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सुशांत मामला : रिया और बिहार सरकार ने कोर्ट में पेश किए अपने लिखित अभिवेदन

रिया चक्रवर्ती और बिहार सरकार ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में पटना में दर्ज प्राथमिकी मुंबई स्थानांतरित करने के लिए दायर रिया की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में लिखित अभिवेदन दिए. पूरी खबर...

sushant singh rajput suicide case
सुशांत सिंह मामला
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Published : Aug 13, 2020, 7:08 AM IST

Updated : Aug 13, 2020, 2:01 PM IST

नई दिल्ली : बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और बिहार सरकार ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में पटना में दर्ज प्राथमिकी मुंबई स्थानांतरित करने के लिए दायर रिया की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में लिखित अभिवेदन दिए. पटना में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में राजपूत के पिता ने रिया और उसके परिवार के सदस्यों सहित छह अन्य लोगों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं.

बिहार सरकार ने अधिवक्ता केशव मोहन के जरिए पेश किए गए अपने लिखित अभिवेदन में चक्रवर्ती की याचिका को खारिज करने का अनुरोध करते हुए कहा, 'जांच का जिम्मा संभालने और इसे तेजी से निपटाने के सीबीआई के रास्ते में किसी भी प्रकार की बाधा डालने की अनुमित नहीं दी जाएगी.'

वहीं चक्रवर्ती ने अपने लिखित अभिवेदन में कहा कि बिहार पुलिस के आदेश पर जांच का जिम्मा सीबीआई को स्थानांतरित किया जाना अधिकार क्षेत्र में नहीं आता.

भाजपा नेता और अधिवक्ता अजय अग्रवाल की इस जनहित याचिका पर प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई कर रही है.

शीर्ष अदालत इससे पहले 30 जुलाई और सात अगस्त को इसी तरह की अलका प्रिया और मुंबई के कानून के छात्र द्विवेन्द्र देवतादीन दुबे की जनहित याचिकायें खारिज कर चुकी हैं.

न्यायालय ने सात अगस्त को दुबे की याचिका खारिज करते हुए कहा था, 'मृतक के पिता इस मामले को आगे बढ़ा रहे हैं. ऐसी कोई वजह नहीं है कि वह इसे ठीक से आगे नहीं बढ़ाऐंगे. इस मामले में आप एक अनजान व्यक्ति हैं और आप अनावश्यक ही इसमें आ रहे हैं. हम इसकी अनुमति नहीं देंगे.'


बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का शव 14 जून को मुंबई के उपनगर बांद्रा में स्थित उनके मकान की छत से लटका मिला था. इसके बाद से ही मुंबई पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और अब तक कम से कम 56 व्यक्तियों के बयान दर्ज कर चुकी है.

इस मामले में सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने पटना के राजीव नगर थाने में प्राथिमकी दर्ज कराई. प्राथमिकी में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उसके परिवार के सदस्यों सहित छह अन्य व्यक्तियों पर सुशांत को आत्महत्या के लिए मजबूर करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए.

अधिवक्ता अग्रवाल लंबे समय से बोफोर्स तोप सौदा दलाली कांड के मामले को शीर्ष अदालत में आगे बढ़ाते आ रहे हैं. उन्होंने याचिका में कहा है कि इस अभिनेता की असमय मृत्यु के कारणों का पता लगाने के लिए जरूरी है कि इसकी जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंपी जाए.

अग्रवाल ने अपने अतिरिक्त हलफनामे में दलील दी है कि इस मामले की जांच करने के मुंबई पुलिस के तरीके से पूरा देश स्तब्ध है. पुलिस की शुरूआती जांच में अनेक खामियां हैं. इनकी जांच भी जरूरी है कि क्या यह खामियां जानबूझ कर की गई हैं या नहीं.

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे जैसे जिम्मेदार नेता ने आरोप लगाया है कि यह सीधे-सीधे हत्या का मामला है.

