Kanpur News : व्यापारी बोले, युवाओं को खूब पसंद आ रही तुर्की व अरमानी टोपी, जानिए क्या है कीमत
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कानपुर : कहा जाता है कि रमजान का महीना इबादत के नजरिए से बेहद अहम होता है. जानकार बताते हैं कि रमजान में की गई इबादत का 70 गुना फल अधिक मिलता है. यही कारण है कि मुस्लिम युवा, महिलाएं व अन्य जन रोजा रखते हैं. समय से नमाज अदा करते हैं.
करीब एक माह तक चलने वाले इसी रमजान के माह में मुस्लिम क्षेत्रों में युवा जमकर खरीदारी भी करते हैं. ऐसे में जहां वह अपने लिए शानदार व तरह-तरह की डिजाइन वाला कुर्ता-पायजामा खरीदते हैं, वहीं सिर पर स्टाइलिश टोपी भी उनके पहनावे का हिस्सा होती है. ऐसे में शहर में पिछले कई दिनों से युवा तुर्की व अरमानी टोपी को लेकर बहुत अधिक उत्साहित हैं. शहर के सीसामऊ स्थित एक शोरूम में मौजूद इन टोपियों को लेकर व्यापारी सैय्यद अरमान ने बताया कि 'उनके यहां 30 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये कीमत वाली टोपियां मौजूद हैं. सबसे अधिक मांग तुर्की, अरमानी, इंडोनेशियन, बांग्लादेशी टोपियों की है. इनमें ऊपर की ओर से बेहतरीन डिजाइन दिए गए हैं, जो हीरे की तरह चमकते हैं. उन्होंने कहा कि टोपियों के अलावा युवाओं की दूसरी पसंद इत्र है, जिसमें उन्हें विदेशी ब्रांड सबसे अधिक भा रहा है. व्यापारी ने कहा कि कोरोना के दौर में बहुत अधिक नुकसान हुआ था, हालांकि, इस साल उम्मीद है कि कारोबार अच्छा होगा.'
इस पूरे मामले पर शहरकाजी के प्रवक्ता महबूब आलम ने बताया कि 'रमजान की महीना इस्लाम धर्म में इबादत का महीना कहा जाता है. अधिक से अधिक नमाज अदाएगी होती है और मुस्लिमों में रोजा तो रखा ही जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि रमजान के महीने में मुस्लिमों को जकात भी देनी होती है, यह शुभ मानी जाती है. बानगी के तौर पर बताया कि अगर किसी के पास एक लाख रुपये है तो उसे ढाई प्रतिशत राशि जकात के रूप में देनी होती है, जो खासतौर से वंचित वर्ग के लोगों को दी जाती है.'
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