न्यूयॉर्क: इजराइल ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को अवांछित व्यक्ति घोषित करते हुए अपने देश में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था. यूएन चीफ पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करते हुए इजराइली विदेश मंत्री ने उनपर ईरान और हमास का पक्ष लेने का आरोप लगाया था.
इस कदम के लिए कई देशों ने इजराइल की आलोचना है. लेकिन इस मामले में भारत ने तटस्थ रुख अपनाया है और 104 देशों और अफ्रीकी संघ द्वारा समर्थित पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए, जिसमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस को अवांछित व्यक्ति घोषित करने के लिए इजराइल की आलोचना की गई थी.
दक्षिण अमेरिकी देश चिली ने यूएन चीफ गुटेरेस के समर्थन में एक पत्र के जरिये संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से हस्ताक्षर करने की पहल की. पत्र में कहा गया है, "हम इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले सदस्य देश, इजराइल के विदेश मंत्री के हालिया बयान पर अपनी गहरी चिंता और निंदा व्यक्त करते हैं, जिसमें महासचिव को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है. इस तरह की कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र की अपने जनादेश को पूरा करने की क्षमता को कमजोर करती है, जिसमें संघर्षों में मध्यस्थता करना और मानवीय सहायता प्रदान करना शामिल है."
गुटेरेस में "पूर्ण समर्थन और विश्वास" की पुष्टि करते हुए पत्र में कहा गया है, "हमें शांति और सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने और मध्य-पूर्व की स्थिति के संबंध में प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के साथ जोड़ने पर पूरा भरोसा है."
हस्ताक्षरकर्ता देशों में फ्रांस, रूस, चीन शामिल
बीते शुक्रवार को जारी हस्ताक्षरकर्ता देशों की अंतिम सूची में 104 देश और 55 सदस्यीय अफ्रीकी संघ शामिल थे. पत्र का समर्थन वाले प्रमुक देशों में चीन, फ्रांस, रूस, ब्राजील, स्विट्जरलैंड, कोलंबिया, स्पेन, युगांडा, इंडोनेशिया, गुयाना, मेक्सिको और अन्य शामिल हैं. हालांकि भारत, अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया और कई यूरोपीय देशों ने पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए.
इस मामले में भारत की अनुपस्थिति चौंकाने वाली है, क्योंकि भारत ने हमेशा संयुक्त राष्ट्र को महत्वपूर्ण महत्व दिया है. भारत के पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए जाने के संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
4 अक्टूबर को मीडिया ब्रीफिंग में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के संबंध में सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि एंटोनियो गुटेरेस संयुक्त राष्ट्र महासचिव हैं. वह हमारे लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव हैं. कोई और इस बारे में क्या कहता है, तीसरा व्यक्ति क्या कहता है, यह हमारा दृष्टिकोण या टिप्पणी का विषय नहीं है.
63 साल पहले किसी देश ने संयुक्त राष्ट्र के किसी शीर्ष अधिकारी के खिलाफ ऐसा कदम उठाया था. जब 1961 में, सोवियत संघ ने डैग हैमरशोल्ड को संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख के रूप में मान्यता देने से इनकार कर दिया था. हालांकि, सोवियत संघ ने उन्हें अवांछित व्यक्ति घोषित नहीं किया था.
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