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सर्वोत्तम एग्रो कोऑपरेटिव सोसाइटी करोड़ों का फर्जीवाड़ा करके फरार, ऐसे दिया लोगों को धोखा

देहरादून में केंद्रीय कृषि मंत्रालय से रजिस्टर्ड सोसाइटी बताकर एक कंपनी लोगों की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गई है. सोसाइटी के कारिदों ने कृषि कार्य की जगह RD और FD के नाम पर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी कर दी. सर्वोत्तम एग्रो कोऑपरेटिव सोसाइटी के खिलाफ देहरादून में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. STF की टीमें धोखेबाज कंपनी के अफसरों को पकड़ने में लगी हैं.

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Published : Feb 1, 2022, 1:01 PM IST

देहरादून: भारत सरकार के कृषि मंत्रालय से रजिस्टर्ड सोसाइटी बताकर RD और FD के नाम पर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने करने का मामला सामने आया है. धोखाधड़ी करने वाली कंपनी के खिलाफ देहरादून में मुकदमा दर्ज किया गया है. कंपनी के डायरेक्टर सहित कई लोग फरार हो चुके हैं. STF की टीमें इन धोखेबाजों की धरपकड़ में जुटी हैं.

एग्रो कोऑपरेटिव सोसाइटी बनाकर फर्जीवाड़ा: भारत सरकार के कृषि मंत्रालय से सर्वोत्तम एग्रो कोऑपरेटिव सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन दिखाकर देशभर में RD और FD के माध्यम से करोड़ों रुपए फाइनेंशियल फ्रॉड करने का मामला देहरादून से सामने आया है. यूपी के गाजियाबाद हेडक्वार्टर से संचालित होने वाले इस अंतरराज्यीय गिरोह के खिलाफ देहरादून में एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज किया है.

ये भी पढ़ें: SC और सेबी के फर्जी दस्तावेज के जरिए करोड़ों की भूमि ठिकाने लगाने वाले 3 आरोपी गिरफ्तार

फरार हो गए कंपनी के घपलेबाज अफसर: बताया जा रहा है कि आम जनता की गाढ़ी कमाई पर मोटा मुनाफा देने के लालच में RD और FD के नाम पर फाइनेंशियल फ्रॉड करने वाले इस गिरोह के कार्यालय देहरादून के कैंट, पटेल नगर और ऋषिकेश जैसे स्थानों पर संचालित किए जा रहे थे. फिलहाल ये कार्यालय बंद हैं. इस मामले में एक के बाद एक शिकायत सामने आने के बाद करोड़ों रुपए का गबन कर कंपनी के डायरेक्टर सहित कई लोग फरार हो गए हैं. सर्वोत्तम एग्रो कोऑपरेटिव सोसाइटी के अफसरों की STF तलाश कर रही है.

वर्ष 2014 में केंद्रीय कृषि मंत्रालय से रजिस्टर्ड कराई थी कंपनी: उत्तराखंड STF के अनुसार प्रारंभिक जांच पड़ताल में ये जानकारी सामने आई कि आम जनता का पैसा एफडी (Fixed Deposits) और आरडी (Recurring Deposits) में जमा कर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाली इस फर्जी कम्पनी द्वारा वर्ष 2014 में भारत सरकार के कृषि मंत्रालय से सर्वोत्तम एग्रो कोऑपरेटिव सोसाइटी नाम से
रजिस्ट्रेशन कराया गया था.

कृषि के नाम से रजिस्ट्रेशन, कराने लगे आरडी और एफडी: लेकिन कंपनी डायरेक्टर द्वारा कृषि मंत्रालय से खुद को पंजीकृत कराने के बावजूद कृषि कार्य नहीं किया गया. इसकी जगह आम लोगों से RD और FD के नाम से रकम में ऊंचा मुनाफा दिखाकर करोड़ों की धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया. इस फर्जी कंपनी का हेड ऑफिस यूपी के गाजियाबाद में है. जहां लगातार शिकायतें आने के चलते पुलिस ने वहां भी मुकदमा दर्ज किया है.

