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प्रदेश के न्यायालयों में लंबित हैं लाखों केस, RTI में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

प्रदेश की अदालतों में लाखों केस लंबित पड़े हुए हैं. उत्तराखंड के विभिन्न न्यायालयों में 2,66,387 केस लंबित पड़े हैं. चार सालों में 58 फीसदी केसों में वृद्धि हुई है.

न्याय की तलाश में लाखों केस.
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Published : Apr 28, 2019, 11:06 AM IST

काशीपुर: प्रदेश की अदालतों में लाखों केस लंबित पड़े हुए हैं. उत्तराखंड के विभिन्न न्यायालयों में 2,66,387 केस लंबित पड़े हैं. चार सालों में 58 फीसदी केसों में वृद्धि हुई है. जिसमें अपराधिक मामलों में 72 फीसदी और दीवानी में 19 फीसदी वृद्धि हुई है. सूचना का अधिकार के तहत लोक सूचना अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी से ये चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है.

न्यायालयों में लंबित लाखों मामले.

बता दें कि अधिवक्ता नदीमुद्दीन ने आरटीआई के तहत राज्य में लंबित पड़े केसों की जानकारी मंगी थी. जिसके जवाब में पता चला कि उत्तराखंड के विभिन्न न्यायालयों में 2,66,387 केस लंबित पड़े हैं. बीते 4 सालों में 97,956 केसों की वृद्धि हुई है जो 58 प्रतिशत है. जिसमें आपराधिक मामलों में 88,846 केसों की वृद्धि हुई है. जोकि 72 प्रतिशत है. जबकि दीवानी में 9,110 केसों की वृद्धि हुई है जो 19 प्रतिशत है.

उत्तराखंड उच्च न्यायालय के अधीनस्थ न्यायालयों में 2,32,338 केस लंबित पड़े है. जिसमें 1,98,300 केस आपराधिक और 34,038 केस दीवानी के शामिल है. 31 दिसंबर 2018 से उत्तराखंड में कुल 2,66,387 केस लंबित है. जिसमें 2,11,005 केस आपराधिक और 55,350 केस दीवानी के हैं. जबकि 2014 के अंत में कुल 16,8431 केस लंबित थे. जिसमें 1,22,159 केस आपराधिक और 46,272 केस दीवानी के थे.

उत्तराखंड में सर्वाधिक 98,429 केस देहरादून जिले के न्यायालयों में लंबित हैं. वहीं, दूसरे स्थान पर 58,042 केस हरिद्वार के न्यायालय में और तीसरे स्थान पर 45,451 केस उधमसिंहनगर जिले के न्यायालय में लंबित हैं. अन्य जिलों के लंबित केसों में 1,239 केस अल्मोड़ा, 494 बागेश्वर, 1104 चमोली 1477 चंपावत, 16,398 नैनीताल, 5547 पौड़ी, 1486 पिथौरागढ़, 1025 रुद्रप्रयाग, 2223 टिहरी और 1423 केस उत्तरकाशी में लंबित पड़े हैं.

अधीनस्थ न्यायालयों में कुल 1,98,300 फौजदारी केस लंबित हैं. जिसमें सर्वाधिक 86,210 केस देहरादून, 47,615 केस हरिद्वार और 37,674 उधमसिंहनगर जिले के न्यायालयों में लंबित हैं. वहीं, अन्य जिलों के न्यायालयों में लंबित आपराधिक केस में अल्मोड़ा में 883, बागेश्वर में 374, चमोली में 833, चंपावत में 1288, नैनीताल में 14085, पौड़ी में 4534, पिथौरागढ़ में 1019, रुद्रप्रयाग में 906, टिहरी में 1925, और उत्तरकाशी में 954 केस शामिल है.

अधीनस्थ न्यायालयों में कुल 34,038 दीवानी केस लंबित हैं. जिसमें सर्वाधिक 12,219 देहरादून, 10,427 हरिद्वार और 5,777 उधम सिंह नगर जिले की अदालतों में लंबित हैं. जबकि अल्मोड़ा में 356, बागेश्वर में 120, चमोली में 271, चंपावत ने 189, नैनीताल में 2313, पौड़ी में 1013, पिथौरागढ़ में 467, रुद्रप्रयाग में 119, टिहरी में 298 और उत्तरकाशी में 489 दीवानी केस लंबित हैं.

वहीं, अधिवक्ता नदिमुद्दीन का कहना है कि न्यायालयों में जजों की नियुक्ति न होना के चलते लाखों केस लंबित पड़े हैं. साथ ही नदिमुद्दीन ने कहा कि आए दिन अधिवक्ताओं की हो रही हड़ताल भी इन केसों के लंबित होने का बड़ा कारण है.