याचिका में कहा गया है कि इस मामले में सभी इलेक्ट्रॉनिक चैनलों पर मीडिया ट्रायल हो रहा है. इस मीडिया ट्रायल पर विराम लगाने के लिए जरूरी है कि सीबीआई से इसकी एकीकृत जांच कराई जाए, जो इस तरह के चर्चित मामलों की निष्पक्ष जांच करने में पूरी तरह दक्ष है.

अग्रवाल ने याचिका में कहा है कि बॉलीवुड के उभरते सितारे सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को रहस्यमय परिस्थितियों में अपने आवास में मृत पाए गए थे. मुंबई पुलिस ने तत्काल ही इसे आत्महत्या का मामला घोषित कर दिया, लेकिन 'एम एस धोनी' जैसी फिल्म में मुख्य किरदार की भूमिका निभाने वाले इस अभिनेता के बारे में पुलिस की यह कहानी किसी को हजम नहीं हुई.

याचिका में सुशांत सिंह राजपूत के साथ सह-जीवन में रहने वाली रिया चक्रवर्ती द्वारा उसके खाते से 15 करोड़ रुपए निकाले जाने संबंधी खबरों का भी जिक्र किया है.

इस घटना के संबंध में पटना में दर्ज प्राथमिकी बिहार सरकार पहले ही जांच के लिए केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने की सिफारिश कर चुकी है और केन्द्र ने इसे स्वीकार करके आवश्यक अधिसूचना भी जारी कर दी है.

यह भी पढ़ें : सुशांत केस में पवार बोले- सीबीआई जांच का नहीं करेंगे विरोध

दूसरी ओर, रिया चक्रवती ने सुशांत सिंह राजपूत के पिता द्वारा पटना में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी मुंबई स्थानांतरित करने के अनुरोध के साथ शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर रखी है.

रिया चक्रवती की इस याचिका पर न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की एकल पीठ ने मंगलवार को इस अभिनेत्री के साथ ही सुशांत के पिता कृष्ण किशोर सिंह, बिहार सरकार, महाराष्ट्र सरकार तथा केन्द्र सरकार की दलीलें सुनी थीं. इस याचिका पर न्यायालय अपना आदेश बाद में सुनायेगा.

नई दिल्ली : बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और बिहार सरकार ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में पटना में दर्ज प्राथमिकी मुंबई स्थानांतरित करने के लिए दायर रिया की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में लिखित अभिवेदन दिए. पटना में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में राजपूत के पिता ने रिया और उसके परिवार के सदस्यों सहित छह अन्य लोगों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं.

बिहार सरकार ने अधिवक्ता केशव मोहन के जरिए पेश किए गए अपने लिखित अभिवेदन में चक्रवर्ती की याचिका को खारिज करने का अनुरोध करते हुए कहा, 'जांच का जिम्मा संभालने और इसे तेजी से निपटाने के सीबीआई के रास्ते में किसी भी प्रकार की बाधा डालने की अनुमित नहीं दी जाएगी.'

वहीं चक्रवर्ती ने अपने लिखित अभिवेदन में कहा कि बिहार पुलिस के आदेश पर जांच का जिम्मा सीबीआई को स्थानांतरित किया जाना अधिकार क्षेत्र में नहीं आता.

भाजपा नेता और अधिवक्ता अजय अग्रवाल की इस जनहित याचिका पर प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई कर रही है.

शीर्ष अदालत इससे पहले 30 जुलाई और सात अगस्त को इसी तरह की अलका प्रिया और मुंबई के कानून के छात्र द्विवेन्द्र देवतादीन दुबे की जनहित याचिकायें खारिज कर चुकी हैं.

न्यायालय ने सात अगस्त को दुबे की याचिका खारिज करते हुए कहा था, 'मृतक के पिता इस मामले को आगे बढ़ा रहे हैं. ऐसी कोई वजह नहीं है कि वह इसे ठीक से आगे नहीं बढ़ाऐंगे. इस मामले में आप एक अनजान व्यक्ति हैं और आप अनावश्यक ही इसमें आ रहे हैं. हम इसकी अनुमति नहीं देंगे.'


बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का शव 14 जून को मुंबई के उपनगर बांद्रा में स्थित उनके मकान की छत से लटका मिला था. इसके बाद से ही मुंबई पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और अब तक कम से कम 56 व्यक्तियों के बयान दर्ज कर चुकी है.

इस मामले में सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने पटना के राजीव नगर थाने में प्राथिमकी दर्ज कराई. प्राथमिकी में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उसके परिवार के सदस्यों सहित छह अन्य व्यक्तियों पर सुशांत को आत्महत्या के लिए मजबूर करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए.

अधिवक्ता अग्रवाल लंबे समय से बोफोर्स तोप सौदा दलाली कांड के मामले को शीर्ष अदालत में आगे बढ़ाते आ रहे हैं. उन्होंने याचिका में कहा है कि इस अभिनेता की असमय मृत्यु के कारणों का पता लगाने के लिए जरूरी है कि इसकी जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंपी जाए.

अग्रवाल ने अपने अतिरिक्त हलफनामे में दलील दी है कि इस मामले की जांच करने के मुंबई पुलिस के तरीके से पूरा देश स्तब्ध है. पुलिस की शुरूआती जांच में अनेक खामियां हैं. इनकी जांच भी जरूरी है कि क्या यह खामियां जानबूझ कर की गई हैं या नहीं.

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे जैसे जिम्मेदार नेता ने आरोप लगाया है कि यह सीधे-सीधे हत्या का मामला है.

याचिका में कहा गया है कि इस मामले में सभी इलेक्ट्रॉनिक चैनलों पर मीडिया ट्रायल हो रहा है. इस मीडिया ट्रायल पर विराम लगाने के लिए जरूरी है कि सीबीआई से इसकी एकीकृत जांच कराई जाए, जो इस तरह के चर्चित मामलों की निष्पक्ष जांच करने में पूरी तरह दक्ष है.

अग्रवाल ने याचिका में कहा है कि बॉलीवुड के उभरते सितारे सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को रहस्यमय परिस्थितियों में अपने आवास में मृत पाए गए थे. मुंबई पुलिस ने तत्काल ही इसे आत्महत्या का मामला घोषित कर दिया, लेकिन 'एम एस धोनी' जैसी फिल्म में मुख्य किरदार की भूमिका निभाने वाले इस अभिनेता के बारे में पुलिस की यह कहानी किसी को हजम नहीं हुई.

याचिका में सुशांत सिंह राजपूत के साथ सह-जीवन में रहने वाली रिया चक्रवर्ती द्वारा उसके खाते से 15 करोड़ रुपए निकाले जाने संबंधी खबरों का भी जिक्र किया है.

इस घटना के संबंध में पटना में दर्ज प्राथमिकी बिहार सरकार पहले ही जांच के लिए केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने की सिफारिश कर चुकी है और केन्द्र ने इसे स्वीकार करके आवश्यक अधिसूचना भी जारी कर दी है.

यह भी पढ़ें : सुशांत केस में पवार बोले- सीबीआई जांच का नहीं करेंगे विरोध

दूसरी ओर, रिया चक्रवती ने सुशांत सिंह राजपूत के पिता द्वारा पटना में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी मुंबई स्थानांतरित करने के अनुरोध के साथ शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर रखी है.

रिया चक्रवती की इस याचिका पर न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की एकल पीठ ने मंगलवार को इस अभिनेत्री के साथ ही सुशांत के पिता कृष्ण किशोर सिंह, बिहार सरकार, महाराष्ट्र सरकार तथा केन्द्र सरकार की दलीलें सुनी थीं. इस याचिका पर न्यायालय अपना आदेश बाद में सुनायेगा.

Last Updated : Aug 13, 2020, 2:01 PM IST
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