हरिद्वार: दीपावली के त्योहार को मिठाइयों का त्योहार भी माना जाता है. बिना मिठाइयों के दीपावली अधूरी मानी जाती है. वहीं दूसरी तरफ त्योहारों का सीजन आते ही बाजार में नकली मिठाइयों की काला बाजारी भी तेज हो जाती है. नकली मिठाइयों की काला बाजारी रोकने के लिए हरिद्वार जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने एक टीम गठित की है, जो जिलेभर में नकली मिठाइयों के खिलाफ अभियान चलाएगी.
दीपावली से पहले बाजार में नकली मावे खूब बिकते हैं. तरह-तरह के केमिकल और हानिकारक पदार्थ मिलाकर नकली मावा बनाया जाता है. नकली मावे को पहचानने के लिए ईटीवी भारत ने मिष्ठान भंडार स्वामियों से बात की. मिष्ठान भंडार स्वामी अधीर कौशिक ने बताया कि नकली मावे को पहचानने के लिए उसे खा कर देखें, अगर वह चिपचिपा है तो मावा नकली है.
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अधीर ने बताया कि मावे को सूंघ कर भी नकली होने का पता लगाया जा सकता है. मावे से अगर घी की खुशबू आ रही है तो मावा असली है नहीं तो मावा नकली है. इसी क्रम में नकली मिठाइयों और मावों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए जिले के डीएम दीपेंद्र चौधरी एक टीम का गठन कर अभियान चला रहे हैं.