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पीके ने कसा तंज, लखीमपुर के बाद कांग्रेस की वापसी, बहुत बड़ी गलतफहमी !

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Published : Oct 8, 2021, 3:51 PM IST

Updated : Oct 8, 2021, 4:37 PM IST

बिना नाम लिए ही कांग्रेस और टीएमसी के बीच ट्विट वार शुरू हो गया है. चुनावी रणनीतिकार और टीएमसी के करीब माने जाने वाले प्रशांत किशोर ने बिना नाम लिए ही कहा कि लखीमपुर खीरी घटना के आधार पर अगर कोई राजनीतिक बढ़त की उम्मीद कर रहा है, तो यह उसकी बहुत बड़ी गलतफहमी है. इस पर छत्तीसगढ़ के सीएम ने तीखा प्रहार किया है.

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पीके

हैदराबाद : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिना नाम लिए ही कांग्रेस पार्टी पर तीखा तंज कसा है. उन्होंने कहा कि अगर लखीमपुर खीरी घटना के बाद सक्रियता दिखाने से विपक्ष को बढ़त मिल जाएगी, ऐसा कोई सोचता है, तो वह बहुत बड़ी गलतफहमी पाल रहा है. उनके इस ट्वीट से यह भी साफ हो गया है कि वह कांग्रेस ज्वाइन नहीं करने जा रहे हैं. हालांकि, कुछ दिनों पहले तक यह चर्चा थी कि पीके कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने तब कहा था कि पीके कांग्रेस में आते हैं, तो उनका स्वागत होगा. लेकिन आज के ट्वीट से लगता है कि पीके और कांग्रेस के बीच बात नहीं बनी. अब तो कहा जा रहा है कि कहीं पीके ने टीएमसी के इशारे पर तो टिप्पणी नहीं की है.

पीके ने ट्वीट किया कि विपक्षी पार्टी (कांग्रेस) के सामने गंभीर समस्या है. ढांचागत बदलाव की जरूरत है. समाधान जड़ से ही खोजनी होगी. दुर्भाग्यवश इसका को क्विक-फिक्स (तुरंत) समाधान नहीं है. एक आंदोलन और पार्टी खड़ी हो जाएगी, ऐसा नहीं होता है.

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प्रशांत किशोर का ट्वीट

आपको बता दें कि प. बंगाल में टीएमसी की जीत में पीके की बहुत बड़ी भूमिका मानी जाती है. पीके ने चुनाव से पहले ही यह कहकर सबको चौंका दिया था कि भाजपा 100 सीट से नीचे रहेगी और ऐसा नहीं होता है, तो वह अपना काम छोड़ देंगे. तब सबने पीके के इस बयान पर हैरानी जताई थी.

लेकिन परिणाम सामने आने पर सबने पीके की दाद मान ली. उसके बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेजी से पकड़ी कि वह या तो टीएमसी ज्वाइन कर सकते हैं या फिर कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे. उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात भी की थी.

हालांकि, पिछले यूपी विधानसभा चुनाव में जब सपा और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था, तब पीके ने उनके लिए रणनीति बनाई थी. लेकिन वे सफल नहीं हो सके थे.

पीके के इस ट्वीट पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टिप्पणी की है. उन्होंने लिखा कि कुछ लोग (उनका इशारा टीएमसी पर था) कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को मिलाकर राष्ट्रीय विकल्प तैयार करना चाहते हैं. ये वैसे नेता हैं, जो अपने आप चुनाव भी नहीं जीत सकते हैं. उन्हें निराशा ही हाथ लगेगी.

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छत्तीसगढ़ के सीएम का ट्वीट

बघेल ने आगे लिखा कि राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प बनने के लिए सम्मिलित प्रयास की जरूरत है. कोई क्विक-फिक्स समाधान नहीं होता है.

आपको बता दें कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में प्रदर्शनकारी किसानों की मौत के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को मौके पर जाते समय हिरासत में लिया गया था और वह दो दिनों तक पुलिस की अभिरक्षा में थीं. इसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी.

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में गत रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

हैदराबाद : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिना नाम लिए ही कांग्रेस पार्टी पर तीखा तंज कसा है. उन्होंने कहा कि अगर लखीमपुर खीरी घटना के बाद सक्रियता दिखाने से विपक्ष को बढ़त मिल जाएगी, ऐसा कोई सोचता है, तो वह बहुत बड़ी गलतफहमी पाल रहा है. उनके इस ट्वीट से यह भी साफ हो गया है कि वह कांग्रेस ज्वाइन नहीं करने जा रहे हैं. हालांकि, कुछ दिनों पहले तक यह चर्चा थी कि पीके कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने तब कहा था कि पीके कांग्रेस में आते हैं, तो उनका स्वागत होगा. लेकिन आज के ट्वीट से लगता है कि पीके और कांग्रेस के बीच बात नहीं बनी. अब तो कहा जा रहा है कि कहीं पीके ने टीएमसी के इशारे पर तो टिप्पणी नहीं की है.

पीके ने ट्वीट किया कि विपक्षी पार्टी (कांग्रेस) के सामने गंभीर समस्या है. ढांचागत बदलाव की जरूरत है. समाधान जड़ से ही खोजनी होगी. दुर्भाग्यवश इसका को क्विक-फिक्स (तुरंत) समाधान नहीं है. एक आंदोलन और पार्टी खड़ी हो जाएगी, ऐसा नहीं होता है.

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प्रशांत किशोर का ट्वीट

आपको बता दें कि प. बंगाल में टीएमसी की जीत में पीके की बहुत बड़ी भूमिका मानी जाती है. पीके ने चुनाव से पहले ही यह कहकर सबको चौंका दिया था कि भाजपा 100 सीट से नीचे रहेगी और ऐसा नहीं होता है, तो वह अपना काम छोड़ देंगे. तब सबने पीके के इस बयान पर हैरानी जताई थी.

लेकिन परिणाम सामने आने पर सबने पीके की दाद मान ली. उसके बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेजी से पकड़ी कि वह या तो टीएमसी ज्वाइन कर सकते हैं या फिर कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे. उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात भी की थी.

हालांकि, पिछले यूपी विधानसभा चुनाव में जब सपा और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था, तब पीके ने उनके लिए रणनीति बनाई थी. लेकिन वे सफल नहीं हो सके थे.

पीके के इस ट्वीट पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टिप्पणी की है. उन्होंने लिखा कि कुछ लोग (उनका इशारा टीएमसी पर था) कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को मिलाकर राष्ट्रीय विकल्प तैयार करना चाहते हैं. ये वैसे नेता हैं, जो अपने आप चुनाव भी नहीं जीत सकते हैं. उन्हें निराशा ही हाथ लगेगी.

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छत्तीसगढ़ के सीएम का ट्वीट

बघेल ने आगे लिखा कि राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प बनने के लिए सम्मिलित प्रयास की जरूरत है. कोई क्विक-फिक्स समाधान नहीं होता है.

आपको बता दें कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में प्रदर्शनकारी किसानों की मौत के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को मौके पर जाते समय हिरासत में लिया गया था और वह दो दिनों तक पुलिस की अभिरक्षा में थीं. इसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी.

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में गत रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

Last Updated : Oct 8, 2021, 4:37 PM IST
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