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वन विभाग में सामने आया बड़ा घोटाला, आरटीआई से हुआ खुलासा - आरटीआई से हुआ उत्तराखंड वन विभाग में घोटाले का खुलासा

उत्तराखंड वन महकमे में बड़ा घोटाला. करोड़ रुपये से ऊपर की हेराफेरी

वन विभाग में सामने आया बड़ा घोटाला.
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Published : Jun 6, 2019, 5:29 PM IST

हरिद्वार: राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखंड वन महकमा हमेशा से ही चर्चा में रहा है. समय-समय पर सामने आए घोटालों ने महकमे की साख और कार्यप्रणाली पर बट्टा लगाने का काम किया है. ताजा मामला हरिद्वार वन प्रभाग की रसीयाबड़ रेंज से जुड़ा हुआ है. ऋषिकेश के आरटीआई कार्यकर्ता ने जब यहां हुए कार्यों की जानकारी मांगी तो वन महकमे में हड़कंप मच गया. विनोद कुमार जैन को जो सूचना मिली उसके तहत इस रेंज के रेंजर ने कैम्पा योजना के तहत नकद भुगतान कर एक करोड़ रुपये से ऊपर की हेराफेरी की है.

वन विभाग में सामने आया बड़ा घोटाला.

सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के मुताबिक वन एवं पर्यावरण अधिनियम के तहत किसी भी तरीके का नकद भुगतान नहीं किया जा सकता. बावजूद इसके रसियाबड़ यूनिट के अधिकारी ने पिछले 4 वर्षो में एक करोड़ रुपये से अधिक का नकद भुगतान किया. RTI कार्यकर्ता का कहना है कि इतना बड़ा खेल जिले में बैठे महकमे के उच्चाधिकारियों के मिलीभगत के संभव नहीं हो सकता, जिसकी शिकायत कई बार आलाधिकारियों के साथ वन प्रमुख से भी की गई, मगर अभी तक इस मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

पढ़ें- ईद को लेकर पुलिस अलर्ट, नमाज के दौरान रूट रहेगा डायवर्ट

वन प्रभाग के डीएफओ आकाश वर्मा का कहना है कि एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा इस मामले में सूचना मांगी गई थी. उसमें सरकारी धन का दुरुपयोग करने की बात सामने आई है. उनके द्वारा यह शिकायत लिखित में भी की गई है. गंभीरता से इस मामले को लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है.

बता दें कि जिस रेंज का यह मामला है वहां एक ही डिप्टी रेंजर कई वर्षों से ऊंची पहुंच के चलते तैनात है. ऐसे में इस घोटाले का सामने आना साबित करता है कि इस खेल में कई नटवरलाल शामिल हैं.

हरिद्वार: राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखंड वन महकमा हमेशा से ही चर्चा में रहा है. समय-समय पर सामने आए घोटालों ने महकमे की साख और कार्यप्रणाली पर बट्टा लगाने का काम किया है. ताजा मामला हरिद्वार वन प्रभाग की रसीयाबड़ रेंज से जुड़ा हुआ है. ऋषिकेश के आरटीआई कार्यकर्ता ने जब यहां हुए कार्यों की जानकारी मांगी तो वन महकमे में हड़कंप मच गया. विनोद कुमार जैन को जो सूचना मिली उसके तहत इस रेंज के रेंजर ने कैम्पा योजना के तहत नकद भुगतान कर एक करोड़ रुपये से ऊपर की हेराफेरी की है.

वन विभाग में सामने आया बड़ा घोटाला.

सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के मुताबिक वन एवं पर्यावरण अधिनियम के तहत किसी भी तरीके का नकद भुगतान नहीं किया जा सकता. बावजूद इसके रसियाबड़ यूनिट के अधिकारी ने पिछले 4 वर्षो में एक करोड़ रुपये से अधिक का नकद भुगतान किया. RTI कार्यकर्ता का कहना है कि इतना बड़ा खेल जिले में बैठे महकमे के उच्चाधिकारियों के मिलीभगत के संभव नहीं हो सकता, जिसकी शिकायत कई बार आलाधिकारियों के साथ वन प्रमुख से भी की गई, मगर अभी तक इस मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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वन प्रभाग के डीएफओ आकाश वर्मा का कहना है कि एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा इस मामले में सूचना मांगी गई थी. उसमें सरकारी धन का दुरुपयोग करने की बात सामने आई है. उनके द्वारा यह शिकायत लिखित में भी की गई है. गंभीरता से इस मामले को लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है.

बता दें कि जिस रेंज का यह मामला है वहां एक ही डिप्टी रेंजर कई वर्षों से ऊंची पहुंच के चलते तैनात है. ऐसे में इस घोटाले का सामने आना साबित करता है कि इस खेल में कई नटवरलाल शामिल हैं.

