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सावन के दूसरे सोमवार को भगवान अमरनाथ की आरती में जुटे श्रद्धालु

पौराणिक ग्रंथों में सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष बताया गया है. देशभर के शिवालयों में भक्त अलग-अलग तरीकों से शिव की उपासना करते हैं. अमरनाथ गुफा में हिमलिंग के प्रति आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं ने आज सावन के दूसरे सोमवार को सुबह होने वाली आरती-पूजा में हिस्सा लिया.

amarnath
अमरनाथ गुफा में आरती
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Published : Jul 13, 2020, 8:37 AM IST

Updated : Jul 13, 2020, 3:14 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना वायरस (कोविड-19) का सामना कर रही पूरी दुनिया शारीरिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग), सेनिटाइजर और फेस मास्क का उपयोग कर इस महामारी से बचने के उपक्रम कर रही है. इसी कड़ी में भारत में अमरनाथ गुफा में भगवान शिव के हिमलिंग के दर्शन करने पहुंचे लोगों को भी कोरोना महामारी से बचने के उपाय अपनाते देखा गया. सावन की दूसरी सोमवारी को अमरनाथ गुफा में सुबह की आरती पूरे विधि-विधान से की गई. इस दौरान सुरक्षाबलों के अलावा गुफा में अनुष्ठान करने वाले पुरोहित व अन्य लोग भी मौजूद रहे.

दरअसल, इस वर्ष कोरोना महामारी की इस अवधि में बड़ी संख्या में लोगों के जमावड़े को रोकने के लिए सरकार ने कई तरीके की पाबंदियां लगाई हैं. जिसे देखते हुए सार्वजनिक स्थानों और बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की जगहों पर जरूरी एहतियात बरते जा रहे हैं.

मध्य प्रदेश के इंदौर में महाकाल की उपासना

गौरतलब है कि अमरनाथ गुफा में भगवान शिव हिमलिंग के रूप में विराजमान हैं. हर साल की भांति इस वर्ष की यह ऐतिहासिक तीर्थयात्रा भी कोरोना से प्रभावित हुई है. सावन के महीने में शिव की आराधना को लेकर भी लोगों की विशेष आस्था होती है. ऐसे में यात्रा को पूरी तरह स्थगित नहीं किया गया है. लोगों को जरूरी प्रमाण पत्र के साथ सीमित संख्या में यात्रा की अनुमति दी गई है.

shiva
महाकाल मंदिर में भगवान शिव का श्रृंगार

हिंदी कैलेंडर में सावन का महीना आमतौर से जुलाई-अगस्त में आता है. इस कालखंड में मॉनसून की बारिश और वर्षा ऋतु अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में होती है. इस अवधि में श्रद्धालु भगवान शिव की उपासना भी करते हैं. हालांकि, इस वर्ष महामारी की चपेट में आने के कारण उपासना पद्धति में भी कई बदलाव देखे जा रहे हैं.

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उज्जैन के महाकाल मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक

श्रावण मास के दूसरे सोमवार को मध्य प्रदेश के शिवालयों में भी भक्तों के पहुंचने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया. उज्जैन के महाकाल मंदिर में भक्त बाबा महाकाल का पंचामृत दूध, दही, घी शक्कर, शहद और सुगन्धित द्रव्यों से अभिषेक किया गया.

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अमरनाथ गुफा में आरती के दौरान पुरोहित

भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकाल का विशेष श्रंगार किया गया. इसके बाद भस्म आरती की गई. बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए भक्त मंदिर में पहुंच रहे हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते ज्यादातर लोग महाकाल के ऑनलाइन ही दर्शन कर रहे हैं.

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण के दूसरे सोमवार को रात 2:30 बजे मंदिर के पट खोले गए. जिसके बाद बाबा महाकाल को जल चढ़ाया गया और फिर पंचामृत अभिषेक पूजन के बाद भांग का विशेष श्रंगार कर भस्म आरती की गई. पुजारियों ने भगवान महाकाल से प्रार्थना की. मान्यता है कि श्रावण माह में भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से हर इच्छा पूरी हो जाती है.

नई दिल्ली : कोरोना वायरस (कोविड-19) का सामना कर रही पूरी दुनिया शारीरिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग), सेनिटाइजर और फेस मास्क का उपयोग कर इस महामारी से बचने के उपक्रम कर रही है. इसी कड़ी में भारत में अमरनाथ गुफा में भगवान शिव के हिमलिंग के दर्शन करने पहुंचे लोगों को भी कोरोना महामारी से बचने के उपाय अपनाते देखा गया. सावन की दूसरी सोमवारी को अमरनाथ गुफा में सुबह की आरती पूरे विधि-विधान से की गई. इस दौरान सुरक्षाबलों के अलावा गुफा में अनुष्ठान करने वाले पुरोहित व अन्य लोग भी मौजूद रहे.

दरअसल, इस वर्ष कोरोना महामारी की इस अवधि में बड़ी संख्या में लोगों के जमावड़े को रोकने के लिए सरकार ने कई तरीके की पाबंदियां लगाई हैं. जिसे देखते हुए सार्वजनिक स्थानों और बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की जगहों पर जरूरी एहतियात बरते जा रहे हैं.

मध्य प्रदेश के इंदौर में महाकाल की उपासना

गौरतलब है कि अमरनाथ गुफा में भगवान शिव हिमलिंग के रूप में विराजमान हैं. हर साल की भांति इस वर्ष की यह ऐतिहासिक तीर्थयात्रा भी कोरोना से प्रभावित हुई है. सावन के महीने में शिव की आराधना को लेकर भी लोगों की विशेष आस्था होती है. ऐसे में यात्रा को पूरी तरह स्थगित नहीं किया गया है. लोगों को जरूरी प्रमाण पत्र के साथ सीमित संख्या में यात्रा की अनुमति दी गई है.

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महाकाल मंदिर में भगवान शिव का श्रृंगार

हिंदी कैलेंडर में सावन का महीना आमतौर से जुलाई-अगस्त में आता है. इस कालखंड में मॉनसून की बारिश और वर्षा ऋतु अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में होती है. इस अवधि में श्रद्धालु भगवान शिव की उपासना भी करते हैं. हालांकि, इस वर्ष महामारी की चपेट में आने के कारण उपासना पद्धति में भी कई बदलाव देखे जा रहे हैं.

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उज्जैन के महाकाल मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक

श्रावण मास के दूसरे सोमवार को मध्य प्रदेश के शिवालयों में भी भक्तों के पहुंचने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया. उज्जैन के महाकाल मंदिर में भक्त बाबा महाकाल का पंचामृत दूध, दही, घी शक्कर, शहद और सुगन्धित द्रव्यों से अभिषेक किया गया.

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अमरनाथ गुफा में आरती के दौरान पुरोहित

भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकाल का विशेष श्रंगार किया गया. इसके बाद भस्म आरती की गई. बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए भक्त मंदिर में पहुंच रहे हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते ज्यादातर लोग महाकाल के ऑनलाइन ही दर्शन कर रहे हैं.

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण के दूसरे सोमवार को रात 2:30 बजे मंदिर के पट खोले गए. जिसके बाद बाबा महाकाल को जल चढ़ाया गया और फिर पंचामृत अभिषेक पूजन के बाद भांग का विशेष श्रंगार कर भस्म आरती की गई. पुजारियों ने भगवान महाकाल से प्रार्थना की. मान्यता है कि श्रावण माह में भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से हर इच्छा पूरी हो जाती है.

Last Updated : Jul 13, 2020, 3:14 PM IST
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