआ है. इसका वीडियो रामनगर के सावल्दे में रहने वाले एक व्यक्ति श्याम द्वारा बनाया गया है. श्याम सैनी का कहना है कि मैं जंगल में घास लेने के लिए गया था. मैंने देखा कि ढेला नदी में एक हाथी के बच्चे का शव पड़ा हुआ है.

श्याम ने उसका वीडियो बना लिया. श्याम ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हाथी का बच्चा पहाड़ी से गिरा होगा. अगर कॉर्बेट की गश्ती टीम इसे समय पर देखती तो शायद हाथी के बच्चे को बचाया भी जा सकता था. श्याम ने कहा कि यह लगभग 8 से 10 दिन पुराना शव है. आज तक कॉर्बेट प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी है. श्याम का कहना है कि हाथी के बच्चे का शव कॉर्बेट पार्क की चौकी से कुछ ही दूरी पर है.

हाथी के बच्चे का शव मिला

श्याम सैनी ने कहा कि यह कॉर्बेट प्रशासन की लापरवाही है. ढेला रेंज अधिकारी की लापरवाही है. उन्होंने कहा कि ना ही हाथी के बच्चे के शव का पोस्टमार्टम हुआ और ना ही अधिकारी कुछ करने को तैयार हैं. शव पानी में पड़ा हुआ है और जिस पानी को ढेला वाले इस्तेमाल भी करते हैं. उन्होंने कहा कि यह गंभीर लापरवाही है.
अगर यह वीडियो सच है तो इसमें कॉर्बेट की बहुत बड़ी लापरवाही है, सरकार करोड़ों-अरबों रुपये कॉर्बेट के लिए खर्च करती है. अगर ऐसा हाल है तो सरकार को देखना चाहिए और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई करनी चाहिए. बात-बात पर अपनी तारीफों के पुल बांधने वाले कॉर्बेट पार्क के निदेशक के सामने जब यह मामला ईटीवी भारत लाया तो उनका लापरवाह रवैया था. उनका पहला जवाब यह था कि- तो फिर क्या हो गया, क्या दिक्कत है. एक हाथी का बच्चा पहाड़ से या अन्य वजह से मर गया और इनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है.
कॉर्बेट पार्क में वन्यजीवों की ये बेकद्री देखने को मिली है. जबकि कॉर्बेट पार्क में पीएम मोदी भी आ चुके हैं. इस कॉर्बेट पार्क में हर साल लाखों पर्यटक इन्हीं वन्यजीवों का दीदार करने के लिए पहुंचते हैं. इन्हीं वन्यजीवों को देखने के लिए आते हैं. इसके बावजूद जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के प्रबंधन इस मामले को हल्के में ले रहा है.

ये भी पढ़ें: Heavy Snowfall: धारचूला में फंसे पर्यटकों को SDRF ने किया रेस्क्यू, ग्रामीण इलाकों में बुरे हाल

वहीं जब ईटीवी भारत ने इस विषय में कॉर्बेट पार्क के निदेशक राहुल कुमार से बात की तो उन्होंने हाथी की मौत को कुबूलते हुए कहा कि ये जो हाथी के बच्चे का शव है शायद बाघ के हमले में इसकी मौत हुई है. उसके साथ ही उन्होंने कहा कि आगे की जांच की जा रही है जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

रामनगर: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला रेंज के अंतर्गत ढेला नदी में एक हाथी के बच्चे का शव नदी में पड़ा हुआ है. इसका वीडियो रामनगर के सावल्दे में रहने वाले एक व्यक्ति श्याम द्वारा बनाया गया है. श्याम सैनी का कहना है कि मैं जंगल में घास लेने के लिए गया था. मैंने देखा कि ढेला नदी में एक हाथी के बच्चे का शव पड़ा हुआ है.

श्याम ने उसका वीडियो बना लिया. श्याम ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हाथी का बच्चा पहाड़ी से गिरा होगा. अगर कॉर्बेट की गश्ती टीम इसे समय पर देखती तो शायद हाथी के बच्चे को बचाया भी जा सकता था. श्याम ने कहा कि यह लगभग 8 से 10 दिन पुराना शव है. आज तक कॉर्बेट प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी है. श्याम का कहना है कि हाथी के बच्चे का शव कॉर्बेट पार्क की चौकी से कुछ ही दूरी पर है.

हाथी के बच्चे का शव मिला

श्याम सैनी ने कहा कि यह कॉर्बेट प्रशासन की लापरवाही है. ढेला रेंज अधिकारी की लापरवाही है. उन्होंने कहा कि ना ही हाथी के बच्चे के शव का पोस्टमार्टम हुआ और ना ही अधिकारी कुछ करने को तैयार हैं. शव पानी में पड़ा हुआ है और जिस पानी को ढेला वाले इस्तेमाल भी करते हैं. उन्होंने कहा कि यह गंभीर लापरवाही है.
अगर यह वीडियो सच है तो इसमें कॉर्बेट की बहुत बड़ी लापरवाही है, सरकार करोड़ों-अरबों रुपये कॉर्बेट के लिए खर्च करती है. अगर ऐसा हाल है तो सरकार को देखना चाहिए और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई करनी चाहिए. बात-बात पर अपनी तारीफों के पुल बांधने वाले कॉर्बेट पार्क के निदेशक के सामने जब यह मामला ईटीवी भारत लाया तो उनका लापरवाह रवैया था. उनका पहला जवाब यह था कि- तो फिर क्या हो गया, क्या दिक्कत है. एक हाथी का बच्चा पहाड़ से या अन्य वजह से मर गया और इनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है.
कॉर्बेट पार्क में वन्यजीवों की ये बेकद्री देखने को मिली है. जबकि कॉर्बेट पार्क में पीएम मोदी भी आ चुके हैं. इस कॉर्बेट पार्क में हर साल लाखों पर्यटक इन्हीं वन्यजीवों का दीदार करने के लिए पहुंचते हैं. इन्हीं वन्यजीवों को देखने के लिए आते हैं. इसके बावजूद जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के प्रबंधन इस मामले को हल्के में ले रहा है.

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वहीं जब ईटीवी भारत ने इस विषय में कॉर्बेट पार्क के निदेशक राहुल कुमार से बात की तो उन्होंने हाथी की मौत को कुबूलते हुए कहा कि ये जो हाथी के बच्चे का शव है शायद बाघ के हमले में इसकी मौत हुई है. उसके साथ ही उन्होंने कहा कि आगे की जांच की जा रही है जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

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