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अच्छी पहल: मसूरी में 15000 प्लास्टिक की बोतलों से बनी WALL OF HOPE

मसूरी में बनाई गई 1500 फ़ीट लंबी और 12 फ़ीट ऊंची "वॉल ऑफ होप" दीवार को म्यूजियम ऑफ गोवा के मशहूर डिजाइनर सुबोध केरकर ने डिजाइन किया है. इसे 15000 बेकार प्लास्टिक बोतलों से बनाया गया है. पर्यावरण सरंक्षण के उद्देश्य के साथ बनाई गई ये सुंदर दीवार पर्यटकों को खाफी आकर्षित कर रही है.

15000 प्लास्टिक की बोतलों से बनी WALL OF HOPE
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Published : Jun 20, 2019, 1:57 PM IST

Updated : Jun 20, 2019, 10:01 PM IST

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी को देश का सबसे साफ हिल स्टेशन बनाने और प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण से मुक्त करने के लिए एक नई शुरुआत की गई है. जिसके तहत मसूरी में खराब प्लास्टिक के नाम से दीवार का निर्माण किया गया है. जिसे वॉल ऑफ होप नाम दिया गया है.

WALL OF HOPE
15000 प्लास्टिक की बोतलों से बनी WALL OF HOPE

आज माउंट एवरेस्ट की चोटी से लेकर सागर की तलहटी तक हर जगह प्लास्टिक मौजूद है, जो आने वाले भविष्य में हमारे लिए घातक साबित होगी. इससे न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि शहर की खूबसूरती पर भी ग्रहण लग रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए मसूरी को सबसे साफ हिल स्टेशन बनाने के साथ ही प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए एक अभियान शुरू किया गया. जिसके लिए नेस्ले इंडिया और रेसिपी नेटवर्क द्वारा हिलदारी आंदोलन चलाया जा रहा है.

WALL OF HOPE
15000 प्लास्टिक की बोतलों से बनी WALL OF HOPE

इसी कड़ी में पर्यटकों को यहां-वहां कूड़ा नहीं फेंकने के लिए कैंपटी क्षेत्र के पास बंगलो की कांडी गांव में 15000 प्लास्टिक की बोतलों से एक विशाल वॉल ऑफ होप का निर्माण किया गया है. इसका उद्घाटन ग्राम प्रधान रवि रांगड़ ने किया है. इस दीवार का उद्देश्य लोगों को कूड़ा यहां-वहां नहीं फेंकने से रोकना है और प्लास्टिक कचरे के बेहतर उपयोग के लिए प्रेरित करना है.

WALL OF HOPE
15000 प्लास्टिक की बोतलों से बनी WALL OF HOPE

पढ़ें- महेश वर्मा जिसने ऋषिकेश को बनाया था योगनगरी, ब्रिटेन के रॉक बैंड बीटल्स के सदस्य भी थे अनुयायी

मसूरी में बनाई गई 1500 फ़ीट लंबी और 12 फ़ीट ऊंची "वॉल ऑफ होप" दीवार को म्यूजियम ऑफ गोवा के मशहूर डिजाइनर सुबोध केरकर ने डिजाइन किया है. इसे 15000 बेकार प्लास्टिक बोतलों से बनाया गया है. पर्यावरण सरंक्षण के उद्देश्य के साथ बनाई गई ये सुंदर दीवार पर्यटकों को खाफी आकर्षित कर रही है. "वाल ऑफ होप" नाम की ये दीवार हमें याद दिलाती है कि प्लास्टिक कभी न मिटने वाला एक ऐसा पदार्थ है जो पहाड़ों की वादियों को मैला कर रही है.

WALL OF HWALL OF HOPEOPE
प्रस्तुति देते सितार वादक सूर्यमणि अग्नि शर्मा.

पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: शहर में रहेगा रूट डायवर्ट , यहां देखिए क्या रहेगा ट्रैफिक प्लान?

