देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड में गोवर्धन पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस मौके पर देहरादून के रायपुर ब्लॉक में मौजूद गोशाला में दूर-दूर से गौ भक्त गोवर्धन पूजा करने पहुंचे. भक्तों ने बड़ी संख्या में यहां पहुंचकर गौ माता के दर्शन किये. सभी ने गौ सेवा कर अपने इस दिन को खास बनाने की कोशिश की.
देहरादून से कुछ ही किलोमीटर दूर रायपुर ब्लॉक में दीपावली के अगले दिन की जाने वाली गोवर्धन पूजा की एक अलग ही छटा देखने को मिली. यहां देहरादून के दूर-दूर क्षेत्रों से पहुंचे गौ भक्तों ने एक जगह मिलकर गोवर्धन पूजा की.
गोवर्धन पूजा करने रायपुर पहुंची डॉक्टर सीता जुयाल ने बताया कि भले ही वे पेशे से डॉक्टर हैं और आधुनिकता में विश्वास रखती है लेकिन वो जो कर रही हैं वो उनके संस्कारों में है. उन्होंने कहा कि उनके संस्कारों में गौ माता को सर्वोपरी रखा गया है. जिसका वे निर्वहन कर रही हैं. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि वे अपना सारा काम छोड़कर गौ सेवा में समर्पित हैं.
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इसी तरह से गौ पूजा करने पहुंची महेश्वरी जोशी ने बताया कि आज का पूरा दिन गौ सेवा के लिए समर्पित है. उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में एकमात्र गौ सेवा ही ऐसा मार्ग है जिससे हम आध्यात्म को अपने जीवन में उतार सकते हैं.
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गोवर्धन पूजा पर आचार्य राम भूषण बिजल्वाण ने बताया कि गोवर्धन पूजा का शाब्दिक अर्थ है गाय का वर्धन यानी गाय का बढ़ावा. उन्होंने बताया कि हिंदू धर्म के अनुसार गाय में 33 करोड़ देवी-देवता वास करते हैं. जिसके अनुसार आध्यात्मिक रूप से गाय पूज्यनीय है. यही नहीं उन्होंने वैज्ञानिक रूप से भी गाय के महत्व को उजागर किया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के बाद सबसे पहले गोवर्धन पूजा होती है उससे साफ जाहिर होता है कि गाय में लक्ष्मी निवास करती हैं.