Intro:यू तो नटवरलाल के किस्से तो आपने बहुत सुने होंगे मगर आज भी कई नटवरलाल हमारे बीच ऐसे है जो बड़ी चालाकी से सरकारी धनराशि को आराम से चपट कर मोटी मलाई खा रहे है ताजा मामला उत्तराखंड वन महकमे के हरिद्वार वन प्रभाग का है यंहा एक डिप्टी रेंजर वर्षो से एक ही स्थान में जमे रह कर सरकारी धन का खुलेआम दुरुपयोग कर रहा था मगर जब सूचना के अधिकार के तहत एक आरटीआई कार्यकर्ताओ ने जानकारी मांगी तो एक करोड़ रुपये से ऊपर की हेराफेरी सामने आई इस सूचना के बाद इस खेल में कई बड़ी मछलिया सामने आ रही है वही जीरो टॉलरेंस की बात कहने वाली सरकार के वन मंत्री और अधिकारी अब जांच की बात कहकर बगले झांकने को मज़बूर है


Body:राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखंड वन महकमा हमेशा से ही चर्चा में रहा है समय समय पर सामने आए घोटालो ने महकमे की साख और कार्यप्रणाली पर बट्टा लगाया है ताजा मामला हरिद्वार वन प्रभाग की रसीयाबड़ रेंज से जुड़ा हुआ है ऋषिकेश के आरटीआई कार्यकर्ता ने जब यंहा हुए कार्यो की जानकारी मांगी तो वन महकमे में हड़कंप मच गया विनोद कुमार जैन को जो सूचना मिली उसके तहत इस रेंज के रेंजर द्वारा कैम्पा योजना के तहत नकद भुगतान कर एक करोड़ रुपये से ऊपर की हेराफेरी की गई है उनके अनुसार सूचना अधिकार में मांगी गई जानकारी के मुताबिक वन एवं पर्यावरण अधिनियम के तहत किसी भी तरीके का नगद भुकतान नहीं किया जा सकता मगर बावजूद इसके रसियाबड़ यूनिट के अधिकारी द्वारा पिछले 4 वर्षो में एक करोड़ रुपये से अधिक का नगद भुकतान किया गया है जो जिले में बैठे महकमे के उच्चाधिकारियों के मिलीभगत के संभव नहीं हो सकता  जिसकी शिकायत उनके द्वारा कई बार आलाधिकारियों के साथ वन प्रमुख से भी की गई है मगर अभी तक इस मामले को लेकर कोई कारवाही नहीं की गई है 

बाइट--विनोद कुमार जैन----आर टी आई कार्यकर्ता

वही इस सूचना के मांगे जाने के बाद से ही वन महकमे में हड़कंप मच गया है हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ आकाश वर्मा का कहना है कि एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा इस मामले में सूचना मांगी गई थी उसमें सरकारी धन का दुरुपयोग करने की बात सामने आई है उनके द्वारा यह शिकायत लिखित में भी की गई है हमारे द्वारा गंभीरता से इस मामले को लिया गया है और एक गम्भीर मामला भी है इस मामले में हमारे द्वारा भी जांच की जा रही है और उच्च अधिकारियों के द्वारा भी मामले में जांच की जा रही है

बाइट--आकाश कुमार वर्मा--डीएफओ वन प्रभाग हरिद्वार

जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली राज्य सरकार की नाक के नीचे हो रहे इस खेल की जानकारी तो सबको है मगर इसकी ख़बर से सरकार खूद बेखबर है राज्य के वन मंत्री हरक सिंह रावत इस मामले में अनिभिज्ञ नजर आये उन्होंने कहा कि वे जल्द ही इस मामले की पड़ताल करेंगे और अगर जो भी इस मामले में दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी

बाइट--हरक सिंह रावत----वन मंत्री उत्तराखंड 


Conclusion:गौरतलब है कि जिस रेंज का यह मामला है वंहा एक ही डिप्टी रेंजर कई वर्षो से ऊंची पंहुच के चलते तैनात है ऐसे में इस घोटाले का सामने आना साबित करता है कि इस खेल में कई नटवरलाल सामिल है और वो सरकारी धन का दुरुपयोग कर अपनी जेब भरने में लगे है अब एक बार फिर वन महकमा जांच की बात कर रहा है मगर आज तक पिछले कुछ वर्षो में हुए घोटालो की जांच रिपोर्टो में कार्यवाही न होना साबित करता है की कुछ गड़बड़ जरूर है  देखना होगा इस मामले में वन प्रभाग क्या जांच करता है और दोषी अधिकारी पर कार्रवाई करता है
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