नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के (BJP) ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के. लक्ष्मण ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सिर्फ चुनाव के समय ओबीसी वोट बैंक का इस्तेमाल करती आई है, लेकिन कभी उस वोट बैंक के लिए ना तो पॉलिसी लेकर आती और न ही ओबीसी बोर्ड को अपने शासनकाल में कभी संवैधानिक दर्ज दिलवा पाई. अब बिहार और दिल्ली के चुनाव को देखते हुए कांग्रेस जातिगत जनगणना की मांग उठा रही है. भाजपा नेता ने ये भी दावा किया कि दिल्ली का ओबीसी वोटर भाजपा के साथ है.
दिल्ली का ओबीसी वोटर्स भाजपा के साथ है क्योंकि भाजपा ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्ज दिया है और देश भर में ओबीसी वर्ग के लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा. कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने सिर्फ ओबीसी को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया, मगर दिया कुछ नहीं. ये कहना है, भाजपा के ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष के लक्ष्मण का.
उन्होंने कहा कि पहले हर चुनाव में कांग्रेस से लेकर तमाम विपक्षी पार्टियां सिर्फ ओबीसी का मुद्दा उठाती थीं, उसके बाद भूल जाती थीं. मगर 2014 के बाद से जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आई है, न सिर्फ वर्षों से लंबित मांग को पूरा करते हुए ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्ज दिया गया, बल्कि हमारी सरकार ने बड़ी संख्या में ओबीसी नेताओं को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया.
लक्ष्मण ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी जब भी चुनाव आता है तब ओबीसी और जाति जनगणना की बात उठाकर ओबीसी वर्ग को मात्र एक वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं.
उन्होंने कहा कि तेलंगाना में, कर्नाटक में क्यों नहीं ओबीसी आयोग काम कर रहा है. इन राज्यों की सरकार ने दलितों और पिछड़ों को कितना न्याय दिलाया है. अब बिहार के चुनाव को देखते हुए फिर से जातिगत जनगणना की मांग उठाई जा रही है. मगर अब मतदाता यह जान चुके हैं कि कौन पार्टी उनके हित में कार्य कर ही है और कौन मात्र राजनीति कर रही है.
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