देहरादून: उत्तराखंड में 5000 से ज्यादा प्रत्याशियों की किस्मत की चाबी अब मत पेटियों में बंद है. शनिवार को मतगणना के साथ ही प्रदेश भर में चुनावी परिणाम जारी किए जाएंगे. हालांकि कई सीटों पर चुनावी परिणाम देरी से यानी रविवार को भी जारी हो सकते हैं. हालांकि मतगणना के बाद अब राजनीतिक दल परिणामों को लेकर गुणा भाग करने में जुट गए हैं
सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी समेत तमाम प्रत्याशियों ने अपनी जीत और हार के समीकरणों पर समीक्षा की है. राज्य में खासतौर पर कांग्रेस और भाजपा के बीच ज्यादा सीटों में मुकाबला दिखाई दे रहा है. लिहाजा इन दोनों दलों ने संगठन के स्तर पर मंथन किया है. इसके अलावा मतगणना को लेकर भी यह दोनों दल तैयारी में जुटे हुए हैं.
कांग्रेस पार्टी फिलहाल राज्य में अधिकतर जगहों पर मतदान प्रतिशत कम होने को अपनी मजबूती के रूप में देख रही है और भारतीय जनता पार्टी के मतदाताओं के मतदान स्थलों तक नहीं पहुंचने का भी दावा कर रही है. इसके अलावा पार्टी उन क्षेत्रों को भी चिन्हित कर रही है, जहां पर गड़बड़ी की शिकायतें बेहद ज्यादा मिली हैं. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने बताया कि कांग्रेस ने सभी रिकॉर्ड्स मंगवा लिए हैं और पार्टी सभी समीकरणों पर समीक्षा कर रही है. इसके अलावा मतगणना के लिए भी पार्टी तैयारी कर रही है.
भारतीय जनता पार्टी भी चुनावी समीकरणों को समझने में लगी है. भाजपा का दावा है कि कांग्रेस के भीतर आपसी द्वंद कांग्रेस के लिए मुसीबत बना है और इसने भाजपा की जीत को प्रशस्त किया है. भाजपा नेता प्रकाश सुमन ध्यानी ने बताया कि भाजपा का मैनेजमेंट सबसे बेहतर रहा है और संगठन की इसी तैयारी की बदौलत पार्टी तमाम सीटों पर बड़े मार्जन से जीतने वाली है.
सुमन ध्यानी ने बताया कि कई सीटों पर निर्दलीय और भाजपा के बागियों ने दिक्कत की है, लेकिन सभी समीकरणों को समझकर पहले ही तैयारी करते हुए चुनाव में होने वाले नुकसान को कम करने का भी प्रयास हुआ है. इस तरह राज्य के अधिकतर निकायों में भाजपा जीत हासिल करने जा रही है और चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में रहने वाले हैं.
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