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RTI में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, नैनीताल चिड़ियाघर में अबतक 232 वन्य जीवों की मौत - haldwani

नैनीताल स्थित चिड़ियाघर में आरटीआई के जरिए चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. जू प्रशासन ने टिकट शुल्क के नाम पर अब तक 12,13,14,300 रुपए की कमाई की है.

नैनीताल चिड़ियाघर.
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Published : May 5, 2019, 6:14 PM IST

हल्द्वानी: आरटीआई के जरिए नैनीताल स्थित चिड़ियाघर से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. चिड़ियाघर में कुल 32,52,833 पर्यटकों ने भ्रमण किया है. जिससे जू प्रशासन को टिकट शुल्क से अब तक 12,13,14,300 रुपए की आमदनी हुई है. साथ ही उत्तराखंड बनने के बाद से अभी तक चिड़ियाघर में 232 वन्य जीवों की मौत भी हो चुकी है.

नैनीताल चिड़ियाघर.

हल्द्वानी के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया के आरटीआई से खुलासा हुआ कि नैनीताल स्थित चिड़ियाघर प्रशासन 32,52,833 पर्यटकों से 12,13,14,300 रुपये की कमाई की है. साथ ही उत्तराखंड बनने के बाद से अब तक सरकार ने चिड़ियाघर के रखरखाव के लिए जू प्रशासन को 5,83,64,200 रुपये भी दिए हैं.

पढ़ें: विक्षिप्त महिला के लिए लोगों ने बढ़ाए मदद के हाथ, प्रशासन से लगाई घर पहुंचाने की गुहार

गौरतलब है कि नैनीताल का चिड़ियाघर देश के चुनिंदा चिड़ियाघर में जाना जाता है. साइबेरियन टाइगर, स्नो लेपर्ड, रेड पांडा, मारखोर, बाघ, गुलदार, हिमालयन काला भालू सहित कई तरह के वन्य जीव है जिसे देखने के लिए देश-विदेश के पर्यटक पहुंचते हैं.

हल्द्वानी: आरटीआई के जरिए नैनीताल स्थित चिड़ियाघर से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. चिड़ियाघर में कुल 32,52,833 पर्यटकों ने भ्रमण किया है. जिससे जू प्रशासन को टिकट शुल्क से अब तक 12,13,14,300 रुपए की आमदनी हुई है. साथ ही उत्तराखंड बनने के बाद से अभी तक चिड़ियाघर में 232 वन्य जीवों की मौत भी हो चुकी है.

नैनीताल चिड़ियाघर.

हल्द्वानी के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया के आरटीआई से खुलासा हुआ कि नैनीताल स्थित चिड़ियाघर प्रशासन 32,52,833 पर्यटकों से 12,13,14,300 रुपये की कमाई की है. साथ ही उत्तराखंड बनने के बाद से अब तक सरकार ने चिड़ियाघर के रखरखाव के लिए जू प्रशासन को 5,83,64,200 रुपये भी दिए हैं.

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गौरतलब है कि नैनीताल का चिड़ियाघर देश के चुनिंदा चिड़ियाघर में जाना जाता है. साइबेरियन टाइगर, स्नो लेपर्ड, रेड पांडा, मारखोर, बाघ, गुलदार, हिमालयन काला भालू सहित कई तरह के वन्य जीव है जिसे देखने के लिए देश-विदेश के पर्यटक पहुंचते हैं.

Intro:स्लग-आरटीआई से खुलासा नैनीताल चिड़ियाघर में 232 वन्य जीवों की हुई मौत 18 साल में 13 करोड से अधिक का मिला राजस्व।( आरटीआई कार्यकर्ता का विजुअल बाइट मेल से उठाएं)

रिपोर्टर भावनाथ पंडित हल्द्वानी
एंकर -सरोवर नगरी नैनीताल की उच्च स्तरीय प्राणी उद्यान/ चिड़ियाघर की पहचान पूरी दुनिया में है। हर साल यहां 200000 पर्यटक चिड़ियाघर में वन्यजीवों के दीदार करने को आते हैं। साथ जो प्रशासन को पर्यटकों से हर्ष वर्ष लाखों की कमाई भी होती है।



Body:हल्द्वानी के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया ने नैनीताल स्थित उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान से मांगी सूचना से मांगी जानकारी से खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड बनने से अभी तक नैनीताल के उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान जू केंद्र में 32,52,833 ( 32लाख 52 हजार 833) देसी विदेशी पर्यटकों ने चिड़ियाघर का भ्रमण किया है ।जिससे जू प्रशासन को 12 करोड़13 लाख14 हजार तीन सौ रुपए टिकट शुल्क से आमदनी भी हुई है। साथी उत्तराखंड बनने से अभी तक इस चिड़ियाघर में 232 महत्वपूर्ण वन्य जीवो की भी मौत हो चुकी है।
इसके साथ सरकार ने उत्तराखंड बनने से अभी तक जू के रखरखाव के लिए जू प्रशासन को 5 करोड 83 लाख 64 हजार 2 सौ रुपए भी जारी किया है।
गौरतलब है कि नैनीताल का चिड़ियाघर देश के चुनिंदा चिड़ियाघर में जाना जाता है। यह साइबेरियन टाइगर, स्नो लेपर्ड, रेड पांडा , मारखोर,बाघ ,गुलदार ,हिमालयन काला भालू सहित कई तरह के वन्य जीव है जिसे देखने के लिए देश-विदेश के पर्यटक पहुंचते हैं।


Conclusion:सरोवर नगरी नैनीताल का चिड़ियाघर नैनीताल शहर के पूर्वी ओर पहाड़ी पर बसे सबसे ठंडे इलाकों में बना हुआ है जहां वन्यजीव विचरण करते हैं।

बाइट-हेमंत गोनिया आरटीआई कार्यकर्ता
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