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अस्पताल ने थमाया लाखों का बिल, परिजनों ने पुलिस और सीएमओ से लगाई मदद की गुहार

राजधानी देहरादून के जगदम्बा अस्पताल में भर्ती डेंगू के मरीज के तीमारदारों को अस्पताल प्रशासन ने 6 दिन में लगभग एक लाख रुपये का बिल थमा दिया है. जिसके बाद तीमारदारों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया और देहरादून पुलिस और सीएमओ से मदद की गुहार लगाई है.

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Published : Sep 12, 2019, 7:17 AM IST

अस्पताल ने थमाया लाखों का बिल.

देहरादून: अक्सर विवादों में रहने वाला जगदम्बा अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है. ताजा मामले में एक डेंगू के मरीज के तीमारदारों ने अस्पताल पर धोखाधड़ी कर ज्यादा बिल थमाने का आरोप लगातो हुए जमकर हंगामा किया. हंगामा की सूचना मिलते ही डिप्टी सीएमओ मौके पर पहुंचे. जिसके बाद तीमारदारों ने पुलिस और सीएमओ देहरादून से शिकायत कर मदद की गुहार लगाई है.

अस्पताल ने थमाया लाखों का बिल.

गौरतलब है कि जगदम्बा अस्पताल में एक डेंगू के मरीज को पिछले 6 दिनों से आईसीयू में भर्ती किया हुआ है. बावजूद उसकी हालत में कोई सुधर नहीं हुआ. मरीज के तीमारदारों और उसके पति का आरोप है महंत इंद्रेश मेडिकल कॉलेज से मरीज को एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया था. लेकिन इंद्रेश से चलते ही एम्बुलेंस चालक ने जगदम्बा अस्पताल की तारीफ में कशीदे पढ़ते हुए मरीज को इस अस्पताल में भर्ती करवा दिया.

पढ़ें: सर्राफा व्यापारी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, पुलिस जांच में जुटी

मरीज के परिजनों ने बताया कि भर्ती के समय अस्पताल प्रशासन ने 3 हजार प्रतिदिन का खर्च बताया था. लेकिन छठे दिन ही एक लाख से ऊपर का बिल थमा दिया गया है. उन्होंने कहा कि कुछ पैसा जमा भी कर दिया है, लेकिन अस्पताल पूरे भुगतान के बाद ही डिस्चार्ज करने की बात कह रहा है. साथ ही मरीज से भी मिलने नहीं दिया जा रहा है.

बता दें मरीज की माली हालत काफी नाजुक है. भर्ती मरीज और उसका पति दोनों ही विक्लांग है. मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज करने के लिए तीमारदारों ने पुलिस और सीएमओ देहरादून से शिकायत कर मदद की गुहार लगाई है.

देहरादून: अक्सर विवादों में रहने वाला जगदम्बा अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है. ताजा मामले में एक डेंगू के मरीज के तीमारदारों ने अस्पताल पर धोखाधड़ी कर ज्यादा बिल थमाने का आरोप लगातो हुए जमकर हंगामा किया. हंगामा की सूचना मिलते ही डिप्टी सीएमओ मौके पर पहुंचे. जिसके बाद तीमारदारों ने पुलिस और सीएमओ देहरादून से शिकायत कर मदद की गुहार लगाई है.

अस्पताल ने थमाया लाखों का बिल.

गौरतलब है कि जगदम्बा अस्पताल में एक डेंगू के मरीज को पिछले 6 दिनों से आईसीयू में भर्ती किया हुआ है. बावजूद उसकी हालत में कोई सुधर नहीं हुआ. मरीज के तीमारदारों और उसके पति का आरोप है महंत इंद्रेश मेडिकल कॉलेज से मरीज को एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया था. लेकिन इंद्रेश से चलते ही एम्बुलेंस चालक ने जगदम्बा अस्पताल की तारीफ में कशीदे पढ़ते हुए मरीज को इस अस्पताल में भर्ती करवा दिया.

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मरीज के परिजनों ने बताया कि भर्ती के समय अस्पताल प्रशासन ने 3 हजार प्रतिदिन का खर्च बताया था. लेकिन छठे दिन ही एक लाख से ऊपर का बिल थमा दिया गया है. उन्होंने कहा कि कुछ पैसा जमा भी कर दिया है, लेकिन अस्पताल पूरे भुगतान के बाद ही डिस्चार्ज करने की बात कह रहा है. साथ ही मरीज से भी मिलने नहीं दिया जा रहा है.

