नई दिल्ली : कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय फेलोशिप के दूसरे चरण की शुरुआत की. दो वर्षीय फेलोशिप का मकसद युवाओं के लिए अवसर सृजित करना और जमीनी स्तर पर कौशल विकास को बढ़ाना है.
'फेलोशिप' के तहत शैक्षणिक भागीदार आईआईएम (भारतीय प्रबंधन संस्थान) द्वारा कक्षा सत्रों को जिला स्तर पर क्षेत्र में व्यापक अनुभव के साथ संयोजित करने का प्रयास किया गया है. इसका उद्देश्य रोजगार, आर्थिक उत्पादन बढ़ाने और आजीविका को प्रोत्साहन देने के लिए विश्वसनीय योजनाएं बनाने तथा इनसे जुड़ी बाधाओं की पहचान करना है.
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इस मौके पर प्रधान ने संबंधित पेशेवरों (फेलो) से कौशल विकास के प्रयासों से जमीनी स्तर पर सामाजिक बदलाव के प्रेरक के रूप में काम करने का आह्वान किया. उन्होंने जिलाधिकारियों और शैक्षणिक भागीदार आईआईएम से इस फेलोशिप के माध्यम से पेशेवरों को सहूलियत देने और बदलाव की एक सफल कहानी लिखने का आह्वान किया.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहे प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हम आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा, 'विविध क्षेत्रों में व्यापक बदलाव से नए कौशल और ज्यादा कुशल पेशेवरों की मांग बढ़ेगी. यह जिला स्तर पर कौशल की पहचान और कौशल विकास प्रयासों को निर्देशित करने की आवश्यकता को बताता है.'
(पीटीआई-भाषा)