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गोवर्धन पूजा के दिन लोगों ने की गाय की सेवा, गोशाला में देखने को मिली अलग ही छटा

देहरादून से कुछ ही किलोमीटर दूर रायपुर ब्लॉक में दीपावली के अगले दिन की जाने वाली गोवर्धन पूजा की एक अलग ही छटा देखने को मिली. यहां देहरादून के दूर-दूर क्षेत्रों से पहुंचे गौ भक्तों ने एक जगह मिलकर गोवर्धन पूजा की.

देवभूमि में धूमधाम से मनाया जा रहा गोवर्धन पर्व
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Published : Oct 28, 2019, 6:44 PM IST

Updated : Oct 28, 2019, 7:25 PM IST

देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड में गोवर्धन पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस मौके पर देहरादून के रायपुर ब्लॉक में मौजूद गोशाला में दूर-दूर से गौ भक्त गोवर्धन पूजा करने पहुंचे. भक्तों ने बड़ी संख्या में यहां पहुंचकर गौ माता के दर्शन किये. सभी ने गौ सेवा कर अपने इस दिन को खास बनाने की कोशिश की.

देवभूमि में धूमधाम से मनाया जा रहा गोवर्धन पर्व

देहरादून से कुछ ही किलोमीटर दूर रायपुर ब्लॉक में दीपावली के अगले दिन की जाने वाली गोवर्धन पूजा की एक अलग ही छटा देखने को मिली. यहां देहरादून के दूर-दूर क्षेत्रों से पहुंचे गौ भक्तों ने एक जगह मिलकर गोवर्धन पूजा की.

गोवर्धन पूजा करने रायपुर पहुंची डॉक्टर सीता जुयाल ने बताया कि भले ही वे पेशे से डॉक्टर हैं और आधुनिकता में विश्वास रखती है लेकिन वो जो कर रही हैं वो उनके संस्कारों में है. उन्होंने कहा कि उनके संस्कारों में गौ माता को सर्वोपरी रखा गया है. जिसका वे निर्वहन कर रही हैं. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि वे अपना सारा काम छोड़कर गौ सेवा में समर्पित हैं.

पढ़ें-शहर में नहीं थम रहा डेंगू का आतंक, 55 नये मरीजों में डेंगू की पुष्टि

इसी तरह से गौ पूजा करने पहुंची महेश्वरी जोशी ने बताया कि आज का पूरा दिन गौ सेवा के लिए समर्पित है. उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में एकमात्र गौ सेवा ही ऐसा मार्ग है जिससे हम आध्यात्म को अपने जीवन में उतार सकते हैं.

पढ़ें-नैनीताल: राज्यपाल की सुरक्षा में तैनात दो जवानों की सड़क हादसे में मौत

गोवर्धन पूजा पर आचार्य राम भूषण बिजल्वाण ने बताया कि गोवर्धन पूजा का शाब्दिक अर्थ है गाय का वर्धन यानी गाय का बढ़ावा. उन्होंने बताया कि हिंदू धर्म के अनुसार गाय में 33 करोड़ देवी-देवता वास करते हैं. जिसके अनुसार आध्यात्मिक रूप से गाय पूज्यनीय है. यही नहीं उन्होंने वैज्ञानिक रूप से भी गाय के महत्व को उजागर किया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के बाद सबसे पहले गोवर्धन पूजा होती है उससे साफ जाहिर होता है कि गाय में लक्ष्मी निवास करती हैं.

देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड में गोवर्धन पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस मौके पर देहरादून के रायपुर ब्लॉक में मौजूद गोशाला में दूर-दूर से गौ भक्त गोवर्धन पूजा करने पहुंचे. भक्तों ने बड़ी संख्या में यहां पहुंचकर गौ माता के दर्शन किये. सभी ने गौ सेवा कर अपने इस दिन को खास बनाने की कोशिश की.

देवभूमि में धूमधाम से मनाया जा रहा गोवर्धन पर्व

देहरादून से कुछ ही किलोमीटर दूर रायपुर ब्लॉक में दीपावली के अगले दिन की जाने वाली गोवर्धन पूजा की एक अलग ही छटा देखने को मिली. यहां देहरादून के दूर-दूर क्षेत्रों से पहुंचे गौ भक्तों ने एक जगह मिलकर गोवर्धन पूजा की.