ये भी पढ़ें: SC और सेबी के फर्जी दस्तावेज बनाकर 100 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला, पूजा मलिक भेजी गई जेल


करोड़ों की है धोखाधड़ी, यूपी में भी दर्ज है मुकदमा: करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाली इस कंपनी के कुछ कार्यालय देहरादून के ऋषिकेश, पटेलनगर और कैंट आदि जगहों में बनाए गए थे. लेकिन एसटीएफ और पुलिस की कार्रवाई के चलते अब यह आफिस बंद कर आरोपी फरार हो चुके हैं, जिनकी तलाश जारी है. एसटीएफ की फाइनेंशियल फ्रॉड यूनिट द्वारा पटेलनगर में भारी संख्या में लोगों के शिकायती पत्रों के आधार पर फर्जी कंपनी के खिलाफ 420/406 आईपीसी व चिट फंड अधिनियम व उत्तराखंड जमाकर्ता के हितों का सरंक्षण अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया है.

देहरादून: भारत सरकार के कृषि मंत्रालय से रजिस्टर्ड सोसाइटी बताकर RD और FD के नाम पर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने करने का मामला सामने आया है. धोखाधड़ी करने वाली कंपनी के खिलाफ देहरादून में मुकदमा दर्ज किया गया है. कंपनी के डायरेक्टर सहित कई लोग फरार हो चुके हैं. STF की टीमें इन धोखेबाजों की धरपकड़ में जुटी हैं.

एग्रो कोऑपरेटिव सोसाइटी बनाकर फर्जीवाड़ा: भारत सरकार के कृषि मंत्रालय से सर्वोत्तम एग्रो कोऑपरेटिव सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन दिखाकर देशभर में RD और FD के माध्यम से करोड़ों रुपए फाइनेंशियल फ्रॉड करने का मामला देहरादून से सामने आया है. यूपी के गाजियाबाद हेडक्वार्टर से संचालित होने वाले इस अंतरराज्यीय गिरोह के खिलाफ देहरादून में एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज किया है.

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फरार हो गए कंपनी के घपलेबाज अफसर: बताया जा रहा है कि आम जनता की गाढ़ी कमाई पर मोटा मुनाफा देने के लालच में RD और FD के नाम पर फाइनेंशियल फ्रॉड करने वाले इस गिरोह के कार्यालय देहरादून के कैंट, पटेल नगर और ऋषिकेश जैसे स्थानों पर संचालित किए जा रहे थे. फिलहाल ये कार्यालय बंद हैं. इस मामले में एक के बाद एक शिकायत सामने आने के बाद करोड़ों रुपए का गबन कर कंपनी के डायरेक्टर सहित कई लोग फरार हो गए हैं. सर्वोत्तम एग्रो कोऑपरेटिव सोसाइटी के अफसरों की STF तलाश कर रही है.

वर्ष 2014 में केंद्रीय कृषि मंत्रालय से रजिस्टर्ड कराई थी कंपनी: उत्तराखंड STF के अनुसार प्रारंभिक जांच पड़ताल में ये जानकारी सामने आई कि आम जनता का पैसा एफडी (Fixed Deposits) और आरडी (Recurring Deposits) में जमा कर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाली इस फर्जी कम्पनी द्वारा वर्ष 2014 में भारत सरकार के कृषि मंत्रालय से सर्वोत्तम एग्रो कोऑपरेटिव सोसाइटी नाम से
रजिस्ट्रेशन कराया गया था.

कृषि के नाम से रजिस्ट्रेशन, कराने लगे आरडी और एफडी: लेकिन कंपनी डायरेक्टर द्वारा कृषि मंत्रालय से खुद को पंजीकृत कराने के बावजूद कृषि कार्य नहीं किया गया. इसकी जगह आम लोगों से RD और FD के नाम से रकम में ऊंचा मुनाफा दिखाकर करोड़ों की धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया. इस फर्जी कंपनी का हेड ऑफिस यूपी के गाजियाबाद में है. जहां लगातार शिकायतें आने के चलते पुलिस ने वहां भी मुकदमा दर्ज किया है.

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करोड़ों की है धोखाधड़ी, यूपी में भी दर्ज है मुकदमा: करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाली इस कंपनी के कुछ कार्यालय देहरादून के ऋषिकेश, पटेलनगर और कैंट आदि जगहों में बनाए गए थे. लेकिन एसटीएफ और पुलिस की कार्रवाई के चलते अब यह आफिस बंद कर आरोपी फरार हो चुके हैं, जिनकी तलाश जारी है. एसटीएफ की फाइनेंशियल फ्रॉड यूनिट द्वारा पटेलनगर में भारी संख्या में लोगों के शिकायती पत्रों के आधार पर फर्जी कंपनी के खिलाफ 420/406 आईपीसी व चिट फंड अधिनियम व उत्तराखंड जमाकर्ता के हितों का सरंक्षण अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया है.

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