कार्यक्रम में विश्व विख्यात सितार वादक सूर्यमणि अग्नि शर्मा द्वारा सितार की धुन पर संगीत प्रस्तुत किया गया. जिसने सभी मौजूद श्रोताओं के मन को मोह लिया. कलाकृति के पूरे होने पर तूलिका शुक्ला ने मसूरी के सभी वालंटियर्स होटल का आभार व्यक्त किया. साथ ही उन्होंने बताया कि कैसे नेस्ले बेहतर प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए प्रतिबद्ध है और लोगों को इस प्रकार के प्रयासों से कचरे को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करेंगे.

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी को देश का सबसे साफ हिल स्टेशन बनाने और प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण से मुक्त करने के लिए एक नई शुरुआत की गई है. जिसके तहत मसूरी में खराब प्लास्टिक के नाम से दीवार का निर्माण किया गया है. जिसे वॉल ऑफ होप नाम दिया गया है.

WALL OF HOPE
15000 प्लास्टिक की बोतलों से बनी WALL OF HOPE

आज माउंट एवरेस्ट की चोटी से लेकर सागर की तलहटी तक हर जगह प्लास्टिक मौजूद है, जो आने वाले भविष्य में हमारे लिए घातक साबित होगी. इससे न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि शहर की खूबसूरती पर भी ग्रहण लग रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए मसूरी को सबसे साफ हिल स्टेशन बनाने के साथ ही प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए एक अभियान शुरू किया गया. जिसके लिए नेस्ले इंडिया और रेसिपी नेटवर्क द्वारा हिलदारी आंदोलन चलाया जा रहा है.

WALL OF HOPE
15000 प्लास्टिक की बोतलों से बनी WALL OF HOPE

इसी कड़ी में पर्यटकों को यहां-वहां कूड़ा नहीं फेंकने के लिए कैंपटी क्षेत्र के पास बंगलो की कांडी गांव में 15000 प्लास्टिक की बोतलों से एक विशाल वॉल ऑफ होप का निर्माण किया गया है. इसका उद्घाटन ग्राम प्रधान रवि रांगड़ ने किया है. इस दीवार का उद्देश्य लोगों को कूड़ा यहां-वहां नहीं फेंकने से रोकना है और प्लास्टिक कचरे के बेहतर उपयोग के लिए प्रेरित करना है.

WALL OF HOPE
15000 प्लास्टिक की बोतलों से बनी WALL OF HOPE

पढ़ें- महेश वर्मा जिसने ऋषिकेश को बनाया था योगनगरी, ब्रिटेन के रॉक बैंड बीटल्स के सदस्य भी थे अनुयायी

मसूरी में बनाई गई 1500 फ़ीट लंबी और 12 फ़ीट ऊंची "वॉल ऑफ होप" दीवार को म्यूजियम ऑफ गोवा के मशहूर डिजाइनर सुबोध केरकर ने डिजाइन किया है. इसे 15000 बेकार प्लास्टिक बोतलों से बनाया गया है. पर्यावरण सरंक्षण के उद्देश्य के साथ बनाई गई ये सुंदर दीवार पर्यटकों को खाफी आकर्षित कर रही है. "वाल ऑफ होप" नाम की ये दीवार हमें याद दिलाती है कि प्लास्टिक कभी न मिटने वाला एक ऐसा पदार्थ है जो पहाड़ों की वादियों को मैला कर रही है.

WALL OF HWALL OF HOPEOPE
प्रस्तुति देते सितार वादक सूर्यमणि अग्नि शर्मा.

पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: शहर में रहेगा रूट डायवर्ट , यहां देखिए क्या रहेगा ट्रैफिक प्लान?

कार्यक्रम में विश्व विख्यात सितार वादक सूर्यमणि अग्नि शर्मा द्वारा सितार की धुन पर संगीत प्रस्तुत किया गया. जिसने सभी मौजूद श्रोताओं के मन को मोह लिया. कलाकृति के पूरे होने पर तूलिका शुक्ला ने मसूरी के सभी वालंटियर्स होटल का आभार व्यक्त किया. साथ ही उन्होंने बताया कि कैसे नेस्ले बेहतर प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए प्रतिबद्ध है और लोगों को इस प्रकार के प्रयासों से कचरे को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करेंगे.

