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हरिद्वार: 'भगवान' पहुंचे न्यायालय, जानिए क्या है मामला - Uttarakhand news

राधा कृष्ण मंदिर की संपत्ति मामले में कोर्ट में वाद दायर करने वाले रामकृष्ण का कहना है कि यह संपत्ति मंगला बांदी की थी और उन्होंने अपने जीवनकाल में ही यह सारी संपत्ति भगवान कृष्ण के नाम कर दी थी, जिसे लगातार बेचने का प्रयास किया जा रहा है.

अदालत में मुकदमा लड़ रहे 'भगवान'
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Published : Oct 20, 2019, 6:15 PM IST

Updated : Oct 21, 2019, 5:05 PM IST

हरिद्वार: अयोध्या के बाद देश का दूसरा मंदिर स्थल धर्मनगरी में है जहां 'भगवान' कोर्ट केस लड़ रहे हैं. यह लड़ाई अब मंदिर से निकलकर न्यायालय में लंबित है. दरअसल, कनखल में भगवान राधा-कृष्ण भू-माफिया के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा लड़ रहे हैं. अदालत में चल रहे एक मामले में भगवान राधा कृष्ण ने भू माफिया को पटखनी दी है. कनखल में सती घाट पर स्थित भगवान राधा कृष्ण का यह मंदिर अद्भुत है. मान्यता है कि यहां राधा और कृष्ण दोनों साक्षात विराजते हैं. यही नहीं, यहां स्थापित भगवान राधा कृष्ण की मूर्ति भी दुर्लभ है.

कनखल में भगवान राधा कृष्ण का मंदिर इन दिनों विवादों के घेरे में है. यहां भगवान राधा कृष्ण को न्याय पाने के लिए अदालतों में भटकना पड़ रहा है. सती घाट पर राधा कृष्ण के मंदिर की अकूत संपत्ति पर भू माफिया की नजर है. राधा कृष्ण मंदिर की संपत्ति पर अब तक कई लोगों ने कब्जा जमाने का प्रयास किया. मगर वे इसमें कामयाब नहीं हो पाये. माना जाता है कि इस मंदिर की संपति के मालिक स्वयं भगवान कृष्ण हैं, जिस कारण उनके नाम से ही कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है. मंदिर की संपत्ति को बचाने के लिए कनखल के स्थानीय निवासियों ने कृष्ण के नाम से कोर्ट में मुकदमा दर्ज करवाया है.

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बता दें कि ये मंदिर यहां आदि काल से विराजमान है. जिस पत्थर से भगवान कृष्ण और राधा की मूर्ति बनी है यह कसौटी का पत्थर है. यह पत्थर सोने को परखने वाला होता है. बताया जाता है कि कृष्ण और राधा की अद्भुत मूर्ति हर पहर अपना रूप परिवर्तित करती है. मंदिर के पास ही एक बाग भी है. यहां जितने भी फूल खिलते हैं उन्हे भगवान कृष्ण को ही अर्पित किया जाता है.

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बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण महाराजा रणजीत सिंह की बांदी मंगला ने करवाया था. महाराजा रणजीत सिंह ने अपने सबसे विश्वासी बांदी मंगला को कनखल में बहुत बड़ी संपत्ति दान में दी थी, जिसमें राधा कृष्ण मंदिर वाली भूमि सहित उससे सटा गंगा किनारे एक बड़ा बाग भी था. इसके अलावा कनखल और आसपास के गांव में कई एकड़ जमीन और बिल्डिंग भी इसमें शामिल थीं. जिसके बाद मंगला बांदी ने कनखल के सती घाट पर राधा कृष्ण का एक मंदिर बनवाया.

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क्या है मामला

कनखल के इस राधा कृष्ण मंदिर और उसकी संपत्ति की देखरेख के लिए मंगला बांदी ने अपने जीवन काल में ही एक प्रबंधक नियुक्त कर दिया था. मगर अपनी में सभी संपत्ति राधा कृष्ण भगवान के नाम कर दी थी. आज भी उनके द्वारा बनाए गए प्रबंधक लोग यहां की संपत्तियों की देखरेख करते हैं. संपत्ति की देखरेख कर रहे वर्तमान प्रबंधक लंबे अरसे से इस करोड़ों रुपए की संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने की कोशिश कर रहे हैं. कई साल पहले वर्तमान प्रबंधक ने इस संपत्ति के एक बड़े हिस्से को बेचने की कोशिश की थी. मगर मंदिर की संपत्ति के वारिस भगवान राधा कृष्ण के नाम से कनखल के कुछ लोगों ने कोर्ट में केस दर्ज कर दिया, जिसके बाद प्रबंधक को कोर्ट से मुंह की खानी पड़ी.

