देहरादून/नैनाताल: उत्तराखंड में भीषण बारिश और बाढ़ के हालातों के चलते अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है. 11 लोग इस आपदा में अब तक लापता बताए जा रहे हैं. प्रदेश में रेस्क्यू अभियान पूरा हो चुका है, लेकिन अभी भी चार धाम यात्रा में फंसे 65 लोगों को सुरक्षित निकालने का प्रयास जारी है.
रेस्क्यू हुआ पूरा, चार धाम मार्ग पर फोकस: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए आपदा सचिव एस मुरुगेशन ने बताया कि पिछले 3 दिनों से लगातार बारिश के बाद प्रदेश में हालात गंभीर हैं. नैनीताल जिले में सबसे ज्यादा मौत के आंकड़े सामने आए हैं. अब तक पूरे प्रदेश में 53 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 11 लोग लापता हैं.
एस मुरुगेशन ने बताया अभी मौत के आंकड़ों में इजाफा हो सकता है. उन्होंने बताया अब किसी भी तरह का कोई रेस्क्यू अभियान नहीं चलाया जा रहा है. जहां पर लोग फंसे हुए थे और हालात गंभीर थे वहां से लोगों को निकाल दिया गया है. कई जगहों पर अब बरसात रुकने के बाद पानी खुद ही कम हो चुका है. ऐसे में आपदा प्रबंधन का पूरा फोकस चारधाम यात्रा मार्ग पर अलग-अलग जगहों में फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने पर है.
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आपदा राहत सचिव ने बताया कि चारधाम यात्रा मार्ग पर कई जगहों पर सड़क भूस्खलन के चलते बंद है. जिसे तत्काल प्रभाव से खोला जा रहा है. वहीं एक व्यवस्थित तरीके से यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह पर भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि चारधाम यात्रा मार्ग पर तोताघाटी, लामबगड़ सहित कई लैंडस्लाइड प्रोन एरियाज में मार्ग बाधित हैं. जिन्हें त्वरित कार्रवाई के तहत खोला जा रहा है.
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कहीं फसे हैं तो इन नम्बरों पर करें कॉल: 3 दिन से लगातार हो रही बारिश के बाद प्रदेश के मैदान के तराई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए थे, जो कि अब धीरे-धीरे सामान्य होते जा रहे हैं. कई जगह पर जलभराव के कारण भारी नुकसान हुआ है.
ये हैं हेल्पलाइन नंबर
वहीं, अब सबसे ज्यादा चार धाम यात्रा पर आए यात्रियों को लेकर आपदा प्रबंधन का फोकस है. खासतौर से यात्रा रूट पर अलग-अलग जगहों पर मौजूद यात्रियों को अगर किसी तरह की कोई परेशानी होती है, तो वो स्टेट डिजास्टर कंट्रोल रूम नंबर- 112, 1070, 1077 पर फोन कर मदद ले सकते हैं.
ये हैं हेल्पलाइन नंबर
नैनीताल एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी ने बताया कि अभी तक 2,550 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया. जिसमें फंसे हुए पर्यटक, घरों में फंसे हुए लोग, रास्ते में फंसे हुए यात्री शामिल हैं. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान गरम पानी में हुआ है. जहां 600 लोगों को रेस्क्यू कर एक स्कूल में रखा गया है. जहां खाने पीने की व्यवस्था की जा रही है.