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बाजार में बिक रही नकली मिठाइयां, ऐसे करें पहचान - नकली मिठाई की पहचान

नकली मिठाइयों की काला बाजारी पर रोक लगाने के लिए हरिद्वार डीएम दीपेंद्र चौधरी ने एक टीम गठित की है. वहीं लोगों को बताया जा रहा है कि कैसे नकली मावे की पहचान करें.

नकली मिठाइयों की बिक्रि पर लगेगी रोक.
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Published : Oct 25, 2019, 5:46 PM IST

हरिद्वार: दीपावली के त्योहार को मिठाइयों का त्योहार भी माना जाता है. बिना मिठाइयों के दीपावली अधूरी मानी जाती है. वहीं दूसरी तरफ त्योहारों का सीजन आते ही बाजार में नकली मिठाइयों की काला बाजारी भी तेज हो जाती है. नकली मिठाइयों की काला बाजारी रोकने के लिए हरिद्वार जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने एक टीम गठित की है, जो जिलेभर में नकली मिठाइयों के खिलाफ अभियान चलाएगी.

नकली मिठाइयों की बिक्रि पर लगेगी रोक.

दीपावली से पहले बाजार में नकली मावे खूब बिकते हैं. तरह-तरह के केमिकल और हानिकारक पदार्थ मिलाकर नकली मावा बनाया जाता है. नकली मावे को पहचानने के लिए ईटीवी भारत ने मिष्ठान भंडार स्वामियों से बात की. मिष्ठान भंडार स्वामी अधीर कौशिक ने बताया कि नकली मावे को पहचानने के लिए उसे खा कर देखें, अगर वह चिपचिपा है तो मावा नकली है.

पढ़ें: मुंबई में फैशन के क्षेत्र में जलवा बिखेर रही दून की वसुंधरा, विवेक ओबेरॉय ने की तारीफ

अधीर ने बताया कि मावे को सूंघ कर भी नकली होने का पता लगाया जा सकता है. मावे से अगर घी की खुशबू आ रही है तो मावा असली है नहीं तो मावा नकली है. इसी क्रम में नकली मिठाइयों और मावों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए जिले के डीएम दीपेंद्र चौधरी एक टीम का गठन कर अभियान चला रहे हैं.

हरिद्वार: दीपावली के त्योहार को मिठाइयों का त्योहार भी माना जाता है. बिना मिठाइयों के दीपावली अधूरी मानी जाती है. वहीं दूसरी तरफ त्योहारों का सीजन आते ही बाजार में नकली मिठाइयों की काला बाजारी भी तेज हो जाती है. नकली मिठाइयों की काला बाजारी रोकने के लिए हरिद्वार जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने एक टीम गठित की है, जो जिलेभर में नकली मिठाइयों के खिलाफ अभियान चलाएगी.

नकली मिठाइयों की बिक्रि पर लगेगी रोक.

दीपावली से पहले बाजार में नकली मावे खूब बिकते हैं. तरह-तरह के केमिकल और हानिकारक पदार्थ मिलाकर नकली मावा बनाया जाता है. नकली मावे को पहचानने के लिए ईटीवी भारत ने मिष्ठान भंडार स्वामियों से बात की. मिष्ठान भंडार स्वामी अधीर कौशिक ने बताया कि नकली मावे को पहचानने के लिए उसे खा कर देखें, अगर वह चिपचिपा है तो मावा नकली है.

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अधीर ने बताया कि मावे को सूंघ कर भी नकली होने का पता लगाया जा सकता है. मावे से अगर घी की खुशबू आ रही है तो मावा असली है नहीं तो मावा नकली है. इसी क्रम में नकली मिठाइयों और मावों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए जिले के डीएम दीपेंद्र चौधरी एक टीम का गठन कर अभियान चला रहे हैं.

Intro:
एंकर - दिवाली का त्योहार मिठाईयों का त्योहार है, दिवाली बिना मिठाइयों के अधूरी मानी जाती है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ दिवाली का त्योहार आते ही नकली मावे की काली बाजारी भी तेज जाती है, दिवाली में स्वादिष्ट मिष्ठान खाने के प्रचलन का गलत इस्तेमाल नकली मावा बेचने वाले लोग करते हैं, लेकिन हरिद्वार में इसके खिलाफ शासन प्रसासान पूरी तरह मुस्तैद है। हरिद्वार जिलाधिकारी दीपेन्द्र चौधरी ने इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए कुछ टीमों का गठन किया है जो जिले भर में नकली मावे के खिलाफ अभियान चलाएंगी। Body:
VO 1 - ईटीवी भारत आपको बता रहा है कि किस तरह से आप नकली मावे से अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य का बचाव कर सकते हैं। तरह-तरह के केमिकल और हानिकारक पदार्थ मिलाकर नकली मावा बनाया जाता है जो कि सेहत को बहुत बुरी तरीके से प्रभावित करता है। नकली मावे को पहचानने के लिए उसे खा कर देखें अगर वह चिपचिपा है तो मावा नकली है, मावे को सूंघ कर भी नकली होने का पता लगाया जा सकता है अगर मावे में से घी की सुगंध आ रही है तो मावा असली है वरना नकली, ऐसा कहना है मावा की जानकारी रखने वाले हरिद्वार के बड़े मिष्ठान भंडार स्वामियों का।Conclusion:
Byte - दीपेन्द्र चौधरी, जिलाधिकारी हरिद्वार

Byte - अधीर कौशिक, गुरु हलवाई
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