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इसके बावजूद भी प्रबंधक इससे सटे बहुमूल्य बाग को बेचने की कोशिश करता रहा. राधा कृष्ण मंदिर की संपत्ति मामले में कोर्ट में वाद दायर करने वाले रामकृष्ण का कहना है कि यह संपत्ति मंगला बांदी की थी और उन्होंने अपने जीवन काल में ही यह सारी संपत्ति भगवान कृष्ण के नाम कर दी थी. इसे लगातार बेचने का प्रयास किया जा रहा है. 1990 में प्रबंधक ने कोर्ट में एप्लीकेशन डाली थी कि वह इस संपत्ति का कुछ हिस्सा बेचना चाहते हैं मगर इस मामले में आपत्ति दर्ज की गई है. जिसके बाद कोर्ट ने फिर से इस संपति को राधा कृष्ण मंदिर के नाम कर दिया. वहीं ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पुरी का कहना है कि राधा कृष्ण मंदिर की संपत्ति को कई लोगों ने कब्जाने का प्रयास किया मगर वे इसमें सफल नहीं हो पाये हैं.

हरिद्वार: अयोध्या के बाद देश का दूसरा मंदिर स्थल धर्मनगरी में है जहां 'भगवान' कोर्ट केस लड़ रहे हैं. यह लड़ाई अब मंदिर से निकलकर न्यायालय में लंबित है. दरअसल, कनखल में भगवान राधा-कृष्ण भू-माफिया के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा लड़ रहे हैं. अदालत में चल रहे एक मामले में भगवान राधा कृष्ण ने भू माफिया को पटखनी दी है. कनखल में सती घाट पर स्थित भगवान राधा कृष्ण का यह मंदिर अद्भुत है. मान्यता है कि यहां राधा और कृष्ण दोनों साक्षात विराजते हैं. यही नहीं, यहां स्थापित भगवान राधा कृष्ण की मूर्ति भी दुर्लभ है.

कनखल में भगवान राधा कृष्ण का मंदिर इन दिनों विवादों के घेरे में है. यहां भगवान राधा कृष्ण को न्याय पाने के लिए अदालतों में भटकना पड़ रहा है. सती घाट पर राधा कृष्ण के मंदिर की अकूत संपत्ति पर भू माफिया की नजर है. राधा कृष्ण मंदिर की संपत्ति पर अब तक कई लोगों ने कब्जा जमाने का प्रयास किया. मगर वे इसमें कामयाब नहीं हो पाये. माना जाता है कि इस मंदिर की संपति के मालिक स्वयं भगवान कृष्ण हैं, जिस कारण उनके नाम से ही कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है. मंदिर की संपत्ति को बचाने के लिए कनखल के स्थानीय निवासियों ने कृष्ण के नाम से कोर्ट में मुकदमा दर्ज करवाया है.

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बता दें कि ये मंदिर यहां आदि काल से विराजमान है. जिस पत्थर से भगवान कृष्ण और राधा की मूर्ति बनी है यह कसौटी का पत्थर है. यह पत्थर सोने को परखने वाला होता है. बताया जाता है कि कृष्ण और राधा की अद्भुत मूर्ति हर पहर अपना रूप परिवर्तित करती है. मंदिर के पास ही एक बाग भी है. यहां जितने भी फूल खिलते हैं उन्हे भगवान कृष्ण को ही अर्पित किया जाता है.

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बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण महाराजा रणजीत सिंह की बांदी मंगला ने करवाया था. महाराजा रणजीत सिंह ने अपने सबसे विश्वासी बांदी मंगला को कनखल में बहुत बड़ी संपत्ति दान में दी थी, जिसमें राधा कृष्ण मंदिर वाली भूमि सहित उससे सटा गंगा किनारे एक बड़ा बाग भी था. इसके अलावा कनखल और आसपास के गांव में कई एकड़ जमीन और बिल्डिंग भी इसमें शामिल थीं. जिसके बाद मंगला बांदी ने कनखल के सती घाट पर राधा कृष्ण का एक मंदिर बनवाया.

