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उत्तराखंड की तर्ज पर देश के सभी थानों में बनेगी महिला हेल्प डेस्क, गृहमंत्री ने लगाई मुहर

प्रदेश में महिलाओं के साथ छेड़छाड़, दुष्कर्म, हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए उत्तराखंड पुलिस पहले ही सतर्क है. उत्तराखंड की सभी थाना- कोतवाली में कुछ समय पहले ही अनिवार्य रूप से महिला पुलिस हेल्प डेस्क स्थापित लागू किया जा चुका है.

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महिला हेल्प डेस्क
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Published : Dec 6, 2019, 8:44 PM IST

Updated : Dec 6, 2019, 11:55 PM IST

देहरादून: हैदराबाद और यूपी के उन्नाव के साथ ही देश के अलग-अलग राज्यों में लगातार महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों को लेकर लोगों में आक्रोश है. देश में फैले आक्रोश के बाद केंद्र सरकार ने हर थाने में महिला डेस्क बनाने का फैसला लिया है. गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए इस बात का ऐलान किया. वहीं, बात अगर उत्तराखंड की करें तो प्रदेश के सभी थाना और कोतवालियों में पहले से ही यहां महिला हेल्पलाइन डेस्क अनिवार्य है. पुलिस महकमे ने प्रदेश में कुछ महीने पहले ही महिला अपराधों पर रोक लगाने के लिए इसे लागू किया गया था.

देश के सभी थानों में बनेगी महिला हेल्प डेस्क.

उत्तराखंड के सभी थानों में महिला पुलिस हेल्प डेस्क
प्रदेश में महिलाओं के साथ छेड़छाड़, दुष्कर्म, हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए उत्तराखंड पुलिस पहले ही सतर्क है. उत्तराखंड की सभी थाना- कोतवाली में कुछ समय पहले ही अनिवार्य रूप से महिला पुलिस हेल्प डेस्क स्थापित लागू किया जा चुका है, ताकि किसी भी महिला के अपराध से जुड़ी शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की जा सके. उत्तराखंड के थानों में स्थापित महिला पुलिस हेल्प डेस्क में एक उपनिरीक्षक महिला सहित चार महिला कांस्टेबलों को तैनात किया गया है.

पढ़ें-श्राइन बोर्ड बनने के बाद चारधाम यात्रा होगी और आसान, होंगे कई फायदे
महिलाओं के प्रति उत्तराखंड पुलिस पहले से अतिरिक्त सतर्क: अशोक कुमार
प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के बारे में बोलते हुए डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखंड में महिलाओं की सुरक्षा के पुलिस पहले की सतर्क है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पहले प्रदेश में महिला हेल्प डेस्क लागू कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी थानों में इस तरह के डेस्क बनाये गये हैं जो कि तुरंत प्रभाव से महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों को रोकने में कारगर हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पुलिस ने महिला अपराधों के मामलों में संवेदनशीलता दिखाते हुए महिला हेल्प डेस्क बनाया.जिसकी तस्दीक अब केंद्र भी कर रहा है.

पढ़ें-हैदराबाद एनकाउंटर: दून की महिलाओं ने किया समर्थन, कड़ा कानून लाने की मांग

बता दें कि गृह मंत्रालय ने देश भर में थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना के लिए निर्भया कोष से 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

महिला हेल्प डेस्क, थानों को महिलाओं के लिए और अनुकूल तथा आसानी से पहुंच योग्य बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा क्योंकि पुलिस स्टेशन जाने पर किसी भी महिला के लिए यह पहला और एकल स्थान होगा. थाने में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना और इसे मजबूत करने के लिए निर्भया कोष से 100 करोड़ रुपये आवंटित करने को मंजूरी दी है

गृह मंत्रालय

देहरादून: हैदराबाद और यूपी के उन्नाव के साथ ही देश के अलग-अलग राज्यों में लगातार महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों को लेकर लोगों में आक्रोश है. देश में फैले आक्रोश के बाद केंद्र सरकार ने हर थाने में महिला डेस्क बनाने का फैसला लिया है. गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए इस बात का ऐलान किया. वहीं, बात अगर उत्तराखंड की करें तो प्रदेश के सभी थाना और कोतवालियों में पहले से ही यहां महिला हेल्पलाइन डेस्क अनिवार्य है. पुलिस महकमे ने प्रदेश में कुछ महीने पहले ही महिला अपराधों पर रोक लगाने के लिए इसे लागू किया गया था.

देश के सभी थानों में बनेगी महिला हेल्प डेस्क.

उत्तराखंड के सभी थानों में महिला पुलिस हेल्प डेस्क
प्रदेश में महिलाओं के साथ छेड़छाड़, दुष्कर्म, हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए उत्तराखंड पुलिस पहले ही सतर्क है. उत्तराखंड की सभी थाना- कोतवाली में कुछ समय पहले ही अनिवार्य रूप से महिला पुलिस हेल्प डेस्क स्थापित लागू किया जा चुका है, ताकि किसी भी महिला के अपराध से जुड़ी शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की जा सके. उत्तराखंड के थानों में स्थापित महिला पुलिस हेल्प डेस्क में एक उपनिरीक्षक महिला सहित चार महिला कांस्टेबलों को तैनात किया गया है.