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मसूरी में 15000 प्लास्टिक की बोतलों से बनी वॉल ऑफ होप, नेस्ले इंडिया और रेसिपी नेटवर्क ने की पहल



summary

मसूरी को देश की सबसे साफ हिल स्टेशन बनाने की कवायद चल रही है. जिसके लिए नेस्ले इंडिया और रेसिपी नेटवर्क द्वारा हिलदारी आंदोलन चलाया जा रहा है. इस कड़ी में पर्यटकों को यहां-वहां कूड़ा ना फेंकने के लिए प्रेरित करने के लिए कैंपटी क्षेत्र के पास बंगलो की कांडी गांव में 15000 प्लास्टिक की बोतलों से एक विशाल वॉल ऑफ होप का निर्माण किया गया है.





मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी को देश का सबसे साफ स्टेशन बनाने के लिए आंदोलन चलाया जा रहा है. यह आंदोलन नेस्ले इंडिया और रेसिपी नेटवर्क द्वारा आयोजित किया गया है. जिसके तहत कैंपटी में बंगलों की कांटी क्षेत्र में 15 हजार प्लास्टिक की बोतलों से कलाकृति का निर्माण कर वॉल ऑफ होप का नाम दिया गया है.

दरअसल, मसूरी को देश की सबसे साफ हिल स्टेशन बनाने की कवायद चल रही है. जिसके लिए नेस्ले इंडिया और रेसिपी नेटवर्क द्वारा हिलदारी आंदोलन चलाया जा रहा है. इस कड़ी में पर्यटकों को यहां-वहां कूड़ा ना फेंकने के लिए प्रेरित करने के लिए कैंपटी क्षेत्र के पास बंगलो की कांडी गांव में 15000 प्लास्टिक की बोतलों से एक विशाल वॉल ऑफ होप्स का निर्माण किया गया है. इसका उद्घाटन ग्राम प्रधान रवि रांगड़ ने किया है. इस दीवार का उद्देश्य लोगों को कूड़ा यहां-वहां न फेंकने से रोकना है और प्लास्टिक कचरे के बेहतर उपयोग के लिए प्रेरित करना है. इस अद्भुत कलाकृति को म्यूजियम ऑफ गोवा फाउंडेशन की ओर से सुबोध केरकर ने डिजाइन किया है. उनके अनुसार कलाकृति हवा पानी से भी खराब नहीं होगी और उम्मीद है कि लंबे समय तक सौंदर्य का केंद्र बना रहेगा.

कार्यक्रम में विश्व विख्यात सितार वादक सूर्यमणि अग्नि शर्मा द्वारा सितार की धुन पर संगीत प्रस्तुत किया गया. जिसने सभी मौजूद श्रोताओं के मन को मोह लिया. कलाकृति के पूरे होने पर तूलिका शुक्ला ने मसूरी के सभी वालंटियर्स होटल का आभार व्यक्त किया. साथ ही उन्होंने बताया कि कैसे नेस्ले बेहतर प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए प्रतिबद्ध है और लोगों को इस प्रकार के प्रयासों से कचरे को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करेंगे. हिलदारी की ओर से अरविंद शुक्ला ने बताया कि घरों से कूड़ा अलग-अलग मिलने के बाद अभी आंदोलन पर्यटकों को प्रभावित करने की दिशा में चल रहा है. जिसके लिए वॉल ऑफ होप्स भी एक प्रयास है. साथ ही कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ग्राम प्रधान रीमा रांगड़ ने उम्मीद जताई कि कलाकृति एक नया टूरिस्ट अट्रैक्शन बनेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.


Conclusion:
Last Updated : Jun 20, 2019, 10:01 PM IST
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