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क्या है मामला

कनखल के इस राधा कृष्ण मंदिर और उसकी संपत्ति की देखरेख के लिए मंगला बांदी ने अपने जीवन काल में ही एक प्रबंधक नियुक्त कर दिया था. मगर अपनी में सभी संपत्ति राधा कृष्ण भगवान के नाम कर दी थी. आज भी उनके द्वारा बनाए गए प्रबंधक लोग यहां की संपत्तियों की देखरेख करते हैं. संपत्ति की देखरेख कर रहे वर्तमान प्रबंधक लंबे अरसे से इस करोड़ों रुपए की संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने की कोशिश कर रहे हैं. कई साल पहले वर्तमान प्रबंधक ने इस संपत्ति के एक बड़े हिस्से को बेचने की कोशिश की थी. मगर मंदिर की संपत्ति के वारिस भगवान राधा कृष्ण के नाम से कनखल के कुछ लोगों ने कोर्ट में केस दर्ज कर दिया, जिसके बाद प्रबंधक को कोर्ट से मुंह की खानी पड़ी.

पढ़ें-सिंचाई गूल में बहने से डेढ़ वर्षीय मासूम की मौत, परिजनों में मचा कोहराम

इसके बावजूद भी प्रबंधक इससे सटे बहुमूल्य बाग को बेचने की कोशिश करता रहा. राधा कृष्ण मंदिर की संपत्ति मामले में कोर्ट में वाद दायर करने वाले रामकृष्ण का कहना है कि यह संपत्ति मंगला बांदी की थी और उन्होंने अपने जीवन काल में ही यह सारी संपत्ति भगवान कृष्ण के नाम कर दी थी. इसे लगातार बेचने का प्रयास किया जा रहा है. 1990 में प्रबंधक ने कोर्ट में एप्लीकेशन डाली थी कि वह इस संपत्ति का कुछ हिस्सा बेचना चाहते हैं मगर इस मामले में आपत्ति दर्ज की गई है. जिसके बाद कोर्ट ने फिर से इस संपति को राधा कृष्ण मंदिर के नाम कर दिया. वहीं ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पुरी का कहना है कि राधा कृष्ण मंदिर की संपत्ति को कई लोगों ने कब्जाने का प्रयास किया मगर वे इसमें सफल नहीं हो पाये हैं.

Intro:फीड लाइव व्यू से भेजी गई है

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अपने जन्म के समय से ही विपत्तियों का सामना करते रहे भगवान राधा कृष्ण कलयुग में भी दुष्टों का सामना कर रहे हैं यही नहीं कलयुग में तो भगवान राधा कृष्ण को न्याय पाने के लिए अदालत में जाना पड़ गया है हरिद्वार की पौराणिक नगरी कनखल में राधा कृष्ण भगवान भू माफियाओं के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा लड़ रहे हैं हालांकि एक मामले में भू माफियाओं को अदालत से राधा कृष्ण भगवान से मुंह की खानी पड़ी थी वैसे कनखल में सती घाट पर स्थित भगवान राधा कृष्ण का यह मंदिर अद्भुत है और मान्यता है कि यहां राधा और कृष्ण दोनों साक्षात विराजते हैं यही नहीं यहां स्थापित भगवान राधा कृष्ण की मूर्ति भी अपने आप में दुर्लभ है जिस पत्थर से बनी हुई है उस पत्थर से सोने की परख की जाती है


Body:हरिद्वार की उप नगरी भगवान शिव की ससुराल मानी जाती है मान्यता है कि भगवान शिव के साथ ही यहां पर सभी देवी देवता साक्षात निवास करते हैं कनखल में वैसे तो दर्जनों विभिन्न देवी-देवताओं के मंदिर है मगर कनखल में भगवान राधा कृष्ण का एक मंदिर ऐसा भी है जो अपने आप में दुर्लभ विलक्षण और अद्भुत होते हुए भी विवादों के घेरे में है यहां पर भगवान राधा कृष्ण को न्याय पाने के लिए अदालतों में भटकना पड़ रहा है कनखल में सती घाट पर राधा कृष्ण का एक मंदिर है जिसकी अकूत संपत्ति पर भू माफियाओं की नजर है इस मंदिर का निर्माण महाराजा रणजीत सिंह की बांदी मंगला ने कराया था महाराजा रणजीत सिंह कि सबसे विश्वासपात्र बांदी मंगला को उन्होंने कनखल में बहुत बड़ी संपत्ति दान में दी थी जिसमें राधा कृष्ण मंदिर वाली भूमि सहित उससे सटा गंगा किनारे एक बड़ा बाग भी था इसके अलावा कनखल और आसपास के गांव में भी कई एकड़ जमीन और बिल्डिंग भी शामिल थी मंगला बांदी ने कनखल के सती घाट पर स्थित संपत्ति पर राधा कृष्ण का एक मंदिर बनवाया था जिसमें राधा कृष्ण की प्रतिमा को दुर्लभ कसौटी के पत्थर से बनवाया गया था

