हल्द्वानी: नैनीताल जनपद के दूरस्थ क्षेत्र ओखलकांडा, धारी, भवाली,रामगढ़ और मुक्तेश्वर के फल पट्टी के काश्तकारों को इस बार फल उत्पादन में काफी नुकसान उठाना पड़ा है. काश्तकारों का कहना है कि ओलावृष्टि और भारी बरसात के चलते उनके नाशपाती और सेब की फसल बर्बाद हो गई है. बाजारों में दाम उचित नहीं मिलने के चलते उन को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में काश्तकारों ने सरकार से नाशपाती और सेब सहित अन्य फलों के समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग उठाई है.
पहाड़ के किसानों ने मंडी समिति के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पहाड़ के सेब नाशपाती का समर्थक मूल्य घोषित करने की मांग की है. किसानों का कहना है कि A और B ग्रेड के फल तो आसानी से बिक रहे हैं लेकिन C ग्रेड के फल नहीं बिक पा रहे हैं, जिसके चलते उनको भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
ऐसे में काश्तकारों ने मुख्यमंत्री से पत्र भेजकर फलों के समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग की है, जिससे बाहर के आढ़ती और फूड प्रोसेसिंग कंपनियां उनके फलों को समर्थन मूल्य के अनुसार खरीद सकें. काश्तकारों का कहना है कि उनके फसलों के अच्छे दाम नहीं मिलने के चलते मंडियों में ओने पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं.
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काश्तकारों का कहना है कि सरकार एक तरफ किसानों की आय दोगुनी करने की बात तो कर रही है लेकिन पहाड़ के किसान बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि के चलते हमेशा से मौसम का शिकार होते हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए कि उनके फसलों का समर्थन मूल्य घोषित कर उनको बाजार उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें, जिससे कि पहाड़ के दूरस्थ किसान अपने उत्पादन को बेच सकें.