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एमकेपी कॉलेज घोटाले पर सख्त हुआ हाईकोर्ट, 2 हफ्ते में मांगा जवाब - Uttarakhand News

राज्य सरकार द्वारा कराए गए ऑडिट में भी कॉलेज में हुए गड़बड़ी की बात सामने आई है. कॉलेज में हुए 45 लाख के घोटाले की पुष्टि सीएजी की रिपोर्ट में भी हुई है. जबकि इस घोटाले को लेकर 2016 -17 में देहरादून के थाने में एफआइआर भी दर्ज की गई

एमकेपी कॉलेज घोटाला मामले में सख्त हुआ हाईकोर्ट
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Published : Nov 7, 2019, 6:11 PM IST

Updated : Nov 7, 2019, 6:48 PM IST

नैनातील: देहरादून के एमकेपी कॉलेज में हुए 45 लाख के घोटाला मामले में हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने घोटाले के मामले में राज्य सरकार, यूजीसी और कॉलेज के तत्कालीन निदेशक और प्रिंसिपल को नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही इन सभी से मामले में 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

एमकेपी कॉलेज घोटाले पर सख्त हुआ हाईकोर्ट.

बता दें कि एमकेपी कॉलेज की पूर्व छात्रा सोनिया बिनवाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कॉलेज प्रबंधन पर 45 लाख रुपए के गबन और घोटाले का आरोप लगाया था. जिसमें छात्रा का कहना था कि यूजीसी ने ये 45 लाख रुपए की ग्रांट एमकेपी में छात्राओं की शिक्षा में सहूलियत के लिए जारी की थी लेकिन एमकेपी कॉलेज ने किसी भी बुनियादी सुविधा के सुधार के लिए इन पैसों को खर्च ही नहीं किया.

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इसके साथ ही यूजीसी की ओर से आए इन पैसों से कॉलेज के प्राचार्य ने व्यक्तिगत फायदे के लिए पैसे की बंदरबांट की. सोनिया बिनवाल ने कहा कि जो उपकरण छात्राओं के लिए मंगाए भी गए उन्हे बगैर टेंडर किये मंगाया गया. इसके अलावा इनकी खरीद के बिल भी पेश नहीं किये गये.

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वहीं, राज्य सरकार द्वारा कराए गए ऑडिट में भी कॉलेज में हुए गड़बड़ी की बात सामने आई है. कॉलेज में हुए 45 लाख के घोटाले की पुष्टि सीएजी की रिपोर्ट में भी हुई है. जबकि इस घोटाले को लेकर 2016 -17 में देहरादून के थाने में एफआइआर भी दर्ज की गई लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नही की गई. जिसके बाद 2019 जनवरी में शासन के स्थलीय निरीक्षण के दौरान भी 7 लाख 68 हजार का कॉलेज से सामान गायब मिला. जिस वजह से यूजीसी के ने कॉलेज को दी जाने वाली पंच वर्षीय ग्रांट पर रोक लगा दी. जिससे कॉलेज की स्थिति और बदहाल हो रही है.

पढ़ें-मानव श्रृंखला: प्लास्टिक के खिलाफ अभियान में प्लास्टिक का ही इस्तेमाल, सरकार की किरकिरी

गुरुवार को मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार, यूजीसी समेत तत्कालीन निदेशक और प्राचार्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनातील: देहरादून के एमकेपी कॉलेज में हुए 45 लाख के घोटाला मामले में हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने घोटाले के मामले में राज्य सरकार, यूजीसी और कॉलेज के तत्कालीन निदेशक और प्रिंसिपल को नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही इन सभी से मामले में 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

एमकेपी कॉलेज घोटाले पर सख्त हुआ हाईकोर्ट.

बता दें कि एमकेपी कॉलेज की पूर्व छात्रा सोनिया बिनवाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कॉलेज प्रबंधन पर 45 लाख रुपए के गबन और घोटाले का आरोप लगाया था. जिसमें छात्रा का कहना था कि यूजीसी ने ये 45 लाख रुपए की ग्रांट एमकेपी में छात्राओं की शिक्षा में सहूलियत के लिए जारी की थी लेकिन एमकेपी कॉलेज ने किसी भी बुनियादी सुविधा के सुधार के लिए इन पैसों को खर्च ही नहीं किया.