धर्म के जानकार मानते हैं कि राधा कृष्ण का यह मंदिर अपने आप में अद्भुत और चमत्कारी है यहां राधा कृष्ण साक्षात विराजते हैं ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पुरी का कहना है कि राधा कृष्ण मंदिर की संपत्ति को कई लोगों ने कब जाने का प्रयास किया मगर इस संपत्ति को कब जाने के चक्कर में उनका विनाश हो गया इस मंदिर की विशेषता है कि कृष्ण स्वयं इस संपत्ति के मालिक हैं और उनके नाम से ही कोर्ट में मुकदमा किया गया भगवान अपने नाम के मामले मैं मुकदमा जीत गए यह बहुत ही विशेष स्थान है क्योंकि भगवान कृष्ण स्वयं यहां पर विराजमान है इस संपत्ति को कब जाने से बचाने के लिए कनखल के स्थानीय निवासियों ने कृष्ण के नाम से कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया भगवान कृष्ण के इस मंदिर का कोई भी मालिक नहीं है वह खुद ही मंदिर के मालिक है यह मंदिर आदि काल से यहां पर विराजमान है और जिस पत्थर से भगवान कृष्ण और राधा की मूर्ति बनी हुई है यह कसौटी पत्थर है यह पत्थर सोने को परखने वाला होता है यह बहुत ही अद्भुत मूर्ति है इनका कहना है कि राधा कृष्ण की प्रतिमा दिन में हर पहर में अपना रूप परिवर्तित करती है मंदिर के पास ही एक बाग भी है यहां पर जितने भी पुष्प उगते हैं उसको भगवान कृष्ण के ऊपर ही अर्पित किए जाते हैं

बाइट-- प्रतीक मिश्रपुरी---ज्योतिषाचार्य

जानकारों का कहना है कि यह मंगला बांदी की हवेली है यह महाराजा रंजीत सिंह की बांदी थी मंगला बांदी कनखल आई और महाराजा रंजीत सिंह के मंत्री खुशहाल सिंह भी उनके साथ कनखल आए उन्होंने इकड़ी वाली हवेली नाम से तीन हवेलियों का निर्माण कराया इस मंदिर में कई अद्भुत प्रकार के चित्र भी बनाए गए हैं जिसमें जयपुर शैली से भी चित्र बनाए गए हैं यहां पर कांगड़ा बसोली की शैली भी मिलती है मगर कुछ समय पहले इसमें मिस्त्री वर्क शुरू हो गया यहां पर कई सुंदर चित्र बनाए गए हैं उसमें गजेंद्र मोक्ष बहुत ही सुंदर चित्र बना हुआ है साथ ही राधा-कृष्ण के कई प्रकार के चित्र है और कृष्ण द्वारा रची गई रासलीला के विभिन्न चित्र यहां पर बनाए गए हैं इन चित्रों को बनाने के लिए गोल्डन और सिल्वर का काम किया गया है जिस पत्थर से राधा कृष्ण की मूर्ति बनाई गई है यह कसौटी पत्थर है और कसौटी पत्थर का बहुत ही महत्व होता है इस पत्थर में स्वर्ण के कण होते हैं और स्वर्ण के कण होने के कारण कसौटी का पत्थर बहुत ही मूल्यवान माना जाता है गीता में भी भगवान कृष्ण ने कहा कि मैं धातु में सोने में ही वास करता हूं

