पिथौरागढ़: 'लॉकडाउन' के बाद भारत-नेपाल बॉर्डर में एक बार फिर से अफरा-तफरी का माहौल है. पांचवें दिन तक पिथौरागढ़ जिले के अलग-अलग हिस्सों से करीब 250 नेपाली नागरिक झूलाघाट पुल पहुंच चुके हैं. मगर दोनों पुल पर आवाजाही बंद होने के कारण ये सभी नेपाली नागरिक यहां फंसे हुए हैं. वहीं, बात अगर इनके रहने-खाने की करें तो पुलिस प्रशासन ने उसके इंतजामात कर दिये हैं.
दरअसल, ये सभी मजदूर 14 अप्रैल को नेपाल में होने वाले विसुपति संक्रांति के लिए घर जाना चाहते हैं. नेपाली मान्यता है कि जो इस त्योहार के दिन अपने घर नहीं लौटते हैं उन्हें मृत माना जाता है. जिसके कारण बड़ी संख्या में नेपाली नागरिक वापस जाने के लिए झूलाघाट पुल पहुंच रहे हैं. मगर इन सभी की मान्यता के सामने 'लॉकडाउन' राह में रोड़ा साबित हो रहा है. जिसके कारण यहां उहापोह की स्थिति पैदा हो गई है.
पढ़ें- उत्तराखंड लॉकडाउन: एक दिन में 60 मुकदमे दर्ज, 595 अभियुक्तों को किया गिरफ्तार
ये सभी 250 नेपाली मजदूर पिथौरागढ़ जिले के अलग-अलग हिस्सों में दिहाड़ी-मजदूरी करते हैं. देश में हुए 'लॉकडाउन' के बाद इन लोगों को काम मिलना बंद हो गया है. जिसके कारण ये सभी लोग वापस अपने घरों की ओर रुख करने लगे हैं. इसके अलावा विसुपति संक्रांति पर्व भी नेपाली नागरिकों की घर वापसी का बड़ा कारण है.
पढ़ें- कोरोना का कहर : अमेरिका में एक ही दिन में 16 हजार से अधिक मामले सामने आए
फिलहाल, पिथौरागढ़ प्रशासन ने इन सभी नेपाली मजदूरों के सर छुपाने के लिए स्कूल, मंदिर, धर्मशाला में रहने की व्यवस्था कर दी है. साथ ही इन्हें लंच पैकेट भी दिए गए है. नेपाल सरकार भी इन नागरिकों की घर वापसी को लेकर विचार कर रही है. नेपाली मजदूरों की वापसी के लिए नेपाल सरकार कुछ समय के लिए पुल खोलने पर विचार कर रही है. पिथौरागढ़ प्रशासन भी इस मामले में लगातार नेपाल के संपर्क में है.