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हरिद्वार: आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी का फल और सब्जियों से तुलादान

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Published : Jan 23, 2021, 8:25 PM IST

श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज का तुलादान उत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान कैलाशानंद गिरी महाराज को फल सब्जी और मिठाइयों से तौला गया. इन सब चीजों को अब दान किया जाएगा.

Haridwar Latest News
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हरिद्वार: दक्षिण कालीपीठ मंदिर के पीठाधीश्वर और श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज का शनिवार को तुलादान उत्सव काली मंदिर पीठ में आयोजित किया गया. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत तनरेंद्र गिरी महाराज के शिष्य आनंद गिरि महाराज ने संतों के साथ मिलकर तुलादान उत्सव का आयोजन किया, जिसमें कैलाशानंद गिरी महाराज को फल सब्जी और मिठाइयों से तौला गया. इस मौके पर साधु संतों के साथ कैलाशानंद गिरी के भक्त भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे.

आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी का फल और सब्जियों से तुलादान.

आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि तुलादान करने की हमारी अनादि काल से परंपरा रही है. तुलादान का अर्थ होता है कि हमारे सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न हुए और अब वह कार्य देश और समाज के हित के लिए निर्विघ्न रूप से चलते रहें. उसमें कोई बाधा नहीं आए. उन्हें श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा में आचार्य महामंडलेश्वर के पद आसीन किया गया है. शनिवार को अखाड़े के संतों ने मिलकर उनका तुलादान उत्सव मनाया है.

पढ़ें- कभी पाकिस्तान-बांग्लादेश में थे उत्तराखंड के इस टमाटर के दीवाने, आज फीका पड़ रहा रंग

गौर हो, तुलादान करने का हमारे शास्त्रों में वर्णन आता है और कहा जाता है कि तुलादान तब किया जाता है, जब कोई कार्य संपन्न होता है और आगे किए जाने वाले कार्यों के लिए तुलादान के माध्यम से बाधा ना आए इसी कारण तुलादान किया जाता है.

हरिद्वार: दक्षिण कालीपीठ मंदिर के पीठाधीश्वर और श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज का शनिवार को तुलादान उत्सव काली मंदिर पीठ में आयोजित किया गया. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत तनरेंद्र गिरी महाराज के शिष्य आनंद गिरि महाराज ने संतों के साथ मिलकर तुलादान उत्सव का आयोजन किया, जिसमें कैलाशानंद गिरी महाराज को फल सब्जी और मिठाइयों से तौला गया. इस मौके पर साधु संतों के साथ कैलाशानंद गिरी के भक्त भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे.

आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी का फल और सब्जियों से तुलादान.

आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि तुलादान करने की हमारी अनादि काल से परंपरा रही है. तुलादान का अर्थ होता है कि हमारे सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न हुए और अब वह कार्य देश और समाज के हित के लिए निर्विघ्न रूप से चलते रहें. उसमें कोई बाधा नहीं आए. उन्हें श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा में आचार्य महामंडलेश्वर के पद आसीन किया गया है. शनिवार को अखाड़े के संतों ने मिलकर उनका तुलादान उत्सव मनाया है.

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गौर हो, तुलादान करने का हमारे शास्त्रों में वर्णन आता है और कहा जाता है कि तुलादान तब किया जाता है, जब कोई कार्य संपन्न होता है और आगे किए जाने वाले कार्यों के लिए तुलादान के माध्यम से बाधा ना आए इसी कारण तुलादान किया जाता है.

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