बता दें मरीज की माली हालत काफी नाजुक है. भर्ती मरीज और उसका पति दोनों ही विक्लांग है. मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज करने के लिए तीमारदारों ने पुलिस और सीएमओ देहरादून से शिकायत कर मदद की गुहार लगाई है.

Intro:राजधानी देहरादून में इलाज के नाम पर कुछ अस्पतालों का गोरखधंधा धड़ल्ले से फल फूल रहा है ऐसा ही एक मामला विधानसभा के पास चल रहे जगदम्बा अस्पताल का सामने आया है!जहा डेंगू पीड़ित मरीज को भर्ती करने के बाद आज डॉक्टरों द्वारा जवाब दे दिया गया साथ ही बिल से अधिक भुगतान के लिए परिजनों को कह दिया!जिसके तहत आज ने परिजनों ने अस्पताल में जोरदार प्रदर्शन किया,मोके पर आये डिप्टी सीएमओ से गुहार लगाई !Body:अक्सर  अपनी खामियों की बजह से मशहूर  रहने वाला जगदम्बा अस्पताल एकबार फिर सुर्खियों में है यँहा एक डेंगू के मरीज को पिछले 6 दिनों से आईसीयू में भर्ती किया गया है लेकिन   हालत में अभी भी कोई सुधर नहीं है!मरीज के तीमारदारों और  उसके पति का आरोप है महन्त इन्द्रेश मेडिकल कॉलेज से मरीज को एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया  था लेकिन इन्द्रेश से चलते ही एम्बुलेन्स चालक ने जगदम्बा अस्पताल की तारीफ में कशीदे पढ़ते हुए इस अस्पताल में भर्ती करवा दिया!भर्ती के समय अस्पताल के द्वारा 3 हजार प्रतिदिन का खर्च बताया गया था लेकिन आज छठे दिन ही एक लाख से ऊपर का बिल पहुंच चुका है कुछ पैसा जमा  भी कर दिया  है लेकिन अस्पताल  पूरे भुगतान की बात कह के  डिस्चार्ज नहीं कर रहा है और न ही मरीज से मिलने दिया जा रहा है!अस्पताल के द्वारा तीमारदारों को गुमराह किया जा रहा है। ...... यँहा आप को बतादे मरीज की माली हालत काफी नाजुक है और भर्ती मरीज और उसका पति दोनों ही बिक्लांग भी है  अपने मरीज को अस्पताल से छुड़वाने के लिए मरीज के तीमारदारों ने पुलिस और सीएमओ देहरादून से शिकायत कर मदद की गुहार लगायी। साथ ही मरीज के परिजनों ने अस्पताल के बाहर हंगामा करते हुए अस्पताल के खिलाफ नारेबाजी की। 
इस अस्पताल के कारनामे ऐसे है कि यँहा पर एम्स ऋषिकेश , दून मेडिकल कॉलेज महन्त इन्द्रेश  जैसे बड़े अस्पतालो से मरीज अपना इलाज कराने आते है जबकि ये छोटा सा अस्पताल है अस्पताल का मालिक अपने आप को नेता बताता है इससे पहले भी इस अस्पताल पर कई बार मरीजों ने आरोप लगाए है लेकिन रसूखदार होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं होती सीएमओ भी शिकायत मिलने पर जाँच की बात कहते रहते है। .... अगर सूत्रों की माने तो यँहा पर कार्यरत स्टाफ के पेपर किसी और के जमा है काम कोई और करता है मेडिकल स्टोर चलता है लेकिन लाइसेंस से कोई लेना देना नहीं है राजधानी में इस तरह के और भी कई अस्पताल है जिन्होंने ये धन्धा बना लिया है लेकिन प्रशासन किसी अस्पताल की बिना शिकायत के उसका भौतिक परिक्षण तक करने की जहमत नहीं उठा रहा है।  

बाइट- मोहम्मद नौशाद , मरीज का पति बाइट- फैजल मरीज का भाई
बाइट- फैजल(मरीज का भाई)
Conclusion:यँहा आप को बतादे राजधानी में दलालों के सहारे कई ऐसे अस्पताल चल रहे है जिनका कभी कोई मालिक बदल जाता है कभी उनकी जगह..... इन अस्पतालों का स्वास्थ्य सेवाएं देने से कोई लेना देना नहीं है इनका  काम सिर्फ मरीजों की मज़बूरी का फायदा उठाना है अब देखना ये होगा कि इसबार इस अस्पताल की जाँच कहा तक होती है।   
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