पढ़ें-श्राइन बोर्ड बनने के बाद चारधाम यात्रा होगी और आसान, होंगे कई फायदे
महिलाओं के प्रति उत्तराखंड पुलिस पहले से अतिरिक्त सतर्क: अशोक कुमार
प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के बारे में बोलते हुए डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखंड में महिलाओं की सुरक्षा के पुलिस पहले की सतर्क है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पहले प्रदेश में महिला हेल्प डेस्क लागू कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी थानों में इस तरह के डेस्क बनाये गये हैं जो कि तुरंत प्रभाव से महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों को रोकने में कारगर हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पुलिस ने महिला अपराधों के मामलों में संवेदनशीलता दिखाते हुए महिला हेल्प डेस्क बनाया.जिसकी तस्दीक अब केंद्र भी कर रहा है.

पढ़ें-हैदराबाद एनकाउंटर: दून की महिलाओं ने किया समर्थन, कड़ा कानून लाने की मांग

बता दें कि गृह मंत्रालय ने देश भर में थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना के लिए निर्भया कोष से 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

महिला हेल्प डेस्क, थानों को महिलाओं के लिए और अनुकूल तथा आसानी से पहुंच योग्य बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा क्योंकि पुलिस स्टेशन जाने पर किसी भी महिला के लिए यह पहला और एकल स्थान होगा. थाने में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना और इसे मजबूत करने के लिए निर्भया कोष से 100 करोड़ रुपये आवंटित करने को मंजूरी दी है

गृह मंत्रालय

Intro:summary-देश के गृह मंत्री के बयान पहले ही उत्तराखंड में लागू है, सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क, उत्तराखंड भर्ती महिला अपराध को लेकर पुलिस अतिरिक्त सतर्क।


हैदराबाद व यूपी के उन्नाव और देश के कई राज्य में लगातार महिलाओं के प्रति लगातार बढ़ दुष्कर्म हत्या जैसे जघन्य अपराध को लेकर देश में जहां लगातार आक्रोश व्याप्त है... वहीं इस मामले में जनाक्रोश को देखते जिस तरह गुरुवार संसद में देश के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को रोकथाम के लिए देशभर के सभी पुलिस स्थानों में सुनवाई व त्वरित कार्रवाई के लिए महिला हेल्पलाइन डेस्क अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि इस मामले में उत्तराखंड में लगातार बढ़ते महिला अपराध को देखते हुए देश के गृहमंत्री के बयान से पहले से ही प्रदेश के सभी थाना-कोतवाली में महिला हेल्पलाइन डेस्क को अनिवार्य रूप लागू किया हुआ है. ताकि किसी भी तरह के महिला अपराध के विषय पर तत्काल सुनवाई कर प्रभावी कानूनी कार्रवाई की जा सके।

उधर 2012 निर्भया कांड के बाद देशभर में केंद्र सरकार द्वारा पुलिस विभाग में निर्भया फंड प्रकोष्ठ बनाया गया है, जिसके तहत प्रत्येक जिले के एक थाना या कोतवाली में निर्भया प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है, इस प्रकोष्ठ के तहत महिलाओं को आत्म सुरक्षा सहित अन्य तरह के विषयों पर अतिरिक्त मदद मुहैया कराने का प्रावधान किया गया है। हालांकि जानकारी के मुताबिक देशभर के कई राज्यों में पुलिस विभाग निर्भया फंड को सुचारू रूप से इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है।


Body:उत्तराखंड थानों में स्थापित महिला पुलिस हेल्प डेस्क में एक महिला दरोगा सहित चार महिला कांस्टेबल तैनात

नाबालिग बच्चियों महिलाओं के साथ छेड़छाड़ दुष्कर्म हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए उत्तराखंड पुलिस पहले ही अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए प्रदेश भर के सभी थाना- कोतवाली में कुछ समय पहले ही अनिवार्य रूप से महिला पुलिस हेल्प डेस्क स्थापित लागू किया जा चुका है,ताकि किसी भी महिला के अपराध से जुड़ी शिकायत को तत्काल महिला पुलिस प्रभारियों द्वारा सुनवाई कर तत्काल कार्रवाई को अमल में लाई जा सके। उत्तराखंड के थानों में स्थापित महिला पुलिस हेल्प डेक्स में एक उपनिरीक्षक महिला सहित चार महिला कांस्टेबल को तैनात किया गया है।

महिलाओं के प्रति उत्तराखंड पुलिस पहले से अतिरिक्त सतर्क हैं: DG, LO

मामले में राज्य में अपराधियों कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक उत्तराखंड राज्य में कुछ समय पहले तक थाना कोतवाली में महिलाओं की अलग से सुनवाई के लिए डेस्क नहीं होता था,लेकिन लगातार महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध की संवेदनशीलता को देखते हुए कुछ माह पहले ही पूरे राज्य भर के थानों में पुलिस मुख्यालय द्वारा महिला पुलिस महिला डेस्क अनिवार्य रूप से स्थापित किया जा चुका है। ताकि महिलाओं से जुड़े अपराध को महिला डेस्क की पुलिस प्रभारी व कर्मचारी प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई कर प्रभावी कानूनी कार्रवाई कर सकें।

बाइट- अशोक कुमार,महानिदेशक, अपराध व कानून व्यवस्था


PTC -परमजीत सिंह लांबा


Conclusion:
Last Updated : Dec 6, 2019, 11:55 PM IST
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