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रक्षा मंत्री ने सुकना में एलएसी स्थिति की समीक्षा की

रक्षा मंत्री दोपहर में दार्जिलिंग जिले में एक प्रमुख सैन्य अड्डे पहुंचे थे. जिसे ‘त्रिशक्ति’ कोर के रूप में जाना जाता है. वह पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा गतिरोध के मद्देनजर सैन्य तैयारियों की समीक्षा के साथ-साथ सैनिकों के साथ दशहरा मनाने के लिए पश्चिम बंगाल और सिक्किम की दो दिवसीय यात्रा पर है. सिंह के साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी थे.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
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Published : Oct 25, 2020, 7:28 AM IST

Updated : Oct 25, 2020, 8:19 AM IST

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी सेक्टर में सुकना स्थित 33वीं कोर के मुख्यालय में भारतीय सेना की तैयारियों की समीक्षा की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. यह कोर सिक्किम में चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर निगरानी रखती है.

रक्षा मंत्री दोपहर में दार्जिलिंग जिले में एक प्रमुख सैन्य अड्डे पहुंचे थे. जिसे ‘त्रिशक्ति’ कोर के रूप में जाना जाता है. वह पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा गतिरोध के मद्देनजर सैन्य तैयारियों की समीक्षा के साथ-साथ सैनिकों के साथ दशहरा मनाने के लिए पश्चिम बंगाल और सिक्किम की दो दिवसीय यात्रा पर है. सिंह के साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी थे.

अधिकारियों ने बताया कि 33वीं कोर के शीर्ष कमांडरों ने सिक्किम सेक्टर में एलएसी के पास स्थिति के साथ-साथ सैनिकों और हथियारों की तैनाती के बारे में भी रक्षा मंत्री और जनरल नरवणे को विस्तृत जानकारी दी. सेना के जवानों के एक समूह के साथ बातचीत में रक्षा मंत्री ने विजयदशमी के अवसर पर उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी और देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए उनके समर्पण की सराहना की.उन्होंने कहा आप जैसे बहादुर सैनिकों के कारण, इस देश की सीमाएं सुरक्षित हैं. पूरे देश को आप पर गर्व है.

रक्षा मंत्री ने त्रिशक्ति वाहिनी के समृद्ध इतिहास के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा त्रिशक्ति कोर का एक महान स्वर्णिम इतिहास है. विशेष रूप से 1962, 1967, 1971 और 1975 में, इस कोर ने वीरता के उदाहरणों का प्रदर्शन किया. यह उत्कृष्ट रही है. रक्षा मंत्रालय के कार्यालय ने उनके हवाले से ट्वीट किया मैं विजयदशमी के पर्व के लिए आप सभी और आपके परिवार को शुभकामनाएं देता हूं.

पढ़ें : चीन सीमा पर भारतीय सैनिकों ने अभूतपूर्व कार्य किया : राजनाथ सिंह

अधिकारियों ने बताया कि सिंह दशहरे के अवसर पर रविवार की सुबह सिक्किम के शेरथांग इलाके में ‘शस्त्र पूजा’ (हथियारों की पूजा) करेंगे. गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच लगभग पांच महीने से सीमा पर गतिरोध चल रहा है जिससे उसके संबंधों में तनाव आया है. दोनों पक्षों ने गतिरोध को दूर करने के लिए राजनयिक और सैन्य स्तर पर कई दौर की वार्ता की है. हालांकि गतिरोध को समाप्त करने में कोई सफलता नहीं मिली है.

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी सेक्टर में सुकना स्थित 33वीं कोर के मुख्यालय में भारतीय सेना की तैयारियों की समीक्षा की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. यह कोर सिक्किम में चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर निगरानी रखती है.

रक्षा मंत्री दोपहर में दार्जिलिंग जिले में एक प्रमुख सैन्य अड्डे पहुंचे थे. जिसे ‘त्रिशक्ति’ कोर के रूप में जाना जाता है. वह पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा गतिरोध के मद्देनजर सैन्य तैयारियों की समीक्षा के साथ-साथ सैनिकों के साथ दशहरा मनाने के लिए पश्चिम बंगाल और सिक्किम की दो दिवसीय यात्रा पर है. सिंह के साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी थे.

अधिकारियों ने बताया कि 33वीं कोर के शीर्ष कमांडरों ने सिक्किम सेक्टर में एलएसी के पास स्थिति के साथ-साथ सैनिकों और हथियारों की तैनाती के बारे में भी रक्षा मंत्री और जनरल नरवणे को विस्तृत जानकारी दी. सेना के जवानों के एक समूह के साथ बातचीत में रक्षा मंत्री ने विजयदशमी के अवसर पर उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी और देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए उनके समर्पण की सराहना की.उन्होंने कहा आप जैसे बहादुर सैनिकों के कारण, इस देश की सीमाएं सुरक्षित हैं. पूरे देश को आप पर गर्व है.

रक्षा मंत्री ने त्रिशक्ति वाहिनी के समृद्ध इतिहास के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा त्रिशक्ति कोर का एक महान स्वर्णिम इतिहास है. विशेष रूप से 1962, 1967, 1971 और 1975 में, इस कोर ने वीरता के उदाहरणों का प्रदर्शन किया. यह उत्कृष्ट रही है. रक्षा मंत्रालय के कार्यालय ने उनके हवाले से ट्वीट किया मैं विजयदशमी के पर्व के लिए आप सभी और आपके परिवार को शुभकामनाएं देता हूं.

पढ़ें : चीन सीमा पर भारतीय सैनिकों ने अभूतपूर्व कार्य किया : राजनाथ सिंह

अधिकारियों ने बताया कि सिंह दशहरे के अवसर पर रविवार की सुबह सिक्किम के शेरथांग इलाके में ‘शस्त्र पूजा’ (हथियारों की पूजा) करेंगे. गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच लगभग पांच महीने से सीमा पर गतिरोध चल रहा है जिससे उसके संबंधों में तनाव आया है. दोनों पक्षों ने गतिरोध को दूर करने के लिए राजनयिक और सैन्य स्तर पर कई दौर की वार्ता की है. हालांकि गतिरोध को समाप्त करने में कोई सफलता नहीं मिली है.

Last Updated : Oct 25, 2020, 8:19 AM IST
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