कर्मचारियों का व्यवहार, चिकित्सकों की लापरवाही से बढ़ रहा मरीजों का दर्द
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लखनऊः रात में हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल में न तो कोई सुनने वाला होता है और न ही कोई देखने वाला. अगर आप अस्पताल की इमरजेंसी में आते हैं तो दो पैरासिटामॉल और एक इंजेक्शन तुरंत लगाए जाएंगे लेकिन इसके बाद रातभर मरीजों की सुध लेने के लिए कोई नहीं आता है. ETV BHARAT की रिपोर्टर ने रात में सिविल अस्पताल की हकीकत जानने की कोशिश की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में रात में 11:30 के बाद कोई भी कर्मचारी व डॉक्टर वार्ड के अंदर मरीज की सुध लेने के लिए एक बार भी नहीं पहुंचे. रातभर कितने मरीज इमरजेंसी में आए, कितने तीमारदार गुस्से में मरीज को लेकर चले गए. सिविल अस्पताल की इमरजेंसी की स्थिति जानने के लिए देखें स्पेशल रिपोर्ट...