गोवर्धन पूजा करने रायपुर पहुंची डॉक्टर सीता जुयाल ने बताया कि भले ही वे पेशे से डॉक्टर हैं और आधुनिकता में विश्वास रखती है लेकिन वो जो कर रही हैं वो उनके संस्कारों में है. उन्होंने कहा कि उनके संस्कारों में गौ माता को सर्वोपरी रखा गया है. जिसका वे निर्वहन कर रही हैं. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि वे अपना सारा काम छोड़कर गौ सेवा में समर्पित हैं.

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इसी तरह से गौ पूजा करने पहुंची महेश्वरी जोशी ने बताया कि आज का पूरा दिन गौ सेवा के लिए समर्पित है. उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में एकमात्र गौ सेवा ही ऐसा मार्ग है जिससे हम आध्यात्म को अपने जीवन में उतार सकते हैं.

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गोवर्धन पूजा पर आचार्य राम भूषण बिजल्वाण ने बताया कि गोवर्धन पूजा का शाब्दिक अर्थ है गाय का वर्धन यानी गाय का बढ़ावा. उन्होंने बताया कि हिंदू धर्म के अनुसार गाय में 33 करोड़ देवी-देवता वास करते हैं. जिसके अनुसार आध्यात्मिक रूप से गाय पूज्यनीय है. यही नहीं उन्होंने वैज्ञानिक रूप से भी गाय के महत्व को उजागर किया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के बाद सबसे पहले गोवर्धन पूजा होती है उससे साफ जाहिर होता है कि गाय में लक्ष्मी निवास करती हैं.

Intro:एंकर- देवभूमि उत्तराखंड में गोवर्धन का पर्व को उत्सव के रूप में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर देहरादून के रायपुर ब्लॉक में मौजूद गौशाला में दूर-दूर से गौ भक्त गोवर्धन पूजा करने के लिए जुटे जहां गौमाता को लेकर अटूट आस्था देखने को मिली।


Body:वीओ- देहरादून से कुछ ही किलोमीटर दूर रायपुर ब्लॉक में दीपावली के अगले दिन मनाए जाने वाली गोवर्धन पूजा की एक अलग ही छटा देखने को मिली। जहां देहरादून के दूर-दूर क्षेत्रों से पहुंचे गौ भक्तों ने एक जगह मिलकर गो गोवर्धन पूजा को उत्सव के रूप में मनाया। इस मौके पर सैकड़ों महिला और पुरुष गौ भक्तों ने गौ माता की पूजा की साथ ही देवभूमि और हिंदू समाज के प्रति गांव की महत्व को आपस में साझा किया।

गोवर्धन पूजा पर पहुंची डॉक्टर सीता जुयाल ने बताया कि भले ही हो पेशे से डॉक्टर है और आधुनिकता पर विश्वास रखती है लेकिन उन्होंने कहा कि उनके बचपन से संस्कार है जिनमें गो के महत्व को सर्वोपरि रखा गया है जिसको देखते हुए वह आज अपना सारा काम छोड़ कर गौ सेवा में समर्पित कर रही हैं।

इसी तरह से गौ पूजा करने पहुंची महेश्वरी जोशी ने बताया कि वह काफी दूर से गौ पूजा करने के लिए यहां पहुंची है और यह दिन पूरी तरह से गौ सेवा के लिए समर्पित है उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में एकमात्र गौ सेवा ही ऐसा मार्ग है जिससे हम अध्यात्म को अपने जीवन में उतार सकते हैं।

गोवर्धन पूजा पर हमने आचार्य राम भूषण बिजल्वाण से भी बातचीत करी और उनसे गोवर्धन पूजा का महत्व जाना। आचार्य राम भूषण बिजलवान ने बताया कि गोवर्धन पूजा का शाब्दिक अर्थ है गाय का वर्धन यानी गाय का बढ़ावा। उन्होंने बताया कि हिंदू धर्म में के अनुसार गाय में 33 करोड़ देवी देवता वास करते हैं जिसके अनुसार आध्यात्मिक रूप से गाय पूजनीय है। यही नहीं उन्होंने वैज्ञानिक रूप से भी गाय के महत्व को उजागर किया उन्होंने कहा कि जिस तरह से दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के बाद सबसे पहले गोवर्धन पूजा होती है तो इससे साफ जाहिर होता है कि गाय हमारी गाय में लक्ष्मी निवास करती है।

वॉक थ्रो गोवर्धन पूजा




Conclusion:
Last Updated : Oct 28, 2019, 7:25 PM IST
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