काशीपुर: प्रदेश की अदालतों में लाखों केस लंबित पड़े हुए हैं. उत्तराखंड के विभिन्न न्यायालयों में 2,66,387 केस लंबित पड़े हैं. चार सालों में 58 फीसदी केसों में वृद्धि हुई है. जिसमें अपराधिक मामलों में 72 फीसदी और दीवानी में 19 फीसदी वृद्धि हुई है. सूचना का अधिकार के तहत लोक सूचना अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी से ये चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है.

न्यायालयों में लंबित लाखों मामले.

बता दें कि अधिवक्ता नदीमुद्दीन ने आरटीआई के तहत राज्य में लंबित पड़े केसों की जानकारी मंगी थी. जिसके जवाब में पता चला कि उत्तराखंड के विभिन्न न्यायालयों में 2,66,387 केस लंबित पड़े हैं. बीते 4 सालों में 97,956 केसों की वृद्धि हुई है जो 58 प्रतिशत है. जिसमें आपराधिक मामलों में 88,846 केसों की वृद्धि हुई है. जोकि 72 प्रतिशत है. जबकि दीवानी में 9,110 केसों की वृद्धि हुई है जो 19 प्रतिशत है.

उत्तराखंड उच्च न्यायालय के अधीनस्थ न्यायालयों में 2,32,338 केस लंबित पड़े है. जिसमें 1,98,300 केस आपराधिक और 34,038 केस दीवानी के शामिल है. 31 दिसंबर 2018 से उत्तराखंड में कुल 2,66,387 केस लंबित है. जिसमें 2,11,005 केस आपराधिक और 55,350 केस दीवानी के हैं. जबकि 2014 के अंत में कुल 16,8431 केस लंबित थे. जिसमें 1,22,159 केस आपराधिक और 46,272 केस दीवानी के थे.

उत्तराखंड में सर्वाधिक 98,429 केस देहरादून जिले के न्यायालयों में लंबित हैं. वहीं, दूसरे स्थान पर 58,042 केस हरिद्वार के न्यायालय में और तीसरे स्थान पर 45,451 केस उधमसिंहनगर जिले के न्यायालय में लंबित हैं. अन्य जिलों के लंबित केसों में 1,239 केस अल्मोड़ा, 494 बागेश्वर, 1104 चमोली 1477 चंपावत, 16,398 नैनीताल, 5547 पौड़ी, 1486 पिथौरागढ़, 1025 रुद्रप्रयाग, 2223 टिहरी और 1423 केस उत्तरकाशी में लंबित पड़े हैं.

अधीनस्थ न्यायालयों में कुल 1,98,300 फौजदारी केस लंबित हैं. जिसमें सर्वाधिक 86,210 केस देहरादून, 47,615 केस हरिद्वार और 37,674 उधमसिंहनगर जिले के न्यायालयों में लंबित हैं. वहीं, अन्य जिलों के न्यायालयों में लंबित आपराधिक केस में अल्मोड़ा में 883, बागेश्वर में 374, चमोली में 833, चंपावत में 1288, नैनीताल में 14085, पौड़ी में 4534, पिथौरागढ़ में 1019, रुद्रप्रयाग में 906, टिहरी में 1925, और उत्तरकाशी में 954 केस शामिल है.

अधीनस्थ न्यायालयों में कुल 34,038 दीवानी केस लंबित हैं. जिसमें सर्वाधिक 12,219 देहरादून, 10,427 हरिद्वार और 5,777 उधम सिंह नगर जिले की अदालतों में लंबित हैं. जबकि अल्मोड़ा में 356, बागेश्वर में 120, चमोली में 271, चंपावत ने 189, नैनीताल में 2313, पौड़ी में 1013, पिथौरागढ़ में 467, रुद्रप्रयाग में 119, टिहरी में 298 और उत्तरकाशी में 489 दीवानी केस लंबित हैं.

वहीं, अधिवक्ता नदिमुद्दीन का कहना है कि न्यायालयों में जजों की नियुक्ति न होना के चलते लाखों केस लंबित पड़े हैं. साथ ही नदिमुद्दीन ने कहा कि आए दिन अधिवक्ताओं की हो रही हड़ताल भी इन केसों के लंबित होने का बड़ा कारण है.