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इसके साथ ही यूजीसी की ओर से आए इन पैसों से कॉलेज के प्राचार्य ने व्यक्तिगत फायदे के लिए पैसे की बंदरबांट की. सोनिया बिनवाल ने कहा कि जो उपकरण छात्राओं के लिए मंगाए भी गए उन्हे बगैर टेंडर किये मंगाया गया. इसके अलावा इनकी खरीद के बिल भी पेश नहीं किये गये.

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वहीं, राज्य सरकार द्वारा कराए गए ऑडिट में भी कॉलेज में हुए गड़बड़ी की बात सामने आई है. कॉलेज में हुए 45 लाख के घोटाले की पुष्टि सीएजी की रिपोर्ट में भी हुई है. जबकि इस घोटाले को लेकर 2016 -17 में देहरादून के थाने में एफआइआर भी दर्ज की गई लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नही की गई. जिसके बाद 2019 जनवरी में शासन के स्थलीय निरीक्षण के दौरान भी 7 लाख 68 हजार का कॉलेज से सामान गायब मिला. जिस वजह से यूजीसी के ने कॉलेज को दी जाने वाली पंच वर्षीय ग्रांट पर रोक लगा दी. जिससे कॉलेज की स्थिति और बदहाल हो रही है.

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गुरुवार को मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार, यूजीसी समेत तत्कालीन निदेशक और प्राचार्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

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एमकेपी कॉलेज में 45 लाख के गबन मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार समेत कॉलेज की प्राचार्य को करा नोटिस जारी।

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देहरादून के एम के पी कॉलेज में हुए 45 लाख के घोटाले के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार, यूजीसी और कॉलेज के तत्कालीन निदेशक और प्रिंसिपल को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं ।


Body:आपको बता दें कि एम के पी कॉलेज की पूर्व छात्रा सोनिया बिनवाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कॉलेज प्रबंधन पर 45 लाख रुपए के गबन और घोटाले का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी छात्रा का कहना है कि यूजीसी की यह 45 लाख रुपए की ग्रांट एम के पी में छात्राओं की शिक्षा में सहूलियत के लिए जारी की गई थी लेकिन एम के पी कॉलेज के द्वारा किसी भी बुनियादी सुविधा की सुधार के लिए इन पैसों को खर्च नहीं किया गया, साथ ही यूजीसी द्वारा आए इन पैसों से कॉलेज के प्राचार्य ने व्यक्तिगत फायदे के लिए पैसे की बंदरबांट की।


Conclusion:और जो उपकरण छात्राओं के लिए मंगाए गए उनको बगैर टेंडर के ही मगा दिए गया और इन मंगाए गए सामान को बाजार भाव से ज्यादा में खरीद गया और बिल भी पेश नहीं किया गया।
वहीं राज्य सरकार द्वारा कराए गए ऑडिट मैं भी कॉलेज में हुए गड़बड़ झाले की बात साबित हुई,वहीं कॉलेज में हुए 45 लाख के घोटाले की पुष्टि सीएजी की रिपोर्ट में भी हुई है, जबकि इस घोटाले को लेकर 2016 - 17 में देहरादून के थाने में एफआइआर भी दर्ज की गई लेकिन मामले में कोई कार्यवाही नही की गई,
जिसके बाद 2019 जनवरी में शासन की स्थलीय निरीक्षण के दौरान भी 7 लाख 68 हजार का कॉलेज से सामान गायब मिला, जिस वजह से यूजीसी के द्वारा कॉलेज को दी जाने वाली पंचवर्षीय ग्रांट पर रोक लगा दी, जिससे कॉलेज की स्थिति बदहाल हो रही है, लिहाजा घोटाले के पूरे मामले की उच्चस्तरीय एसआईटी जांच कराई जाए।
आज मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार, यूजीसी समेत तत्कालीन निदेशक और प्राचार्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।

बाईट- अभिजय नेगी,अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
Last Updated : Nov 7, 2019, 6:48 PM IST
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