नई दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत, IAF चीफ एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह और DRDO के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) भवन पहुंचे हैं. यहां 41वें DRDO डायरेक्टर्स कॉन्फ्रेंस की जा रही है.
41वें DRDO निदेशकों के सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम की 88वीं जयंती पर उनका आभार व्यक्त किया.
सिंह ने कहा कि कलाम एक स्वीकृत वैज्ञानिक थे. अनुसंधान और मिसाइल विकास में उनके योगदान ने भारत को स्वदेशी क्षमताओं के लिए पहचाने जाने वाले देशों की सूची में शामिल किया.
इस मौके पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने कहा कि या तो आप अपने प्रतिद्वंद्वियों से बेहतर हैं या आप वहां बिल्कुल नहीं हैं. आधुनिक दुनिया में प्रौद्योगिकी और धन दो चीजें हैं, जो भू-राजनीति को प्रभावित करती हैं.
उन्होंने कहा कि आधुनिक दौर में कौन जीतेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि यह दोनों (तकनीक और पैसा) किसके पास हैं, उसमें भी प्रौद्योगिकी अधिक महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि हमारे पास कुछ ऐसी तकनीकें हैं, जो भारत को अधिक सुरक्षा प्रदान करती हैं. उन्होंने कहा कि हमें अपनी रक्षा सेवाओं और खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर एक कठिन आकलन करना होगा कि हमारी जरूरतें क्या हैं जो हमें अपने विरोधी पर जीत दिलाएंगी.
डोभाल ने कहा कि जिस सेना के पास बहतर हथियार होते हैं, वह सेना हमेशा मानव जाति की नियति का फैसला करती हैं. वह सेनाएं वहीं हैं जिनके पास हमेशा उच्च प्रौद्योगिकी थी. इस पर भारत का अपना ऐतिहासिक अनुभव दुखद रहा है, हम उपविजेता रहे, लेकिन रनर अप के लिए कोई ट्रॉफी नहीं है.
वहीं, इस मौके पर 41वें डीआरडीओ निदेशकों के सम्मेलन में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि डीआरडीओ ने यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए हैं कि हमारी आवश्यकताओं को घरेलू समाधानों के माध्यम से पूरा किया जाए. उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि हम स्वदेशी हथियार प्रणालियों और उपकरणों के माध्यम से अगला युद्ध लड़ेंगे और जीत भी हासिल करेंगे.
सेना प्रमुख ने आगे कहा कि हम भविष्य में युद्ध के लिए प्रणालियों को देख रहे हैं. हमें साइबर, स्पेस, लेजर, इलेक्ट्रॉनिक और रोबोटिक टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास को शुरू करना होगा.
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इससे पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा है कि मेरे पास तीन सुझाव हैं- एक है आला प्रौद्योगिकी पर होना. दूसरा, हमें अमेरिका में DARPA जैसे मॉडलों पर करीब से नजर डालनी चाहिए और तीसरा यह है कि हमें छोटे समय के इनोवेटर्स को प्रोत्साहित करने की जरूरत है.
बता दें, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, IAF चीफ एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजी अब्दुलकलाम को DRDO भवन में उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की.