देहरादून: मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने गुरुवार को सचिवालय में सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में बैठक ली. मुख्य सचिव ने नेशनल हाईवे, एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी आदि सभी सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि आमजन की सुरक्षा और सड़क दुर्घटनाओं से लोगों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए. उन्होंने सभी अधिकारियों को सड़कों के इंटरसेक्शन में यातायात शान्त करने के उपायों को अपनाने, क्रैश बैरियर लगाने, खतरनाक होर्डिंग्स को हटाने के साथ ही ब्लैक स्पॉट चिन्हित करते हुए उनके सुधारीकरण के कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किए जाने के निर्देश दिए.
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की जिंदगी अनमोल होती है. सड़क दुर्घटनाओं से किसी की जान न जाए, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएं. उन्होंने निर्देश दिए कि सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित सुप्रीम कोर्ट की समिति द्वारा दिए गए सुझावों को शीघ्र से शीघ्र कार्रवाई करते हुए अनुपालन किया जाना सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने सभी सुझावों को उनकी प्राथमिकता तय करते हुए अधिक खतरनाक स्पॉट्स का पहले सुधारीकरण करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित अध्ययन और सुझावों के लिए बेस्ट एक्सपर्ट्स को हायर किया जाए, इसके लिए बजट की चिंता न की जाए. किसी की जान से अधिक कीमती कुछ भी नहीं है.
मुख्य सचिव ने प्रदेश की सभी मेजर और माइनर सड़कों के जंक्शन (जहां पर सड़कें मिलती हैं) का traffic calming measures लागू किए जाने के के साथ ही क्रैश बैरियर्स को आईआरएस स्टैंडर्ड्स के अनुसार लगाए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने क्रैश बैरियर शीघ्र से शीघ्र लगाते हुए एक्सीडेंट प्रॉन क्षेत्रों को प्राथमिकता देने को कहा. जहां जहां क्रैश बैरियर खराब हो गई हैं, शीघ्र बदलने को भी कहा. ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर उनके सुधारीकरण की कार्रवाई भी प्राथमिकता के आधार पर के निर्देश भी मुख्य सचिव ने दिए. उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग को प्राथमिकता पर लेते हुए ब्लैक स्पॉट सुधारीकरण और क्रैश बैरियर इंस्टालेशन का कार्य शीघ्र पूर्ण करने को कहा.
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बैठक में बताया गया कि पीडब्ल्यूडी के अधीन सड़कों में 39 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए थे, जिनमें से 25 का सुधारीकरण कर दिया गया है, 14 में काम चल रहा है. पीडब्ल्यूडी (एनएच) के अन्तर्गत 44 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए, जिनमें से 25 का सुधारीकरण कर दिया गया है, 19 में कार्य प्रगति में है. एनएचएआई में 75 में से 62 का सुधारीकरण किया जा चुका है, 13 में कार्रवाई गतिमान है. एनएचआईडीसीएल और बीआरओ में से क्रमशः 1 और 3 चिन्हित थे जिनका सुधारीकरण किया जा चुका है.