Intro:नोट- संबंधित खबर के विजुअल और बाइट लाइव यू से भेज दिए गए हैं।

प्रदेश की अदालतों में न्याय की तलाश में फरियादी रोजाना न्यायालय के चक्कर काटते रह जाते हैं लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिल पाता है क्योंकि प्रदेश की अदालतों में लाखों केस लंबित पड़े हुए हैं। ऐसा हम नहीं बल्कि आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना के जवाब में ने यह पोल उपलब्ध आंकड़ों ने खोल कर रख दी।


Body:काशीपुर में रहने वाले सूचना अधिकार विशेषज्ञ अधिवक्ता नसीमुद्दीन के द्वारा मांगी गई सूचना के जवाब में पता चला कि उत्तराखंड के विभिन्न न्यायालयों में 2, 66, 387 वर्ष 2019 के शुरू से फैसले के इंतजार में हैं। उत्तराखंड के न्यायालयों में लंबित केसो की संख्या में पिछले 4 वर्षों में 58% की वृद्धि हुई है जबकि आपराधिक लंबित केसो में 72% तथा दीवानी के केसों में 19% की वृद्धि हुई है। उत्तराखंड सूचना न्यायालय के लोक सूचना अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना से यह आंकड़े प्रकाश में आए हैं।
वीओ- नदीम को उपलब्ध कराए गए वर्णों के अनुसार 2018 के अंत में उत्तराखंड उच्च न्यायालय में कुल 34049 केस लंबित हैं, जिसमें से 12705 केस आपराधिक तथा 21 344 के दिवानी के शामिल हैं। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के अधीनस्थ न्यायालय 232338 केस लंबित है जिसमें 198300 केस आपराधिक तथा 34038 केस दीवानी के शामिल है। 31 दिसंबर 2018 को उत्तराखंड में कुल 266387 केस लंबित है जिसमें 211005 केस अपराधी कथा 55350 सी केस दीवानी के हैं। जबकि 2014 के अंत में कुल 168431 केस लंबित थे जिसमे 122000 159 आपराधिक तथा 46200 72 केस दीवानी के थे इन 4 वर्षों की अवधि में 97956 केसों की वृद्धि हुई है जो 58% से अधिक है आपराधिक केशव में 88846 केसों की वृद्धि हुई है जो 72% से अधिक है जबकि दीवानी के समय केवल 9110 केसों की वृद्धि हुई जो 19% से अधिक है।
वीओ- अगर उत्तराखंड के अधीनस्थ न्यायालयों में कब 31 दिसंबर 2018 को लंबित कुल 232338 केशु मैसेज सर्वाधिक 98429 केस देहरादून जिले के न्यायालयों में दूसरे स्थान पर 58042 केस हरिद्वार के न्यायालय में तथा तीसरे स्थान पर 45451 उधमसिंहनगर जिले के न्यायालय में लंबित हैं। अन्य जिलों में लंबित केसो में 1239 केस अल्मोड़ा 494 बागेश्वर, 1104 चमोली 1477 चंपावत 16 398 नैनीताल 5547 पौड़ी 1486 पिथौरागढ़ 1025 से रुद्रप्रयाग 2223 टिहरी तथा 1423 केस उत्तरकाशी जिलों के न्यायालय में लंबित हैं।

वीओ- अधीनस्थ न्यायालय में कुल 198 300 फौजदारी केस लंबित है जिस में सर्वाधिक 86 210 केस देहरादून 47615 केस हरिद्वार तथा 37674 उधमसिंहनगर जिले के न्यायालय में लंबित हैं। अन्य जिलों के न्यायालयों में लंबित आपराधिक केशव में अल्मोड़ा में 883 बागेश्वर में 374 चमोली में 833 चंपावत में 1288 नैनीताल में 14085 पौड़ी में 4534 पिथौरागढ़ में 1019 रुद्रप्रयाग में 906 टिहरी में 1925 कथा उत्तरकाशी में 954 के शामिल हैं अधीनस्थ न्यायालय में कुल 34038 दीवानी केस लंबित हैं जिसमें सर्वाधिक 12219 देहरादून 10 427 हरिद्वार तथा 5777 उधम सिंह नगर जिले की अदालतों में लंबित हैं जबकि अल्मोड़ा में 356 बागेश्वर में 120 चमोली में 271 चंपावत ने 189 नैनीताल में 2313 बॉडी में 1013 पिथौरागढ़ में 467 रुद्रप्रयाग में 119 टिहरी में 298 तथा उत्तरकाशी जिले की अदालतों में 489 दीवानी के मामले लंबित हैं।
बाइट- नदिमुद्दीन, सूचना अधिकार विशेषज्ञ अधिवक्ता


Conclusion:काशीपुर के सूचना अधिकार विशेषज्ञ अधिवक्ता नदीमुद्दीन के द्वारा के द्वारा प्राप्त सूचना के अधिकार से चौकानेवाले इन आंकड़ों में देहरादून पहले नंबर पर तोता दूसरे नंबर पर हरिद्वार तथा तीसरे नंबर पर उधम सिंह नगर जिला सम्मिलित है। इन केसों के लंबित होने की मुख्य वजह आए दिन अधिवक्ताओं की विभिन्न न्यायालयों में आए दिन होने वाली हड़ताल के साथ साथ न्यायालयों में जजों की नियुक्ति न होना है।
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