बाइट-- प्रमोद चंद्र--जोशी धर्म के जानकार

कनखल के इस राधा कृष्ण मंदिर और उसकी संपत्ति की देखरेख के लिए मंगला बांदी ने अपने जीवन काल में ही एक प्रबंधक नियुक्त कर दिया था मगर मंगला बांदी ने अपनी जो वसीयत की थी उसमें सभी संपत्ति राधा कृष्ण भगवान के नाम कर दी थी आज भी मंगलम बांदी द्वारा बनाए गए प्रबंधक के लोग सभी संपत्तियों की देखरेख कर रहे हैं मगर संपत्ति राधा कृष्ण के नाम पर ही है संपत्ति की देखरेख कर रहे वर्तमान प्रबंधक लंबे अरसे से इस करोड़ों रुपए की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने की कोशिश कर रहे हैं कई साल पहले वर्तमान प्रबंधक ने इस संपत्ति के एक बड़े हिस्से को बेचने की कोशिश की मगर मंदिर की संपत्ति के वारिस भगवान राधा कृष्ण के नाम से कनखल के कुछ लोगों ने कोर्ट में केस कर दिया जिसके बाद प्रबंधक को कोर्ट से मुंह की खानी पड़ी थी इसके बावजूद भी प्रबंधक इससे सटे बहुमूल्य बाग को बेचने की कोशिश करता रहा राधा कृष्ण मंदिर की संपत्ति मामले में कोर्ट में वाद दायर करने वाले रामकृष्ण का कहना है कि यह संपत्ति मंगला बांदी की थी और उन्होंने अपने जीवन काल में ही यह सारी संपत्ति भगवान कृष्ण के नाम कर दी थी जिसको लगातार बेचने का प्रयास किया जा रहा है 1990 में प्रबंधक द्वारा कोर्ट में एप्लीकेशन डाली थी कि वह इस संपत्ति का कुछ हिस्सा बेचना चाहते हैं मगर इस मामले में हम लोगों पार्टी बन गए हमारे द्वारा एतराज किया गया मगर उसके बावजूद भी इनके द्वारा कुछ हिस्सा बेचा गया इन्होंने इस मंदिर की संपत्ति पर अपना नाम चढ़ावा लिया था मगर कोर्ट ने फिर राधा कृष्ण मंदिर के नाम इस संपत्ति को कर दिया अगर इस संपत्ति को कोई भी बेचना चाहेगा और कोई इसका विरोध करता है तो इस संपत्ति के मालिक भगवान कृष्ण ही रहेंगे फिर इसे कोई बच नहीं सकता है

बाइट-- रामकृष्ण--राधा कृष्ण भगवान संपत्ति मामले में वादी

राधा कृष्ण मंदिर संपत्ति की देखरेख कर रहे वर्तमान प्रबंधक इस मंदिर की संपत्ति को अपनी पारिवारिक मिल्कियत ही मानते हैं उनका कहना है कि राधा कृष्ण मंदिर पारिवारिक ट्रस्ट है और इसमें किसी और पक्ष का कोई अधिकार नहीं है हमारे पूर्वजों ने इस संपत्ति को राधा कृष्ण के नाम किया था मगर इसमें प्रबंधक हमारे परिवार से ही बनते रहेंगे कोई भी बाहर का सदस्य इस ट्रस्ट का सदस्य नहीं बन सकता इनका कहना है कि जब कोई ट्रस्ट बना दिया जाता है तो ट्रस्ट का एक अलग कानून होता है और उसके नियमानुसार हमें संपत्ति बेचने का अधिकार है इस संपत्ति को बेचने के लिए जो भी हम पर आरोप लग रहे हैं यह मामला कोर्ट में चल रहा है हमने इस मामले में जवाब कोर्ट में दे दिया है

बाइट--दिनेश शास्त्री--वर्तमान प्रबंधक राधा कृष्ण मंदिर ट्रस्ट


Conclusion:भगवान कृष्ण द्वारा द्वापर में कई लीलाएं की गई मगर भगवान कृष्ण ने भी नहीं सोचा होगा कि कलयुग में उनको न्याय पाने के लिए कोर्ट में खुद ही जाना पड़ेगा क्योंकि भगवान कृष्ण तो खुद न्याय देते थे मगर कलयुग में उनको ही न्याय पाने के लिए कोर्ट में जाना पड़ा है भगवान कृष्ण के नाम की संपत्ति को खुर्दपुर करने के प्रयास के बाद कोर्ट ने भी इस संपत्ति को भगवान कृष्ण के नाम ही माना और इस संपत्ति को कृष्ण के नाम पर ही दर्ज कर दिया मगर अभी भी कोर्ट में इस संपत्ति को लेकर मामला चल रहा है और भगवान कृष्ण अभी भी इस मामले में कोर्ट में अपना मुकदमा लड़ रहे हैं
Last Updated : Oct 21, 2019, 5:05 PM IST
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