काशीपुर: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के केंद्रीय संरक्षक अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) उत्तराखंड के काशीपुर दौरे पर हैं. पंतनगर एयरपोर्ट (Pantnagar Airport) पर अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) का कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. अरविंद केजरीवाल के दौरे को लेकर कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.
इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि आप की सरकार बनने पर उत्तराखंड की 18 साल से ऊपर की हर महिला को 1000 रुपये दिए जाएंगे. केजरीवाल ने यह एलना किया कि यह राशि विधवा पेंशन और अन्य सहायता राशि से अलग होगी. अरविंद केजरीवाल ने प्रदेशवासियों से बड़ा वादा करते हुए 6 नए जिले बनाने की भी घोषणा की है. केजरीवाल ने कहा कि 'प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार आने पर 6 माह के भीतर काशीपुर समेत 6 अन्य जिले बनाए जाएंगे'.
अरविंद केजरीवाल का उत्तराखंंड का यह पांचवां दौरा है. इससे पहले अरविंद केजरीवाल कुल चार बार उत्तराखंड का दौरा कर चुके हैं. गौर हो कि प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तमाम पार्टियों ने तैयारियां तेज कर दी हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal tour Kashipur) सुबह 11 बजे पंतनगर हवाई अड्डे पहुंचे. यहां आप कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया. यहां से वो काशीपुर रवाना हुए.
अरविंद केजरीवाल ने काशीपुर (Arvind Kejriwal in kashipur) में महिलाओं के साथ सीधा संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस संवाद कार्यक्रम के बाद दोपहर 3 बजे केजरीवाल काशीपुर के रामलीला मैदान में विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे. उसके बाद 4:30 बजे हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान करेंगे. शाम 6 बजे अरविंद केजरीवाल दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
निशंक के शासनकाल में नए जिलों की कवायत
साल 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 4 जिले बनाए जाने की घोषणा की थी. इसमें गढ़वाल मंडल में 2 जिले (कोटद्वार, यमुनोत्री) और कुमाऊं मंडल में 2 जिले (रानीखेत, डीडीहाट) बनाने की बात कही थी. लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के पद से हटते ही यह मामला ठंडे बस्ते में चला.
यही नहीं, इसके बाद विजय बहुगुणा की सरकार ने इस मामले को अध्यक्ष राजस्व परिषद की अध्यक्षता में नई प्रशासनिक इकाइयों के गठन संबंधी आयोग के हवाले कर दिया. साल 2016 में मुख्यमंत्री बदलने के बाद हरीश रावत सत्ता पर काबिज हुए और उन्होंने एक बार फिर 8 नए जिले बनाने की कवायत शुरू कर एक सियासी दांव खेला. नए 8 जिलों (डीडीहाट, रानीखेत, रामनगर, काशीपुर, कोटद्वार, यमुनोत्री, रुड़की, ऋषिकेश) को बनाने का खाका भी तैयार कर लिया गया था.
हरीश सरकार ने की थी बजट की व्यवस्था
कांग्रेस सरकार में पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी नए जिलों के गठन के लिए 2016 के बजट में 100 करोड़ की व्यवस्था करने की बात की थी. हालांकि, इसके बाद कांग्रेस में राजनीतिक उठापटक शुरू हुई और 4 जिलों की मांग फिर से ठंडे बस्ते में डाल दी गई. भाजपा सरकार के पिछले साढ़े 4 साल के कार्यकाल में भी कई बार स्थानीय लोगों ने सड़क पर उतरकर आंदोलन किए.
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इस बार फिर अब पूर्व सीएम हरीश रावत ने नए जिलों की मांग पर एक नया दांव खेला है. हरीश रावत ने 4 जिलों कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत और डीडीहाट की जगह 9 जिले जिनमें नरेंद्र नगर, काशीपुर, गैरसैंण, वीरोंखाल, खटीमा भी जोड़ दिए हैं. जिससे एक बार फिर स्थानीय लोगों के मन में चुनावी साल में नए जिले को लेकर भावनाएं जगनी तय है.
एक जिले के निर्माण में 150 से 200 करोड़ के व्यय का आकलन
साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के शासनकाल में नए जिलों के गठन के लिए बनाए गए आयोग ने एक नए जिले के निर्माण में करीब 150 से 200 करोड़ रुपए के व्यय का आकलन किया था. यानी उस दौरान 4 नए जिले बनाने की बात चल रही थी. लिहाजा उस दौरान चार नए जिले बनाए जाते तो राज्य पर करीब 600 से 800 करोड़ तक का अतिरिक्त भार पड़ता.
इससे पहले भी घोषणा कर चुके हैं केजरीवाल
उत्तराखंड में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सबसे पहले 300 यूनिट फ्री बिजली देने का वादा किया था. ये घोषणा आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड के पहले दौरे के दौरान की थी. इसके साथ ही उन्होंने गलत बिजली का बिल यानी पुराने बिजली के बिल माफ करने का वादा भी किया था. इसके पहले आप ने उत्तराखंड के लोगों को मुफ्त में तीर्थ यात्रा कराने की घोषणा भी की थी. अगले दौरे में अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड को देश की धार्मिक राजधानी बनाने की घोषणा की थी.